
बाबा साहब आंबेडकर की प्रतिमा पर कालिख पोतने की घटना कोई समान्य नहीं ….. अपराधिक असमाजिक तत्वों में नहीं कानून का खौफ ….जब ऐसे अपराधिक असमाजिक घटनाएं बढ़ने लगे तो समझे सत्ता और ब्यूरोक्रेसी में नहीं तालमेल ..
रायगढ़। शहर में स्थित संविधान निर्माता बाबा साहब आंबेडकर की प्रतिमा के चेहरे पर कालिख पोतने की घटना को समान्य नहीं मानना चाहिए यह एक ऐसा कृत्य है जिसे जन समान्य को झकझोर देने वाली है। बाबा साहब के चेहरे पर कालिख पोतना किसी समान्य घटना के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए।
बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर कालिख पोतने वाले असमाजिक तत्व जो कोई भी हो, उसे न तो कानून का खौफ होगा और न ही संविधान निर्माता के तौर पर सबसे सम्मानित महापुरुष बाबा साहब के प्रति कोई सम्मान। जब आपराधिक घटनाएं बढ़ने लगे और अपराधिक असमाजिक तत्वों में कानून का खौफ न के बराबर हो जाए तब यह मान लेना चाहिए कि सत्ता में बैठे नेताओं और लालफीताशाही दोनों में तालमेल नहीं है। जब चोरी लूट खसोट हत्या बलात्कार की घटनाओं के साथ महापुरुषों के सम्मान में अपराधिक कृत्य होने लगे तो यह भी समझने में देर नहीं लगती है कि इस तरह के अपराधिक घटनाओं में नशा एक बड़ा अहम भूमिका अदा करता है। बाबा साहब के चेहरे पर कालिख पोतने की घटना के बाद यह भी चर्चा आम है कि यह किसी न किसी के द्वारा या तो जानबूझ कर ऐसा किया गया है? पर बाबा साहब के चेहरे पर कालिख पोता गया है। दोनों ही स्थिति में यह समझना होगा की ऐसा करने के पीछे घटना कारित करने वाले या वालों ने ऐसा क्या सोच कर किया। समान्य तौर पर इस तरह की घटना सामान्य हालत में नहीं किया जा सकता है।
इस तरह के कृत्य ऐसे लोग या तत्व करते हैं जिनके पास कोई काम काज नहीं होता है अर्थात इस तरह घटनाओं के यथा चोरी चकारी लूट खसोट जैसी घटनाएं अक्सर बेरोजगार ही करते हैं। काम काजी लोगों के पास न तो इतना समय होता है और न ही उनके पास परिवार चलाने की चिंता में दूसरा कुछ सोच पाने का समय होता है। खास तौर पर सामान्य वर्ग के पास न तो इस तरह की घटनाओं के लिए सोचने का समय होता है और न ही उनके दिलों दिमाग में इतना साहस उत्पन्न कर पाता है। शहर में बाबा साहब की प्रतिमा चक्रधर नगर थाना से कोई बहुत दूर नहीं है ऐसे में समझना होगा कि लोगों में कानून के डंडे का खौफ नहीं के बराबर रह गया है।
हमारा रायगढ़ जिसकी आबो हवा सदा ही जाति और धर्म से ऊपर उठ कर रही है इसमें जिसने भी जहर घोलने का षड्यंत्र और घिनौना कृत्य किया है उसे बीते कल से इसका अंदाज लग गया होगा कि सभी जाति और धर्म के लोगों ने बाबा साहब की प्रतिमा स्थल पर तुरंत पहुंच कर इस घटना के दोषियों को संयुक्त रूप से शीघ्र अतिशीघ्र पकड़ने की मांग के आश्वासन के बाद ही घर और अपने काम पर लौटे।