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लगातार गिरता भूजल स्तर,नदियों के अस्तित्व पर मंडरा रहा है खतरा, रेत तस्कर कर रहे नदियों का सीना छलनी, रसूख के आगे खनिज विभाग नतमस्तक,,,* *विभागीय नुमाइंदों की सरपरस्ती में धड़ल्ले से हो रहा गौण खनिज का दोहन ।*

रायगढ़ -/-खनिज माफियाओं के लिए रायगढ़ जिला स्वर्ग से कम नहीं जिले में कोयला रेत,डोलामाइट जैसे गौंड खनिज प्रचुर मात्रा में भरा हुआ है। और माफियाओ द्वारा खनिज विभाग से सांठगांठ कर खनिज सम्पदा का दोहन वर्षों से होता आ रहा है। विभागीय नुमाइंदों की सरपरस्ती में फल फूल रहे खनिज माफियाओं के हौसले बुलंद होने से शासन को बड़े पैमाने पर राजस्व का चूना लगा रहे है और विभागीय नुमाइंदे चंद बोटी नुमा रिस्वत के आगे नतमस्तक होकर कुंभकरण निद्रा में लीन रह कर मलाई खा रहे हैं । समय-समय पर उच्च अधिकारियों के आदेश पर कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति भी छोटी मछलियों को पकड़कर किया जाता है। तथा सफेदपोष बड़े माफियाओं पर कार्यवाही करने के लिए विभाग के हाथ पांव फूलते हैं।

*रेंगालपाली से उत्खनन कर एनटीपीसी में खापाया जाता है अवैध बालू…*

ग्रामीणों से मिली सूचना के आधार पर पुसौर ब्लॉक के ग्राम पंचायत रेंगालपाली पहुंचने पर नदी घाट में ट्रैक्टरों के माध्यम से रेत उत्खनन कर परिवहन करते पाया गया तथा जगह जगह बालू डम्प भी किया गया है। जैसे ही हमने समाचार संकलन के लिए कैमरा निकाला रेत परिवहन कर रहे लोगों में हड़कंप मच गया और तत्काल अपने-अपने वाहनों को मौके से लेकर चंपत हो गए। रेत तस्करो द्वारा रेत उत्खनन कर नदियों का सीना छलनी कर रहे है। अवैध तरीके से निकाले जा रहे रेत को लारा ntpc में खपाया जा रहा है लगातार हो रहे उत्खनन से नदियों के अस्तित्व पर खतरा तो मंडरा ही रहा है साथ ही क्षेत्र में भूजल स्तर भी लगातार गिरते जा रहा है और इधर प्रसासन है कि रेत माफियाओं पर कार्रवाई करने के बजाय मूक दर्शक बना हुआ है,शायद रेत माफियों की पहुंच ऊंची होने के कारण इन पर कार्रवाई करने से प्रशासन के भी हाथ-पांव फुल रहे हैं। जिम्मेदार खनिज विभाग तो ऐसा लगता है मानो खुद रेत माफियाओं से सांठगांठ कर ऐसे अवैध धंधों को बढ़ावा दे रहा हैं। जिले में जीवनदायिनी केलो नदी में कई ऐसी रेत खदान है जहां अवैध तरीके से रेत निकाला जा रहा है। सरकार ने तो इस वर्ष रेत खदानों को ठेका में दे दिया है और ठेकेदार भी ज्यादातर सत्ता पक्ष के पहुंच वाले ही हैं ऐसे में इनको मनमानी करने से किसी का डर भय भी नहीं है। आम नागरिक भी रेत के अनाप-शनाप रेट से सरकार को कोस रहा है। केलो नदी पर दर्जनों ऐसे रेत खदान है जहां नियमों को ताक पर रखकर दिन में ही नहीं रात में भी रेत का उत्खनन व परिवहन किया जा रहा है।ऐसे रेत खदानों अन्य घाटो में नदी से रेत का अवैध उत्खनन एवं परिवहन धड़ल्ले से जारी है। बावजूद बेरोकटोक रेत का उत्खनन व परिवहन कर महंगे दामों पर बेचा जा रहा है इससे शासन को हर महीने लाखों का चूना तो लग ही रहा है।आम लोगों को भी रेत खरीदी पर अतिरिक्त भार पढ़ रहा है जिसे लेकर लोगों में खासा नाराजगी है और वे शासन प्रशासन को कोस रहे । वही नदी का सीना छलनी करने उतारू हैं इससे नदियों के अस्तित्व पर तो खतरा मंडरा रहा है साथ ही भूजल स्तर भी लगातार नीचे जा रहा है जिससे आने वाले समय में क्षेत्र के लोगों को पीने की पानी की समस्या का संकट झेलना पड़ सकता है इसे लेकर आम जनमानस भी चिंतित है मगर इससे यहां प्रशासन को कोई लेना-देना नहीं है तभी तो ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने से प्रशासन के हाथ-पांव फूल रहे हैं जिम्मेदार विभाग का तो रवैया ही ऐसा है जैसे रेत माफियाओं से उसकी सीधे-सीधे सांठगांठ है,लगातार शिकायतों के बावजूद भी रेत ठेकेदारों के अवैध उत्खनन व परिवहन पर प्रशासन का कोई भी अंकुश नहीं है शायद यह कहा जा रहा है रेत माफियाओं का सीधे-सीधे सत्ता पक्ष के लोगों से सांठगांठ होने के कारण प्रशासनिक कार्रवाई नहीं की जा रही है और रेत ठेकेदार मनमानी करने पर उतारू हैं जिसका खामियाजा आने वाले समय पर आम लोगों को उठानी पड़ेगी। रेत के लगातार उत्खनन से नदियों की स्थिति भी सूखने के कगार पर हैं मगर अब वह स्थिति नहीं दिखती,यही हाल रहा तो वह दिन दूर नहीं जब आम जनमानस नदियों के अस्तित्व को बचाने शासन प्रशासन के खिलाफ खड़ा हो जाएगा। इधर दूसरी ओर रेत परिवहन के कार्य में लगे ट्रैक्टरों के आवाजाही से सड़कों की दुर्दशा तो हो ही रही है ट्रैक्टर चालक अकुशल कम उम्र के लड़के ऐसे दौड़ाते हैं जिनको देखकर ही आवागमन करने वाले भयभीत रहते हैं। नवशिखवे ड्राइवर रोजाना सड़कों पर बेधड़क ट्रैक्टरों का परिचालन कर रहे हैं जिनकी भी कभी जांच नहीं होती और ऐसे लोग सड़क दुर्घटना का कारण बन रहे हैं कई ऐसे चालकों की वजह से जिले में सड़क दुर्घटनाएं भी हो गई हैं बावजूद प्रशासन कभी कार्रवाई की दिशा में सख्त नही है।

*आइए जानते हैं जिले में कहां-कहां संचालित है अवैध रेत उत्खनन….*

रायगढ़ जिला में महानदी, मांड नदी व केलो नदी अवैध रेत उत्खनन का प्रमुख केंद्र है इन नदियों के समवर्ती ग्राम पंचायतों में रेत माफिया लंबे समय से सक्रिय हैं। जैसे महानदी के तटिय ग्राम पंचायत पोरथ, तोरा, पिहरा, नदीगांव, सूरजपुर, बरगांव तथा माण्ड नदी के तटिय पंचायत घुघूआ, सेमरा, तारापुर,औराभाठा व केलो नदी के तटिय पंचायत कांदागढ़, रेन्गालपाली, एकताल, झलमला, भाठनपाली, लारा आदी और भी बहुत से जगहो पर नदी घाटो से अवैध उत्खनन बेखौफ जारी है।

*नियमों को ताक पर रख हो रहा उत्खलन…*

रेत तस्करो द्वारा नियमों को ताक में रखकर रेत का उत्खनन किया जा रहा है। नदी के घाट से नियम विरुद्ध रात भर रेत का अवैध उत्खनन व परिवहन लगातार जारी है ना रायल्टी दी जाती पंचायत को ना ही शासन को इन तस्करों से कोई राजस्व प्राप्त होता है। उसके बावजूद भी रेत तस्करी का अवैध कारोबार किया जा रहा है रेत तस्कर की दबंगई के आगे खनिज विभाग भी नतमस्तक है। आखिर इन्हें किस का शह मिला हुआ है। दिन भर ट्रैक्टरों की आवाजाही से क्षेत्र के रहवासी परेशान हैं। लेकिन रेत तस्करो द्वारा बेखौफ तरीके से रेत का उत्खनन किया जा रहा है संबंधित विभाग के जिम्मेदार अधिकारी आज तक अवैध रेत खदानो का मुह तक नही देखे, ना ही इनको इतनी फ्रिक है नदी के रेत का दोहन लम्बे समय से किया जा रहा है। और यह जिम्मेदार विभाग इन तस्करो से मिलकर अपनी कमाई में मस्त है।

*रॉयल्टी की हो रही है चोरी,प्रशासन को लग रहा राजस्व का चूना,जिला प्रशासन मौन क्यो??*

ज्ञात हो कि अभी तक मापदंडों को पूर्ण नहीं करने वाले ज्यादातर रेत उत्खलन करने वालो को प्रशासनिक अनुमति नहीं है उसके बाद भी रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन धडल्ले हो रहा है और खनिज महकमा मूकदर्शक बना हुआ है इससे प्रशासन को राजस्व (रायल्टी) की भारी क्षति हो रही है। तथा आए दिन समाचारों में प्रकाशित होने के बाद भी जिला प्रशासन का मौन रवैया प्रश्न चिन्ह बना हुआ है। क्या इन रे तस्करों को खनिज विभाग के साथ-साथ जिला प्रशासन की मौन सहमति है??

*क्या कहते है सरपंच…*
हमने ग्राम पंचायत के सरपंच को दूरभाष पर संपर्क कर पंचायत में चल रहे अवैध रेत उत्खनन को लेकर जानकारी लेने पर उन्होंने बताया पंचायत में किन लोगों के द्वारा एक तस्करी की जा रही है तथा कब से अवैध उत्खनन हो रहा है इसकी हमें जानकारी नहीं है आपके सूचना पर मामला संज्ञान में आया है पता करते हैं अगर पंचायत में अवैध उत्खनन चल रहा होगा तो प्रशासन को अवगत कर कार्यवाही की जाएगी ।

*क्या कहते है सचिव…*
हमने ग्राम पंचायत के सचिव से भी दूरभाष पर संपर्क कर रेत उत्खनन के बारे में पूछने पर उन्होंने भी बताया कि पंचायत में किन लोगों के द्वारा तथा कब से अवैध खनन हो रहा है इसकी हमें जानकारी नहीं है।

हमने इस संबंध में राजस्व विभाग पुसौर के तहसीलदार को मोबाइल पर संपर्क कर पूरे मामले से अवगत कराने पर उन्होंने कहा अवैध रेत उत्खनन की जानकारी हमें नहीं है खनिज विभाग को सुचित कर मामले की जांच करवाती हूं तथा अवैध उत्खनन करते पाए जाने पर कड़ी कार्यवाही करने की बात कही गयी ।

आप सभी को यह भी बताना लाजमी होगा कि कुछ माह पूर्व जिला कलेक्टर के आदेश पर खनिज विभाग और राजस्व विभाग की टीम के द्वारा रेंगालपाली पंचायत में भारी मात्रा में बालू जप्त की गई थी।किन्तु उक्त कार्यवाही भी नाम मात्र की थी बड़े हैरत की बात है हजारो ट्रेक्टर बालू गाँव में डम्प होती है और गाँव के किसी को भी नही पता उक्त अवैध डम्प किया बालू किसका है। मतलब अज्ञात व्यक्ति के नाम जप्त किया गया।

बहरहाल अब देखना लाजमी होगा कि खबर प्रकाशन के बाद अवैध उत्खनन पर खनिज विभाग और जिला प्रशासन क्या कार्यवाही करती है।

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