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छात्र जीवन की यादें ताजा करने 18 साल बाद मिले, जीवन के हसीन पलों के साथ संघर्ष को साझा किया, पर्यावरण सरंक्षण के लिये हरियाली से खुशहाली अभियान की शुरुवात की

जामगांव आर। शासकीय महाविद्यालय उतई के वर्ष 2001 बैच के बॉटनी समूह के पूर्व विद्यार्थियों के समूह ने गायत्री शक्तिपीठ आमालोरी में मिलन समारोह मनाया। दर्जनभर पूर्व छात्र 18 बरस बाद एक साथ मिलकर छात्रजीवन की यादें ताजा किये। इस मौके पर जुटे सभी पुराने साथियों ने दो दशक पुराने विद्यार्थी जीवन को याद किया, विद्यार्थी जीवन में की गई शरारतें व पुराने प्रचलित नामों से एक-दूसरे को पुकारने पर सहज ही आत्मीयता नजर आई। सभी ने अपने जीवन के हसीन पलों के साथ संघर्ष को साझा किया और आगे मिलते रहने का वादा भी किया। दोस्ती, मित्रता, सहपाठिता अपनापन के भावों से बंधे इस आयोजन में पूर्व छात्रों के समूह ने रचनात्मक कार्यों पर्यावरण सरंक्षण, गरीब बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए मदद के लिये आगे आकर योगदान देने नए पथ पर चलने का संकल्प लिया और आने वाले मानसून का स्वागत वसुंधरा के हरित श्रृंगार से किया। सभी ने मिलकर यहां दो दर्जन पौधे लगाकर इनके सरंक्षण और संवर्धन की जिम्मेदारी ली। मौके पर मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव मनोज बंछोर, लेखराम साहने, पत्रकार मनीष चंद्राकर, डॉ त्रिवेणी पाटिल, शिक्षकद्वय रश्मि टिकरिहा, शंकर हिरवानी, फार्मासिस्टद्वय ममता चंद्राकर, कुलदीप तिवारी उपस्थित थे।
पेड़-पौधे हमारी जीवनरेखा है-डॉ त्रिवेणी
कार्यक्रम में ग्रुप के असिस्टेंट मेडिकल ऑफिसर डॉ त्रिवेणी पाटिल ने ग्रुप द्वारा शुरू किए जा रहे हरियाली से खुशहाली अभियान का आगाज करते हुए कहा कि आज जो विषम परिस्थितियां पर्यावरण के साथ हैं उनका समाधान सिर्फ वृक्षारोपण के द्वारा ही किया जा सकता है, पेड़-पौधे धरती के श्रृंगार हैं, इन्हीं से हमारी जीवन रेखा संचालित है। मनोज बंछोर ने बताया कि इस मिशन के अंर्तगत हम सभी विभिन्न स्थानों में जनसामान्य को जोड़कर वृक्षारोपण के लिये प्रेरित करेंगे वहीं स्कूलों और कॉलेजों में भी छात्रों को इससे जोड़कर पौधरोपण और उनकी सुरक्षा के लिये जागरूक किया जाएगा।
रचनात्मक कार्यों से नई पीढ़ी को मिलेगी प्रेरणा
शक्तिपीठ के समंवयक अशोक सिंह एवं ट्रस्टी महेंद्र बंछोर ने रचनात्मक क्षेत्र में पूर्व छात्रों की इस पहल का स्वागत करते हुए कहा इससे नई पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी। सामाजिक कार्यकर्ता मनीष चंद्राकर ने कहा कि व्यक्ति के जीवन में स्कूल, कालेज व परिवार का महत्वपूर्ण स्थान है। यहीं से व्यक्ति के जीवन में ज्ञान व संस्कार आते हैं।

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