लख खुशियां पातशाहियां… जे सतगुरु नदर करे… वाहेगुरु जी का खालसा..वाहेगुरु जी की फतेह… धूमधाम से मनाया गया गुरु नानक देव जी का 550 वां प्रकाश पर्व.. अटूट लंगर का प्रसाद ग्रहण करने उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़..
अमरजीत सिंह
गुरुवाणी कीर्तन और लंगर के साथ सिखों के प्रथम गुरु गुरु नानक देव जी का 550 वां प्रकाश पर्व धूमधाम से मनाया गया।
जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के प्रेमाबाग में स्थित गुरुद्वारे में सिख धर्म के संस्थापक व प्रथम गुरु “गुरु नानक देव जी” का प्रकाश उत्सव बड़े ही आस्था के साथ धूमधाम से मनाया गया। गुरु ग्रंथ साहिब के पाठ,अरदास,गुरबाणी,शबद- कीर्तन के दौरान आई संगतो श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया।
इस मौके पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष सरदार बलजीत सिंह ने बताया कि, हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी प्रकाश पर्व के अवसर पर गुरुद्वारा कमेटी व सिख समाज के द्वारा बड़े ही धूमधाम व उत्साह पूर्वक मनाया गया। गुरुद्वारे में सुबह से ही संगतो का आना जाना लगा रहा। गुरुबाणी, शबद कीर्तन की शुरुआत होते ही आई संगतो ने बैठकर गुरु ग्रंथ साहिब के दर्शन कर मत्था टेक,भक्तिमय होकर कीर्तन का आनंद लिया। प्रकाश पर्व पर गुरु ग्रंथ साहिब जी को भी फूलों से सजाया गया था। साथ ही गुरुद्वारे को भी लाइट की लड़ियों तथा फूलों से सौंदर्य पूर्ण सजा,नए निशान साहब की भी स्थापना की गई।
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य जरनैल सिंह ने गुरु नानक देव जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नानक देव जी हमेशा से जाति,धर्म के भेदभाव के खिलाफ रहे। उनके वचनों को सुन समाज को एक सिख मिलती है।बाबा नानक ने कहा था की, नफरत और घृणा के लिए समाज में कोई स्थान नहीं है।हमेशा इंसान को समाज व राष्ट्रहित के लिए समर्पित होकर कार्य करना चाहिए। कहा जाता है कि बाबा नानक का जन्म सन 1469 मैं लाहौर से 30 मील दूर स्थित तलवंडी के रायभोग नामक स्थान पर हुआ था।बाद में गुरु जी के सम्मान में उनके जन्म स्थान का नाम बदलकर ननकाणा साहिब रख दिया गया था। जो अब पाकिस्तान में है।कहा जाता है कि उनका जन्म ऐसे युग में हुआ था, जो इस देश के इतिहास के सबसे अंधेरे युगों में था।
आई संगतो में सभी ने अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार मिठाई, लड्डू,हलवा का भोग चढ़ाया। साथ ही कीर्तन पश्चात अरदास हुई,जिसमें सभी ने हाथ जोड़कर सभी की सुख शांति तथा मनोकामनाएं मांगी। गुरुद्वारे में दर्शन करने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली।गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के द्वारा अटूट लंगर की भी व्यवस्था की गई थी। जिसमें अरदास के बाद आई सभी संगतो ने भारी संख्या में लंगर स्थल में शामिल होकर लंगर प्रसाद ग्रहण किया। लंगर प्रसाद ग्रहण करने श्रद्धालुओं की कतार लगी रही।श्रद्धालुओं में सभी ने बारी-बारी से लंगर खिलाने में अपनी भरपूर सेवा दी। कार्यक्रम में मुख्य रूप से कमेटी के राजेश शुक्ला, जितेंद्र पाल सिंह, सुशील बजाज, अजय सिंह, राजेश सिंह, अनिल महाराज, नागेंद्र, बलदेव सिंह, नरेंद्र सिंह,उपस्थित रहे। सदस्यों में हरजीत सिंह, राकेश कुमार, मोहित खटीक तथा सिख महिलाओं समेत कार्यक्रम को सफल बनाने में शहर के सभी वर्ग के लोगो का सराहनीय योगदान रहा।