
अनियमितताओं पर पूर्व विधायक गुलाब कमरों का सवाल::- कब होगी भ्रष्ट DEO पर कार्रवाई ? MCB के शिक्षा विभाग की गतिविधियों पर प्रश्न..
अनूप बड़ेरिया
सोनहत-भरतपुर के पूर्व विधायक गुलाब कमरों ने एक बार फिर जिले के शिक्षा विभाग में फैली अनियमितताओं और भ्रष्टाचार पर बड़ा सवाल उठाया है। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) पर गंभीर आरोप लगाते हुए पूछा कि जब पूरे जिले के शिक्षा व्यवस्था की हालत खराब है तो ईमानदार माने जाने वाले कलेक्टर ऐसे भ्रष्ट्र अधिकारी को क्यों बचा रहे हैं।
गुलाब कमरों ने शिक्षा विभाग के खिलाफ कई तथ्यात्मक बिंदु रखते हुए कहा कि जिले में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है और बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ता जा रहा है। उन्होंने सवाल किया कि इन गंभीर मुद्दों का निराकरण कब होगा और भ्रष्ट्र जिला शिक्षा अधिकारी पर कब तक कार्रवाई टाली जाती रहेगी।
पूर्व विधायक द्वारा उठाए गए मुख्य मुद्दे इस प्रकार हैं:
बोर्ड परीक्षा में शर्मनाक प्रदर्शन:
2024-25 में आयोजित 12वीं बोर्ड परीक्षा में जिले का परिणाम पूरे राज्य में 27वें नंबर पर रहा। यह शिक्षा विभाग की नाकामी का सबसे बड़ा सबूत है।
कोटाडोल स्कूल में बच्चों के भविष्य से खिलवाड़:
हायर सेकंडरी स्कूल, कोटाडोल में लगभग 36 बच्चों के परीक्षा परिणाम रोक दिए गए, जिससे उनका शैक्षणिक भविष्य अधर में लटक गया।
युक्तियुक्तकरण में भारी अनियमितताएं:
शासन के नियमों को दरकिनार करते हुए शिक्षा विभाग ने खुद के बनाए नियमों के आधार पर शिक्षकों की पदस्थापना की।
स्वामी आत्मानंद स्कूल भर्ती में गड़बड़ी:
स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों में भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं रखी गई और मनमानी की गई।
DEO की प्रशासनिक क्षमता पर सवाल:
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में सारा काम बाबुओं के भरोसे चल रहा है। अधिकारी की कोई प्रशासनिक पकड़ नजर नहीं आती।
वित्तीय भ्रष्टाचार:
वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभागीय खरीदी में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया।
आदिवासी छात्रों से भेदभाव:
डीएमएफ से स्वीकृत आदिवासी छात्रों की कोचिंग योजना को DEO की लापरवाही और अक्षमता के कारण समय पर लागू नहीं किया जा सका। छह महीने बाद राशि वापस हो गई। इससे साफ झलकता है कि अधिकारी आदिवासी विरोधी मानसिकता रखते हैं और पिछड़े क्षेत्र के विकास में बाधा बन रहे हैं।
गुलाब कमरों ने शासन और कलेक्टर से मांग की है कि इस भ्रष्ट्र अधिकारी को तत्काल हटाकर शिक्षा विभाग में सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं ताकि जिले के बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो सके।