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अवैध ईंट भट्टों का कारोबार जोरों पर बिना लाइसेंस के कई ईंट भट्टों का हो रहा संचालन..

 

लाल दास महंत कल्ला की रिपोर्ट

पोडी बचरा /जिला मुख्यालय सहित नगर के चारों ओर अवैध ईंट भट्टों का कारोबार जोरों पर है। ईंट भट्ठा संचालक शासन के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। बिना लाइसेंस के कई ईंट भट्टे संचालित हो रहे हैं। ईंट भट्ठों के संचालक मोटी रकम कमाई कर रहे हैं। इससे शासन प्रशासन को लाखों रुपये की राजस्व क्षति हो रही है। जिले में ईट भट्टे के कारोबार करने की होड़ मची हुई है।जबकि शासन के निर्देशानुसार ईंट भट्टे लगाने के लिए बाकायदा शासन से अनुमति की आवश्यकता है मगर अनुमति नहीं ली जाती कोयले से इन्हें पकाया जाता है।

कोरिया जिला मुख्यालय अंतर्गत बचरा में प्रशासन की नाक के नीचे अवैध ईंट भट्ठों का संचालन किया जा रहा है और राजस्व और खनिज विभाग के अधिकारी मूक दर्शक बने बैठे हैं। यहां के लोगों का कहना है कि बचरा में प्राथमिक शाला से महज 50 मीटर की दूरी पर अवैध ईट भट्ठा संचालित है और इन भट्ठों से निकलने वाले धुआँ से बच्चों को पढाई करने में भारी परेशानी होती है एवं कोयले के धुएं से सांस लेने में भी परेशानी हो रही ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारियों की मिली भगत से अवैध ईंट भट्ठे संचालित हो रहे हैं। क्षेत्रवासियों ने इन पर कार्रवाई की मांग की है। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा आज तक इन अवैध कारोबारियों के विरूद्ध बड़ी कार्रवाई नहीं हुई। इससे अवैध ईंट बनाने वालों के हौसले बुलंद हैं। कभी कभार छोटी मोटी कार्रवाई होती है मगर बड़े पैमाने पर ईंटों का कारोबार करने वालों पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है। प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने से प्रतिवर्ष ईंट भट्टा संचालकों की संख्या बढ़ती जा रही है। कई ठेकेदारों द्वारा एक जगह की अनुमति लेने के बाद कई जगहों पर ईंट भट्ठा संचालित किया जाता है। ऐसे ईंट भट्ठों को बंद कराने में खनिज व राजस्व विभाग के अधिकारी अक्षम साबित हो रहे हैं। इन अवैध ईटों को पकाने के लिए अधिकांश जगहों पर अवैध कोयला खरीदी कर इसका उपयोग ईट भट्टा संचालकों द्वारा किया जाता है। साथ ही कई जगहों पर बड़े-बड़े वृक्षों की भी बलि चढ़ा दी जाती है।

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