♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

डॉ. संजय अलंग का व्याख्यान JNU दिल्ली में…शोध के लिए मिल चुके हैं कई सम्मान..

अनूप बड़ेरिया

रिटायर्ड डॉ. संजय अलंग का व्याख्यान फ़रवरी के अंत में जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय नई दिल्ली में आयोजित है। डॉ अलंग की छत्तीसगढ़ के इतिहास और संस्कृति पर दस से अधिक शोध पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। वे छत्तीसगढ़ से संबंधित विषयों पर विशेषज्ञ व्याख्यान देने हेतु बड़े मंचों पर बुलाए जाते रहे हैं। डॉ संजय अलंग हाल में अरुणाचल प्रदेश साहित्य महोत्सव, ईटानगर; विश्व पुस्तक मेला, नई दिल्ली; आज तक साहित्य महोत्सव, नई दिल्ली; बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU),वाराणसी: रायपुर साहित्य महोत्सव आदि स्थानों पर भी छत्तीसगढ़ पर विशेषज्ञ व्याख्यान दे चुके हैं या कविता पाठ कर चुके हैं।
डॉ संजय अलंग इतिहास, संस्कृति और जनजातीय विषयों पर शोध करने के अलावा, इन विषयों को स्पष्ट करने के लिए व्याख्यान देते रहते है। वे इस हेतु कई राष्ट्रीय स्तर के मंचों पर बुलाए जाते हैं। इस बार उनका व्याख्यान JNU में है। पूर्व में वे BHU में भी व्याख्यान दे चुके हैं।

डॉक्टर संजय अलंग द्वारा लिखी गई शोध पुस्तक छत्तीसगढ़ : इतिहास और संस्कृति को सर्वश्रेष्ठ शोध शिक्षा लेखन हेतु भारत सरकार का सर्वोच्च सम्मान एक लाख रुपए के साथ प्रदान किया गया था।
डॉ संजय अलंग की लिखी छत्तीसगढ़ की रियासतें और जमींदारियां, छत्तीसगढ़ की जनजातीयां और जातियाँ सहित दस से अधिक पुस्तकें हैं।
उन्हें शोध के लिए कई सम्मान प्राप्त हो चुके हैं।
संजय अलंग के तीन कविता संग्रह- शव, पगडंडी छिप गई थी (छत्तीसगढ़ पर एकाग्र) और नदी उसी तरह सुन्दर थी जैसे कोई बाघ- हिन्दी में और एक कविता संग्रह- मउहा कान म बोलय बांस – छत्तीसगढ़ी में प्रकाशित हो चुके हैं। उन्हें कविताओं के लिए भी कई सम्मान मिल चुके हैं।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

Please Share This News By Pressing Whatsapp Button



स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

जवाब जरूर दे 

[poll]

Related Articles

Back to top button
Don`t copy text!
Close