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अपेक्स बैंक सहकारी समिति घोटाले पर घोटाला और पर्दा…. संरक्षक और संरक्षण किसके इशारे पर …करोड़ों के घोटाले का पर्दाफाश …. और होना बाकि… क्या यहां भी आएगी जांच की आंच ?

शमशाद अहमद/-

रायगढ़। जिले के सारंगढ़ विधान सभा में सहकारी समितियों में हुए घोटाले के बाद अपैक्स बैंक प्रबंधन स्वालों के घेरे में है। जांच के नाम पर खाली हथौड़ा पीटा जा रहा है और घोटालेबाजों को बचाने की भरसक प्रयास किया जा रहा है। सारंगढ़ के बाद रायगढ़ विधान सभा के पुसौर ब्लॉक और सरिया क्षेत्र में भी व्यापक पैमाने पर फर्जी लोन देने खादबीज के नाम पर फर्जीवाड़ा कर जमकर जेबें गरम की गई है।
जिस तरह से सारंगढ़ में हुए अपैक्स बैंक घोटाला उजागर हुवा इसके बाद तो भ्रष्टाचार के मामले में सारंगढ़ से रायगढ़ भी कमतर नहीं, एक के बाद एक परत खुलने लगी है। जैसा की सभी देख पढ़ सुन रहे हैं सारंगढ़ क्षेत्र की सहकारी समितियों के माध्यम से खाद,बीज खेती किसानी के नाम पर फर्जीवाड़ा कर करोड़ों के फर्जी लोन बांट दिया गया और करोड़ों रुपए से अपनी जेबें गर्म कर ली गई। मामला सामने आने के बाद अब इस भ्रष्टचार के पन्ने को बंद करने हर हो शाम दाम दण्ड भेद की नीति अपनाई जा रही है जिससे आरोपियों के साथ अधिकारी खुद को भी बचा सकें।
धान घोटालों की तर्ज पर किसानों को फर्जी लोन बांटने के लिए संगठित गिरोह के द्वारा सफेदपोश नेताओं के इशारे पर जमकर किया गया। इस क्षेत्र के जानकारों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि संगठित गिरोह के द्वारा अपने सफेदपोश आकाओं के इशारे पर पिछले 2018 से लेकर 2023-24 तक धान खरीदी केंद्रों में बड़े ही संगठित तरीके से सत्ता का उपयोग कर फर्जीवाड़ा किया गया। इस गिरोह के द्वारा पहले तो चिन्हित कर समितियों में अपने फायदे के लोगों को प्रबंधक के तौर पर बैठाया। इसके बाद फिर लोन खाद बीज के नाम पर अफरा तफरी करना शुरू किया गया।
सारंगढ़ की तर्ज पर रायगढ़ विधानसभा के सरिया,पुसौर और पूर्वांचल में भी व्यापक तरीके से भ्रष्टाचार किया जा सके ऐसी परिस्थितियां तैयारियां की गई। सूत्र बताते हैं कि उन जमीनों की सूची तैयार की गई जो या तो सरकारी हैं या जिन पर सालों से खेती किसानी होती नहीं है। ऐसी जमीनों की सूची तैयार कर खसरा बी 1 रकबा आदि में फर्जी नामों को चढ़ाया गया, जो भौतिक रूप से आज भी सरकारी है या खाली पड़ी भूमि है। चूंकि यह सर्व विदित है और सारंगढ़ में जो देखने सुनने में आया सरकारी जमीन थी और उन पर फर्जी तरीके से नाम चढ़ाया गया था। इसमें अपेक्स बैंक के अधिकारी कर्मचारियों की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है।


जिन लोगों के नाम पर लोन निकाला गया था उन्हें तो इसकी भनक तक नहीं थी और भ्रष्टाचार की बयार बहाने वाले संगठित गिरोह को यह पूरा भरोसा था की अगले टर्म में कांग्रेस की सरकार पुनः आ जायेगी और इस तरह के सभी किसानों के ऋण माफ कर दिए जाएंगे और वे सभी सफेद पोश और संगठित गिरोह पाक साफ रहेंगे। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। उन्हें यह जरा भी गुमान न था कि प्रदेश ने सरकार बदल जायेगी और सारा खेल बिगड़ जायेगा।
घोटाले की परत को खोलने के लिए रायगढ़ विधान सभा के सरिया, पुसौर के साथ पूर्वांचल क्षेत्र अंतर्गत धान खरीदी केंद्रों और उप केंद्रों की सूक्ष्मता से जांच की जाए तो घोटालों की परत खुलेगी और स्पष्ट हो जाएगा की यहां भी करोड़ों के ऋण फर्जी तरीके से बांट दिए गए और अपनी अपनी जेबें भरपूर तरीके से गर्म कर ली गई है।

इस संबंध में सारंगढ़ और सरिया क्षेत्र में उजागर हुए फर्जी ऋण वितरण पर जांच कार्रवाई की जानकारी और अन्य समितियों में भ्रष्टाचार को लेकर जांच को लेकर अपेक्स बैंक के ओ एस डी पंकज सोढ़ी के मोबाइल नंबर *93404 09195* पर कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। इसी तरह तात्कालिक उप पंजीयक सहकारिता के श्री जायसवाल से भी कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई पर संपर्क नहीं हो सका आगे अपडेट लेकर जानकारी प्रसारित करने की कोशिश रहेगी।

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