
करोड़ों की लागत से बने एनीकट में नही हुआ जल जमाव, नपा की बड़ी लापरवाही..25 लाख से अधिक राशि खर्च कर बरकेला डेम से लाना होगा पीने का पानी..
ध्रुव द्विवेदी
मनेन्द्रगढ़. नगर पालिका द्वारा इंटक वेल में जमें मलबे की सफाई के लिये एनीकट का गेट खुलवाया गया और फिर गेट पूरा बंद नही हुआ तो उसका जलस्तर काफी नीचे चला गया. ऐसे में अब नपा की लापरवाही से शहर के लेागों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ेगा. वहीं बरकेला डेम से पानी लेने के लिये लगभग 25 लाख रूपये से अधिक की राशि खर्च करनी होगी, आखिर यह किसकी जवाबदेही होगी.
इस संबंध में कलेक्टर कोरिया को भाजपा मंडल अध्यक्ष धर्मेन्द्र पटवा, मंडल महामंत्री रामचरित द्विवेदी, महामंत्री संजय गुप्ता समेत अन्य पदाधिकारियों ने संयुक्त ज्ञानन प्रेषित करते हुये मामले की उचित जांच कर दोषियों पर त्वरित कार्यवाही की मांग की है. कलेक्टर को पे्रषित ज्ञापन में उल्लेखित किया गया है कि नगर पालिका प्रशासन द्वारा एनीकट के संधारण में काफी लापरवाही बरती गई है जिसके चलते शहर के लोगों को एक बार फिर से गंदा पानी पीने के लिये मजबूर होना पड़ेगा.
भाजपा पदाधिकारियों ने आरोप लगाते हुये कहा है कि चैनपुर एनीकट में जमा पानी के बह जाने के कारण अब जल संसाधन विभाग के बरकेला डेम से लगभग 25 लाख रूपये खर्च कर पानी लेना पड़ेगा. इसके साथ ही साथ लगभग तीन महीने तक बरकेला डेम से लेकर इंटकवेल तक कर्मचारियों को लगाना पड़ेगा. साथ ही 7 किमी नाली का चैनल व बोरिंग लगाकर स्थाई डेम बनाना पड़ेगा. इतनी लंबी प्रक्रिया के बाद मनेन्द्रगढ़वासियांं को पानी का पानी मिल सकेगा. वहीं परिषद् के कुछ जिम्मेदार अधिकारी यह भी कह रहे हैं कि बारिश कम होने की वजह से डेम में पर्याप्त पानी जमा नही हो सका. जबकि कृषि विभाग के आंकड़ों में साफ उल्लेखित है कि इस वर्ष जिले में सर्वाधिक वर्षा मनेन्द्रगढ़ में हुई है.
डेम का पानी सूखने के बाद अब अपनी लापरवाही छुपाने के लिये नगर पालिका के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि गलत बयानबाजी कर शहर की जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं. जबकि सभी जानते हैं कि जिला जलावर्धन योजना के तहत् चैनपुर में हसदेव नदी में 6 करोड़ की लागत से एनीकट का निर्माण कराया गया था, लेकिन नगर पालिका परिषद् की बड़ी लापरवाही के कारण एनीकट का गेट बंद नही किया गया जिसके चलते डेम में पानी का जमाव पर्याप्त नही हो पाया.
एक ओर समूचा विश्व कोराना महामारी से जूझ रहा है एेसे में डेम से पानी लाकर शहरवासियों को पिलाने में लगभग 25 लाख रूपये से अधिक की राशि खर्च होगी, यह किसकी जिम्मेदारी होगी. इस संंबंध में पीएचई के अधिकारियों ने नगर पालिका परिषद् के जिम्मेदार लोगों को पूर्व में ही गेट बंद करने के लिये समझाईश दी थी लेकिन फिर भी गेट लाक नही किया गया और लगातार जल रिसाव होता रहा. जिससे अब आने वाले समय में पेयजल संकट का सामना करना पड़ेगा.