
में. जे पी एल तमनार के सेक्टर 1 कोल ब्लॉक आबंटन को लेकर प्रभावितों ने शासन से मांगी जानकारी
रायगढ़/मेसर्स जे पी एल तमनार को आबंटित गारे पेलमा सेक्टर 1कोल ब्लॉक हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र ग्राम सभा से प्राप्त करना है।परन्तु इस अनापत्ति को लेकर ग्राम सभा आयोजन के पूर्व ही प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीण अब पेशोपेश में नजर आ रहे है।वहीं ग्राम सभा आयोजन के पूर्व ही ग्रामीणों द्वारा अब अनुविभागीय अधिकारी घरघोड़ा को लिखित आवेदन सौंप कोल ब्लॉक के सीमावर्ती क्षेत्र सहित प्रभावितों को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी मांगी जा रही है।
इस पूरे मामले में तहसीलदार तमनार द्वारा आदेश जारी किया गया है।जिसके तहत मेसर्स जे पी एल तमनार को आबंटित ब्लाक हेतु 15 दिवस के भीतर ग्रामसभा का आयोजन कर उक्त संबंध में कंपनी को अनापत्ति दिए जाने की बात कही गई है।उक्त आबंटन में तमनार क्षेत्र के दस ग्राम प्रभावित हो रहे है।जिनमें आमगांव,बागबाड़ी,बिजना, बुडीया, झीकाबहाल,खुरुश लेंगा, महलोई,रायपारा, समकेरा,एवं झरना के राजस्व वन भूमि 77.093 हेक्टेयर रकबा में गारे पेलमां सेक्टर 1 कोल खदान खोलने जिंदल कंपनी को भूमि आबंटित की गई है।परन्तु इस आबंटन से प्रभावित ग्रामीणों की सुविधाओं को लेकर कंपनी प्रबंधन द्वारा कोई भी जानकारी मुहैय्या नहीं कराई गई।अलबत्ता अब क्षेत्र के जनप्रतिनिधि ग्रामसभा आयोजन के पूर्व ही इन बातों की जानकारी हेतु अनुविभागीय अधिकारी को आवेदन सौंप कंपनी द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं के जानकारी की मांग रहे है।बताना लाजमी होगा कि प्रभावित ग्रामीणों द्वारा सौंपे गए आवेदन में प्रभावित क्षेत्र के सीमावर्ती क्षेत्र की जानकारी के साथ ही ओपन कास्ट एवं अंडर काष्ट,जमीन मुआवजा,पुनर्वास नीति,प्रभावित ग्रामीणों के पुनर्वास सहित प्रभावित किसानों को रोजगार दिए जाने संबंधित जानकारी मांगी गई है।इसके अलावा भूमिहीन परिवारों के रोजगार,महिलाओं को प्रदान की जाने वाली सुविधा सहित भूमि को लीज अथवा रजिस्ट्री के माध्यम से लिए जाने की जानकारी मांगी गई है।हालांकि शासन द्वारा कोल ब्लॉक का आबंटन तो कंपनी को कर दिया गया परन्तु प्रभावित अब मुआवजा कंपनी अथवा शासन द्वारा दिए जाने को लेकर भी असमंजस की स्थिति में है।वही उपरोक्त बातों की जानकारी न मिलने पर ग्रामसभा के आयोजन व कंपनी को दी जाने वाली अनापत्ति पर भी इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है।बहरहाल देखना लाजमी होगा कि क्या कंपनी अथवा शासन प्रशासन प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को जानकारी प्रदान कर उन्हें विश्वास में लेती है।या फिर ग्रामसभा का आयोजन खटाई में पड़ जाएगा।




