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जीएसटी सुधार धन्यवाद प्रस्ताव पार्टी विशेष का हो सकता है निगम का नहीं – नेता प्रतिपक्ष सलीम नियारिया …इतना ही नहीं यह भी कहा स्वीकार करे अब तक हुई है लूट….एक तरफ घटाया तो दूसरी तरफ रॉ मटेरियल में बढ़ा दिया ….डीजल पेट्रोल में ऐसी व्यवस्था क्यों नहीं अपनाते कम से कम कमर तोड महंगाई में …

 

 

 

 

रायगढ़।

नगर पालिक निगम के एजेंडे में जीएसटी सुधार को लेकर मोदी सरकार का धन्यवाद करने का प्रस्ताव लाए जाने को शामिल किया गया है। जीएसटी से निगम से जुड़े लोगों और व्यवसायियों को इससे कोई फायदा नहीं है आज भी किराया में वही जीएसटी लागू है। इस पर नेता प्रतिपक्ष सलीम नियरिया ने सवाल उठाते हुए कहा निगम में जीएसटी सुधार का धन्यवाद प्रस्ताव पार्टी विशेष भाजपा का हो सकता है निगम का नहीं।

नेता प्रतिपक्ष सलीम नियरिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि जीएसटी किसने लगाया और जीएसटी लगाते हुए तब यानि 1 जुलाई 2017 को क्यों कहा गया था कि अब जाकर भारत को आर्थिक आजादी मिली और 8 सालों से अधिक समय तक जनता लूटने के बाद जीएसटी सुधार कर जीएसटी उत्सव मनाने वाले ये बताएं कि अब तक जीएसटी के नाम पर लूटा गया रकम वापस की जायेगी। 8 से अधिक सालों तक लूटने के बाद जीएसटी सुधार के नाम पर आम जनता को मुर्ख बनाते हुए उत्सव मनाया जाना, इन सबको देखते हुए कभी कभी यह लगता है कि हम अंग्रेजों से नहीं बल्कि अंग्रेज हमसे आजाद हुए। जिस तरह से देश में ब्रिटिश हुकूमत जो चाहे जब चाहे जैसा बोझ लादती देशवासी उस बोझ को ढोने मजबूर होते यही हाल मौजूदा दौर में देश की मोदी सरकार द्वारा जीएसटी के नाम पर बोझ लाद कर स्वयं उत्सव मनाने में मशगूल है। और जनता मंहगाई के बोझ तले लगातार दबती चली जा रही है।

 

जीएसटी सुधार उत्सव मना रहे तो 8 वर्षों में हुई लूट पर प्रधान मंत्री मोदी देशवासियों से मांगे माफी

 

जीएसटी सुधार को लेकर उत्सव और धन्यवाद प्रस्ताव से किसको फायदा, निगम की बैठक में मोदी सरकार का धन्यवाद प्रस्ताव पर सवालिया निशान लग रही है। जीएसटी सुधार पर धन्यवाद प्रस्ताव पार्टी विशेष का हो सकता है निगम प्रशासन का नहीं। नेता प्रतिपक्ष सलीम नियरिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि जीएसटी सुधार के बाद वाली जीएसटी सही है तो प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी देशवासियों से माफी मांगना चाहिए। जीएसटी सुधार उत्सव जिस तरह से मनाया जा रहा है इससे जाहिर होता है कि बीते 8 से अधिक सालों से देशवासियों से गलत तरीके से जीएसटी वसूला जा रहा था। इसे स्वीकार करते हुए देशवासियों से माफी मांगना चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष सलीम नियारिया ने केंद्र की भाजपा की मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि देश में बहुत बड़ी आबादी अपने शिशुओं को दूध पाउडर के दूध से पेट भरती थी लेकिन सरकार के द्वारा दूध पाउडर पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने की वजह से आम माध्यम वर्गीय गरीब परिवार की मांओं से सस्ती दूध पाउडर भी दूर हो गया। जीएसटी की मार की वजह से मंहगी दवाइयों की वजह से इलाज के अभाव में हजारों गरीब इलाज के अभाव में मौत का समाना करना पड़ा। इन सबका जिम्मेदार कौन ? भाजपा सरकार को जीएसटी सुधार उत्सव मनाने से कहीं ज्यादा यह बताना चाहिए कि इतने सालों तक जीएसटी के नाम पर जो लूट हुई है उसका क्या ? क्या लूटी गई रकम जनता के खाते में वापस आयेगी?

कई उत्पादों पर जीएसटी तो कम किया गया लेकिन उस उत्पाद के कच्ची सामग्री पर बढ़ा दिया आम जनता के साथ छलावा 

 

उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मौजूदा स्थिति में सोना, चांदी के आभूषणों की कीमत आसमान छू रही है। पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए जिससे कमर तोड़ मंहगाई से आम जनता के राहत मिल सके। एक ओर कई उत्पादों में जीएसटी कम तो की गई लेकिन संबंधित उत्पाद की कच्चे रॉ मटेरियल पर जीएसटी बढ़ा दिया गया, एक तरफ कम किया गया तो दूसरी तरफ जीएसटी बढ़ा दिया। इस पर जीएसटी सुधार उत्सव मनाना आम जनता की समझ से बाहर है। महंगाई का आलम यह हो चला है कि आज एक आम माध्यम वर्गीय परिवार और गरीबों से सोना चांदी दूर हो चला है। इस पर सरकार और उसके नुमाइंदे खामोश क्यों हो जाते हैं। जनता सवाल पूछ रही है।

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