
कोरोना आपदा::लाश कहां रोती है.. रोते हैं जलाने वाले…पिछले साल से ज्यादा इस साल खतरनाक मंजर को..मैं कभी नहीं भुला पाऊंगा.. मैंने करीब से देखा-NDTV के पत्रकार सोमेश पटेल…
कोरिया जिले के बैकुंठपुर से छग की राजधानी रायपुर में स्थापित व ख्यातिलब्ध NDTV के पत्रकार सोमेश पटेल ने जिस प्रकार पिछले वर्ष जाबांज रिपोर्टिंग कर प्रवासी मजदूरों के दर्द को राजधानी से लेकर बस्तर व उड़ीसा सीमा तक साझा किया था.. ठीक उसी प्रकार इस बार भीषण गर्मी में PPE किट पहन कर कोरोना से होने वाली मौतों के गहन मंजर को करीब से देखा.. व उसकी रिपोर्टिंग की…इस बार हालात कितने दर्दनाक हैं…पढ़िए सोमेश पटेल की फेसबुक वॉल से…
एक डायरी.. कोरोना काल की हकीकत...
लाश कहां रोती है, रोते हैं जलाने वाले !
पिछले साल से ज्यादा इस साल खतरनाक मंजर को , मैं कभी नहीं भुला पाऊंगा.. मैंने करीब से देखा,
कही श्मशान घाट में लाशे जलती देखी..कही अस्पताल की मर्चुरी में लाशों का अंबार देखा, कही मर्चुरी के बाहर ट्रकों में लाशों को ले जाते देखा, कहीं उन परिवारों को रोते देखा, जिनका अपना इस दुनिया से चला गया, कहीं अस्पतालों के बाहर इंजेक्शन लेने के लिए लंबी कतारें देखी, कहीं अस्पतालों के मर्चुरी में शव को सड़ते देखा, कहीं बेड नहीं तो , अस्पताल के बाहर ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर सोते देखा, कहीं रेलवे स्टेशन में मजदूरों को सब कुछ छोड़ कर अपने घर जाते देखा, कहीं स्टेशन के बाहर हजारों लोगों की लंबी लाइनें देखी, कहीं स्टेशन के बाहर जमीन पर बच्चों को रोटी खाते देखा ..कहीं इंजेक्शन के लिए भर लोगों को जागते देखा, कहीं इंजेक्शन के लिए लोगों को भटकते देखा, कहीं इंजेक्शन के लिए हजारों रुपए देकर ब्लैक में लेते देखा, कहीं मैंने सबको कुछ दूरी ले जाने के लिए लूट देखा, कई पुलिसवालों को कुर्बानी देते देखा, कई डॉक्टरों को कुर्बानी देते देखा, कई व्यापारियों को इस दुनिया से जाते देखा, पत्रकारों को रिपोर्टिंग के दौरान इस दुनिया से जाते देखा…
इतनी भयावह स्थिति मैंने कभी नहीं देखी….इस बार कोविड-19 में हमें बहुत नुकसान देखने को मिला.. बुजुर्ग ,युवा ,बच्चों सबको इस वायरस ने अपनी चपेट में ले लिया…
आप सभी अपना ख्याल रखें, सुरक्षित रहे, मास्क लगाएं, सोसल डिस्टेंस का पालन करें, सरकार की गाइडलाइन का पालन करें, आप घबराइए मत वह दिन दूर नहीं हम भी एक बार फिर से जंग जीतेंगे..