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पूर्व डीपीएम डॉक्टर प्रिंस जायसवाल का अनुकरणीय कार्य: रक्तदान कर बचाई एक जान

 

लाल दास महंत कल्ला रिपोर्ट

कोरिया/जिला मुख्यालय बैकुंठपुर में जूनापारा निवासी माया दास 32 वर्ष जो एक गंभीर बीमारी से जूझ रहा था और और जिसे 4 यूनिट रक्त की तत्काल आवश्यकता थी आज एक नया जीवन पा रही है यह संभव हो पाया है पूर्व डीपीएम डॉक्टर प्रिंस जायसवाल के निस्वार्थ रक्तदान से एक ऐसे समय में जब खून की कमी कई जिंदगियां पर भारी पड़ सकती है पूर्व डीपीएम डॉक्टर प्रिंस जायसवाल ने मान्यता की मिसाल पेश करते हुए मेरी बड़ी बहन माया दास की जान बचाई उनका एक कार्य समाज के लिए एक प्रेरणा है रक्तदान सिर्फ एक मेडिकल पर प्रक्रिया नहीं है बल्कि यह इंसानियत का सबसे बड़ा प्रतीक है यह दिखता है कि एक व्यक्ति दूसरे के जीवन को बचाने के लिए कितनी दूर जा सकता है पूर्व डीपीएम डॉक्टर प्रिंस जायसवाल का यह कदम साबित करता है कि रक्तदान महादान है जब आप किसी को खून देते हैं तो आप सिर्फ कुछ मिली लीटर तरल पदार्थ नहीं देते हैं बल्कि आप किसी परिवार को खुशियां लौटाते हैं l आप एक माता-पिता को उनके बच्चे के साथ रहने का मौका देते हैं और एक बच्चे को उसके सपनों को जीने का अवसर पूर्व डीपीएम डॉक्टर प्रिंस जायसवाल जैसे लोगों की वजह से ही हमारा समाज मजबूत और संवेदनशील बनता है उनका यह कार्य निश्चित रूप से दूसरों को भी रक्तदान के लिए प्रेरित करेगा यह घटना हमें याद दिलाती है कि हम सभी के पास दूसरों की मदद करने का अवसर है बस अभी जरूरत है एक कदम आगे बढ़ाने की l

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