
व्यावसायिक संचार पर डिजिटलीकरण का प्रभाव ….व्यवसाय या कंपनी अब ऐसे सिस्टम बना रहे हैं …पारंपरिक सांस्कृतिक सीमाओं के पार …इन्होंने कहा पढ़े पूरी खबर
रायपुर।
डिजिटलीकरण ने कंपनी और बाहरी वातावरण में स्थायी व्यावसायिक संचार व्यवस्था को सक्षम बनाता है। वर्तमान परिवेश में किसी भी कंपनी का में ऑनलाइन वेबसाइट होना एक बिजनेस कार्ड है। इस तरह, इन्टरनेट के आ जाने से कंपनियों द्वारा अपनी वेबसाइटों पर अत्यधिक ध्यान दिया जाने लगा है जो उनकी सफलता को परिभाषित भी कर रहा है। इस तरह डिजिटलीकरण ने व्यवसायों को त्वरित संचार में सक्षम बनाया है। व्यवसाय या कंपनी अब ऐसे सिस्टम बना रहे हैं जो उनके डिजिटल विकास को बढ़ावा देंगे, जो सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक है। दुनिया अब ऑनलाइन है और व्यवसायों के लिए ऑनलाइन मौजूद रहना उतना ही आवश्यक है जितना किसी कंपनी और टीम को ऑफ़लाइन मौजूद रहना।
सोशल मीडिया जैसी डिजिटल तकनीकों ने हमें दुनिया भर में और पारंपरिक सांस्कृतिक सीमाओं के पार वास्तविक समय में संवाद करने और साझा करने की अनुमति दी है। हालाँकि, डिजिटल विभाजन वास्तव में उन संस्कृतियों के बीच और भी अधिक अलगाव पैदा कर सकता है जो पहले से जुड़ी हुई नहीं हैं।
अधिकांश व्यवसाय बिक्री में सुधार और व्यवसाय वृद्धि को बढ़ाने के लिए ग्राहकों और कर्मचारियों दोनों के साथ प्रभावी संचार पर भरोसा करते हैं। खराब या अप्रभावी संचार आम तौर पर किसी संगठन के कुप्रबंधन और अवांछनीय व्यावसायिक परिणामों की ओर ले जाता है। एक ओर जहाँ प्रौद्योगिकी संचार को आसान, तेज़ और अधिक कुशल बनाकर प्रभावित करती है। तो दूसरी ओर आपकी बातचीत को ट्रैक करने की अनुमति भी देता है और इसलिए बेहतर ग्राहक सेवा प्रदान करता है। जिसमें तकनिकी द्वारा ग्राहक का अंतर्दृष्टि एकत्र करना और संपूर्ण ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाना भी आसान बनाता है।
ज्ञात हो व्यावसायिक संचार वह प्रक्रिया है जिसमें व्यापार से संबधित सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाता है। इसका उद्देश्य व्यवसाय की गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाना और बढ़ाना है। इसमें लिखित, मौखिक और गैर-मौखिक माध्यमों का उपयोग किया जाता है, जैसे ईमेल, फोन, रिपोर्ट, और बैठकों में विचार-विमर्श आदि जिससे प्रभावी संचार से व्यवसाय में प्रगति होती है। इस तरह डिजिटलीकरण ने न सिर्फ त्वरित संचार व्यवस्था को बढ़ावा दिया है बल्कि सहयोग और टीमवर्क, डाटा विश्वलेषण, ग्राहक संचार को बढ़ाना आदि शामिल है।
डिजिटलीकरण होने से हाल के वर्षों में उत्पन्न व्यावसायिक विपणन और रणनीतियों में विशेष रूप से बदलाव हुए हैं खासतौर पर व्यावसायिक संचार में और साधनों के संदर्भ में। इस प्रकार, यदि अब तक किसी कंपनी के लक्षित ग्राहक भौगोलिक रूप से सीमित थे, तो वहीं आजकल उसे बहुसांस्कृतिक और बहुराष्ट्रीय वातावरण मिल चुका है जिससे अब कोई भी व्यवसाय “वैश्विक ग्राहक” को लक्षित कर रहा है। इसके अलावा पहले से कहीं अधिक व्यावसायिक संचार का मूल संभावित ग्राहकों की जरूरतों का विश्लेषण होने लगा है ताकि उन्हें उपयोगी जानकारी प्राप्त की जा सके। इस संदर्भ में, ऑनलाइन मीडिया (सोशल नेटवर्किंग, ईमेल मार्केटिंग, वेबिनार आदि) कॉर्पोरेट संचार के लिए “नई दुनिया” का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसलिए, व्यावसायिक संचार की सफलता अनिवार्य रूप से इस बात पर निर्भर करती है कि कंपनी डिजिटलीकरण को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ में कैसे बदल पाती है।
इस तरह डिजिटलीकरण ने व्यावसायिक संचार पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है जैसा कि पहले जहां व्यापारिक सूचनाओं का आदान-प्रदान संभवत: पत्र, फैक्स और टेलीफोन के माध्यम से होता था, अब इंटरनेट के आ जाने से और इसके उपयोग से तेजी से ईमेल, मैसेजिंग ऐप्स, वीडियो कॉल और अन्य डिजिटल उपकरणों के माध्यम से व्यावसायिक संचार किया जाने लगा है। इससे संचार की गति तेज हुई है, जिससे निर्णय-निर्माण प्रक्रिया भी अधिक प्रभावी और सुगम हो गई है। इस तरह डिजिटलीकरण ने व्यावसायिक संचार को अधिक कुशल, तीव्र और पारदर्शी बना दिया है। इसका परिणाम यह हुआ है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से कोई भी कंपनी और टीम के सदस्य एक दूसरे के साथ बिना कोई बाधा के वैश्विक स्तर पर आसानी से जुड़ पा रहे हैं, चाहे वे दुनिया के किसी भी कोने में हों। ऑनलाइन वीडियो कॉन्फरेंसिंग और वेबिनार्स जैसे परिचर्चा के माध्यम से दूरस्थ काम करना भी अब बहुत आसान सा हो गया है, जिससे किसी कंपनी के टीमकार्य और उसके क्षेत्र की सीमाएं खत्म हो गई हैं।
इसके अलावा, विभिन्न डिजिटल टूल्स और मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से दस्तावेज़ों का साझाकरण, दस्तावेज़ों का समीक्षाकरण और उन्हें संपादित करना अब बहुत अधिक सुविधाजनक हो गया है। इससे न सिर्फ समय और संसाधनों की बचत होती है बल्कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से व्यापार अपनी ब्रांडिंग, इमेगिंग और मार्केटिंग को भी प्रभावी ढंग से बढ़ा रहे हैं, जिससे व्यवसायों को नए अवसर प्राप्त हो रहे हैं और जनता तक किसी भी कंपनी, उत्पाद और सेवाओं की सीधी पहुँच हो पा रही है। यद्यपि डिजिटलीकरण के कारण आजकल साइबर सुरक्षा और गोपनीयता जैसे गंभीर चुनौतियाँ भी आई हैं जिसे साथ ही साथ इससे निपटने के उपाय हो ढूँढना पड़ेगा। बावजूद इसके डिजिटलीकरण ने व्यावसायिक संचार को अधिक सरल, सुगम, गतिशील और प्रभावी बना दिया है।
लेखक
डॉ. संजय कुमार यादव, आई.सी.एफ.ए.आई. विश्वविद्यालय रायपुर में सहायक प्राध्यापक (मार्केटिंग -कंज्यूमर मनोविज्ञान) हैं
डॉ. संतोष कुमार, श्री रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी रायपुर में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में सह प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष हैं।