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फर्जी चिकित्सा अधिकारी बनकर शासन से वसूले लाखों वेतन

सूचना का अधिकार से हुआ खुलासा, राज्यपाल, मुख्यमंत्री से शिकायत
दक्षिणापथ, रायपुर (छगन साहू)। राज्य के दन्तेवाड़ा जिले में डीएमएफ फं ड के तहत् गीदम के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जवांगा में चिकित्सा अधिकारी के रूप में एक ऐसे व्यक्ति द्वारा काम करने का मामला सामने आया है। जिसने शासन के पास अपनी फर्जी एमबीएस की डिग्री जमा कराई हंै। सूचना का अधिकार के तहत् निकाली गई जानकारी में इसका खुलासा हुआ है। पंचशील नगर निवासी अर्पित जैन ने इसकी शिकायत की हैं।
राज्य में शासन के साथ धोखाधड़ी करने का यह मामला बेहद रोचक है। दन्तेवाड़ा जिले में डीएमएफ फंड के तहत् गीदम के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जवांगा में चिकित्सा अधिकारी के रूप में रोशन मिश्रा नामक व्यक्ति ने कई महीनों तक डयूटी की। रोशन मिश्रा नूतन नर्सिग कालेज के पास टिकरा पारा रायपुर की उमंग कोलोनी में निवासरत हंै। इन्होने चिकित्सा अधिकारी की नौकरी के लिए शासन को जितनी भी जानकारी दी है और जितने भी दस्तावेज जमा कराए हंै। वे सूचना का अधिकार के तहत् मिली जानकारी मे फर्जी साबित हुए है। इसकी प्रमाणिक शिकायत पंचशील नगर रायपुर निवासी अर्पित जैन ने महामहिम राज्यपाल, मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन, स्वास्थ्य मंत्री मुख्य सचिव स्वास्थ्य सचिव, कलेक्टर रायपुर, कलेक्टर दन्तेवाड़ा, एसपी रायपुर, एसपी दन्तेवाड़ा व सिविल थाना रायपुर से की हैं।


एमबीबीएस की डिग्री व एमपी काउन्सिल का रजिस्ट्रेशन फर्जी
चिकित्सा अधिकारी के रूप में कार्यरत रहे रोशन मिश्रा ने शासन के पास अपनी योग्यता के संबंध में जो दस्तावेज जमा कराए है। इसमें उन्होने अपनी एमबीबीएस की डिग्री सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कालेज जबलपुर की बताई है और वर्ष 2009 में मध्य प्रदेश मेडिकल काउन्सिल में रजिस्ट्रेशन कराया जाना बताया है। एमपी मेडिकल काउन्सिल में उन्होने अपने रजिस्ट्रेशन का क्रमांक 9026 होने की जानकारी दी हैं। उपरोक्त सभी जानकारियां फर्जी पाई गई हैं। यही नहीं रोशन मिश्रा ने विभिन्न संस्थानों विन्ध्या हॉस्पिटल शंकर नगर रायपुर, एमपीएम हॉस्पिटल जगदलपुर का फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र भी जमा कराया है। दन्तेवाड़ा के गीदम जिले में चिकित्सा अधिकारी के रूप में काम करते हुए उन्होंने लोगों का किस तरह इलाज किया है यह हैरत व जांच का विषय हैं। चिकित्सा अधिकारी के रूप में फर्जी ढंग से नौकरी करने वाला रोशन मिश्रा शासन से एक लाख चौदह हजार रूपए प्रतिमाह वेतन कई महीनों तक लेता रहा हैं।
जबलपुर मेडिकल कालेज के डीन ने बताई डिग्री फर्जी
सूचना का अधिकार के तहत् मांगी गई जानकारी में सुभाषचंद बोस मेडिकल कालेज जबलपुर के अधिवक्ता ने बताया है कि आवेदक द्वारा प्रस्तुत इन्टरशिप काम्पटीशन सर्टीफिकेट की प्रति की जांच के बाद पाया गया है कि इस चिकित्सा महाविद्यालय के रिकार्ड के अनुसार वर्ष 2003 में रोशन लाल मिश्रा के नाम से कोई भी छात्र एमबीबीएम पाठयक्रम प्रावेशित नहीं था। रोशन लाल मिश्रा द्वारा एमपी मेडिकल काउन्सिल में जो अपना रजिस्ट्रेशन 9026 बताया गया है। इस रजिस्ट्रेशन के रिकार्ड में दूसरे विद्यार्थी का नाम दर्ज है। रोशन लाल मिश्रा का उल्लेख नहीं है।
एमबीबीएस की फर्जी डिग्री से किए कई कारनामें
फर्जी एमबीबीएस की डिग्री से चिकित्सा अधिकारी की नौकरी पाने वाले रोशन लाल मिश्रा ने कई कारनामें किए है। बताते है कि स्वयं को बिलाईगढ़ विधायक का ओएसडी बताकर नौकरी के नाम पर रकम भी वसूल रहा हैं। बैंक को धोखे में रखकर फर्जी डिग्री के जारिए गाडिय़ां भी फाइनेन्स कराई है बिलाईगढ़ विधायक चंद्रदेव राय के फर्जी हस्ताक्षर व सील का उपयोग करके लाखों रू का फर्जीवाड़ा भी किया है। निज सहायक के रूप में काम करते हुए पंचायत में करोड़ो के काम की फर्जी स्वीकृति दिलाई है। पंचायत मंत्री के द्वारा दस्तावेज भेजे जाने से इसका खुलासा हुआ था। सिविल लाईन पुलिस इस मामले में रोशन लाल मिश्रा को गिरफ्तार भी कर चुकी है। लेकिन फर्जी एमबीबीएस की डिग्री से नौकरी हासिल करने के मामले में अर्पित जैन ने ठोस कार्यवाही की मांग की है।

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