किसानों ने कहा आंदोलन करेंगे…SDM ने कहा टेंट की व्यवस्था कर देंगे…MCB जिले के कछौड़ धान खरीदी केंद्र में किसानों का बढ़ता आक्रोश, टोकन सीमा और प्रशासनिक मनमानी पर भारी नाराज़गी
मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (MCB) जिले के कछौड़ धान खरीदी केंद्र में खरीफ वर्ष 2025-26 की धान खरीदी प्रक्रिया किसानों की परेशानी और आक्रोश का केंद्र बनी हुई है। 15 नवंबर से प्रारम्भ हुई धान खरीदी के दौरान राज्य सरकार द्वारा प्रति क्विंटल ₹3100 की दर और प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी का वादा किया गया था, किंतु ज़मीनी स्तर पर किसानों को केवल 15 क्विंटल प्रति एकड़ के टोकन जारी किए जा रहे हैं।

किसानों का कहना है कि टोकन कटवाने के समय ही अधिकतम 15 क्विंटल की सीमा थोप दी जा रही है, जिससे वास्तविक उपज का बड़ा हिस्सा बिक नहीं पा रहा है। यह स्थिति किसानों की आर्थिक स्थिति को सीधे प्रभावित कर रही है।
अव्यवस्था और ‘अस्वस्थ व्यवस्था’ पर किसानों का आरोप
धान खरीदी केंद्र में अव्यवस्था का माहौल बना हुआ है। किसान आरोप लगा रहे हैं कि:
नमी जांच में अनावश्यक सख्ती
खरीदी प्रक्रिया में जानबूझकर देरी
केंद्र में बारदानों की भारी कमी
किसानों के साथ दुर्व्यवहार
टोकन जारी करने में मनमानी

पूर्व विधायक गुलाब कमरों जी ने भी खरीदी केंद्र में बारदानों की कमी को मुख्य कारण बताते हुए कहा कि यह प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम है। उन्होंने किसानों की समस्याओं को लेकर लगातार प्रशासन से सवाल जवाब उठाए हैं।
किसानों का कहना है कि SDM केल्हारी द्वारा 15 क्विंटल से अधिक के टोकन जारी करने पर मौखिक रोक लगा दी गई है, जिससे उनकी नाराज़गी और बढ़ गई है।
SDM के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया
किसानों में यह बात भी चर्चा में है कि SDM मैडम का यह कथन कि “अगर किसान आंदोलन करेंगे तो पंडाल की व्यवस्था करा दूँगी”—प्रशासन की संवेदनहीनता दर्शाता है। किसान इसे अपनी समस्याओं का मज़ाक उड़ाने जैसा मान रहे हैं।
कछौड़ खरीदी केंद्र में कांग्रेस ने सुनी किसानों की पीड़ा
किसानों की बढ़ती समस्याओं और प्रशासनिक उदासीनता को लेकर आज धान खरीदी केंद्र कछौड़ में जिला मीडिया प्रभारी कांग्रेस पार्टी श्री संदीप द्विवेदी जी के नेतृत्व में किसानों की बैठक आयोजित की गई।
इस दौरान बड़ी संख्या में किसान उपस्थित हुए और अपनी समस्याओं को विस्तार से रखा।
किसानों की पीड़ा सुनने के बाद उपस्थित कांग्रेस पदाधिकारियों ने SDM के रवैये पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया।
किसानों की मांगों और शिकायतों को संकलित कर SDM मैडम को औपचारिक ज्ञापन भी सौंपा गया, जिसमें निम्न प्रमुख मांगें रखी गईं—
प्रति एकड़ 21 क्विंटल के सरकारी वादे के अनुसार तुरंत टोकन जारी हों
खरीदी केंद्र में बारदाना उपलब्ध कराया जाए
नमी जांच के नाम पर की जा रही मनमानी रोकी जाए
निष्कर्ष
कछौड़ धान खरीदी केंद्र की स्थिति यह स्पष्ट करती है कि प्रशासन और किसानों के बीच समन्वय की भारी कमी है।
किसान जहां अपनी उपज बेचने को लेकर चिंतित और परेशान हैं, वहीं प्रशासनिक स्तर पर संवेदनशीलता और तत्परता नहीं दिखाई दे रही।
किसानों की उम्मीद है कि ज्ञापन के बाद प्रशासन जल्द निर्णय लेकर वास्तविक समस्याओं का समाधान करेगा, ताकि धान खरीदी प्रक्रिया सुचारू, पारदर्शी और किसान हितैषी बन सके।




