
आपदा की इस घड़ी में साथ खड़ा हूँ-विनय…शिफ्टिंग के साथ सभी बुनियादी सुविधाएं होंगी मुहैया…मामला चिरमिरी में जमीन धसकने का..
बैठक में रायपुर प्रवास गए क्षेत्रीय डॉ. विनय जायसवाल ने घटना को लिया संज्ञान..कलेक्टर कोरिया को अवगत करा त्वरित निराकरण करने की कही बात...नगर निगम, एसईसीएल सहित शहर की सभी प्रशासनिक एजेंसियों को तत्काल राहत देने का दिया आदेश...
कोरिया/चिरमिरी । प्राकृतिक आपदा कहे या एक अप्रिय घटना जिसका अंदेशा हर घड़ी शहर की जनता बखूबी महसूस करती आ रही जिसने पुनः एक बार फिर शहर को भय के माहौल में खड़ा कर दिया जिसकी जानकारी मिलते ही स्थानीय लोगो में देखने की होड़ लग गई तो शहर का प्रशासनिक अमला पीड़ित लोगो को राहत देने में आतुर बना हुआ है । इस अप्रिय घटना की जानकारी मिलते ही शहर के विधायक डॉ.विनय जायसवाल को वर्तमान समय में शासकीय कार्य हेतु दो दिवसीय रायपुर प्रवास पर गए ह ने मामले की गंभीरता को देख तत्काल पुरे घटना की जानकारी कलेक्टर कोरिया को देते हुए यथा संभव उक्त स्थल पर बसे रहवसियो को ठहरने की व्यवस्था से लेकर उनके भोजन,शुद्ध पेय जल और विद्युत व्यवस्ता को दुरुस्त करने की बात कही।
MLA विनय ने शहर के सभी प्रशासनिक अमले को लगा कर उन्हें दूसरे स्थल पर स्थानांतरित किया जा रहा है । जिस कार्य को अंजाम देने के लिए घटना स्थल पर उपस्थित होकर नगर निगम की महिला महापौर श्रीमती कंचन जायसवाल स्वयं निगरानी कर रही है । इस घटना की चपेट में आये रहवसियो को ढाढस देकर उन्हें भय के माहौल बाहर निकाले की सान्तवना दे रही है।
जानकारी अनुसार सोमवार की रात्रि लगभग 10 बजे हल्दीबाड़ी के वार्ड क्रमांक 12 में स्थापित स्टेट बैंक के समीप (घुटरी दफाई ) में बसे लगभग 30 से 40 घरों के जमीन के नीचे कुंछ पटकने की आवाज सुनाई दी, हालांकि रात के वक्त इस तरह की आवाजें हमेशा सुनाई देती है किंतु 01 फरवरी की रात को सुनाई देने वाली आवाज डरावनी रही, जब लोग घरों से बाहर निकले तो देखा कि कालीबाड़ी जाने वाले मुख्य मार्ग के किनारे का एक हिस्से में पूरा दरार पड़ा हुआ। घरों से निकलने वालों की संख्या बढ़ती ही गई, कुंछ देर में पता चला कि दरार की चपेट में कई घर भी आये है, जिन घरों की दीवार फटी है उन घरों के लोग घर छोड़कर भाग निकले, यदा कदा दहशत के साये में रात गुजारे। धीरे धीरे पूरे अमले को सूचित किया गया जिसमें मुख्य भूमिका में शहर की महिला महापौर श्रीमती कंचन जायसवाल ने दिखाते हुए अपनी निगम की आपातकालीन उपकरणों को तत्काल मौके पर उपस्थित होने का निर्देश दिया । वार्ड पार्षद राकेश पराशर से लेकर विधायक प्रतिनिधि शिवांश जैन भी मौके पर पहुचे किन्तु सिर्फ सूचना देने और आला अधिकारियों को खबर करने और उनके उपस्थित होते तक कई घर इसकी चपेट में आ गए जो भरभरा कर एक दूसरे पर गिरते दिखे । बताया जा रहा है कि रात की घटना ने करीब 300 फिट के दायरे को प्रभावित किया है। फटने वाली दरार लगभग लंबाई 50 मीटर से अधिक दिखाई दे रही जिसकी चौड़ाई रुक रुक कर एक इंच से लेकर 10 इंच तक होती दिख रही है जो एक बड़ी दुर्घटना को आदेश दे रही है । बड़ी बड़ी दरारों को निगम प्रशासन के द्वारा अपने उपकरण लगा मिट्टी डालने का कार्य किया जा रहा ताकि निचले स्तर तक ऑक्सीजन की मात्रा न जा सके और इसे समय रहते अस्थाई व्यवस्थाऐं की जा सके ।
जिम्मेदार कौन और क्या है हल/ एसईसीएल ने झाड़ा पल्ला.
दरअसल इस मसले पर भी राजनीति की बू आनी शुरू हो गई है, कोई एसईसीएल को जिम्मेदार ठहरा रहा है तो कोई अपने घर के हुए नुकसान की भरपाई के बारे में सोंच रहा है। लेकिन वास्तविक कारण को दूर करने की बात कोई नही कर रहा। सवाल यही है कि घटना की जिम्मेदारी कौन लेगा प्रशानिक सेवा के अधिकारी वैसे भी चिरमिरी में होने वाली ऐसी घटनाओ को वैसे भी तवज्जों नही देते है उनका मानना है कि चिरमिरी एसईसीएल की देन है तो सब कुंछ उन्ही को करना है और ठीकरा भी उन्ही पर फूटना चाहिए।
30 से 40 घर की हिली नींव/ बाल बाल बचे लगभग 200 लोग
हादसे के आस पास निवास कर रहे 30 से 40 घर के लोगों को छत उजड़ने की चिंता सताने लगी है। घर मे आई दरार और सड़क के किनारे का भाग खिसकने से अब उनके लिए वहाँ रह पाना आसान नहीं होगा और एकदम से घर छोड़कर जाना भी किसी बड़ी चुनोती से कम नही किन्तु समस्या अब ये है कि वे लोग क्या करें और कहा जाए ।इस घटना ने जहा एक फिर एसईसीएल के अधिकारियों सहित उन तमाम खास लोगो को आगाह करने का किया है वही गनीमत यह रही कि 200 लोगों को किसी बड़ी घटना की चपेट में आने से बचा दिया है।