न्याय दिलाने वाले अधिवक्ताओं के साथ हो रहा अन्याय बर्दाश्त नहीं ….अधिवक्ताओं के धरना स्थल पर पहुँच थामा माइक और जमकर गरजी सांसद गोमती साय …कहा यह कतई बर्दाश्त नहीं ……और कोई सुध लेने वाला नहीं
रायगढ़।
न्याय दिलाने वाले अधिवक्ताओं के साथ हो रहा अन्याय किसी भी सूरत में बर्दाश्त करने योग्य नहीं है , यह बातें रायगढ़ सांसद गोमती साय ने पिछले लगभग 1 महीने से आंदोलन पर डटे अधिवक्ताओं के समक्ष कहीं। सांसद ने कहा कि पिछले 1 माह से अधिवक्ता आंदोलन पर हैं और प्रदेश की सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है । उन्होंने भूपेश सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि रायगढ़ तहसील कार्यालय में जिस प्रकार की घटना हुई उसके लिए प्रदेश सरकार दोषी है क्योंकि वहां हो रहा भ्रष्टाचार किसी से छिपा नहीं है और बिना सरकार के सहमति के यह भ्रष्टाचार नहीं हो रहा है। प्रशासनिक अधिकारी भ्रष्टाचार करने को मजबूर हैं क्योंकि उन्हें रिचार्ज करवा कर अपने ट्रांसफर पोस्टिंग करवाने पड़ रहे हैं। इतना ही नहीं बल्कि अपने पद पर बने रहने के लिए टॉप अप भी करवाना पड़ता है। सरकार को चाहिए कि एक मुखिया की भांति सभी का ख्याल रखें और अधिवक्ताओं की सुरक्षा कानून लागू करने सहित उनकी सभी मांगों पर गौर करते हुए उन्हें शीघ्र ही पूरा करें। सांसद गोमती साय ने कहा कि रायगढ़ के अधिवक्ताओं की ओर से उन्हें जो ज्ञापन दिया गया है वह उसे गंभीरता के साथ पढ़कर और उन मांगों को पूर्ण करने की दिशा में त्वरित कदम उठाएंगी। कानून में संशोधन की दिशा में भी उनका विशेष प्रयास रहेगा और जरूरत पड़ने पर केंद्र सरकार से भी अधिवक्ताओं के हित में चर्चा कर ज्ञापन के सभी बिंदुओं पर शीघ्रता से कार्रवाई की जाएगी।
संघर्ष समिति के संयोजक ने सौंपा ज्ञापन
सांसद गोमती साय को संघर्ष समिति के संयोजक सीताराम जाटवर ने ज्ञापन सौंपा और संघर्ष समिति के सह संयोजक ने सभी बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए सांसद से सहयोग की अपील की। सांसद गोमती साय ने अधिवक्ताओं को यह आश्वासन दिया कि उनका परिश्रम व्यर्थ नहीं जाएगा और शीघ्र ही उनकी सभी मांगों को पूरा करवाने के लिए वह सरकार और संबंधित विभागों से संपर्क करेंगी।
प्रदेश मंत्री ओपी चौधरी और जिलाध्यक्ष कर चुके हैं पूर्व में समर्थन
भाजपा के प्रदेश मंत्री एवं पूर्व आईएएस ओपी चौधरी एवं जिला भाजपा अध्यक्ष उमेश अग्रवाल ने अपने दल बल के साथ पूर्व में ही अधिवक्ताओं द्वारा किए जा रहे आंदोलन स्थल पर पहुंचकर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अधिवक्ताओं का समर्थन किया जा चुका है और उन्होंने अधिवक्ताओं से उनकी लड़ाई में हर स्तर पर साथ देने का वादा भी किया है। भाजपा अब पूरी तरीके से अधिवक्ताओं के इस लड़ाई में साथ आकर खड़ी हुई है वहीं कांग्रेस की ओर से अब तक भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे आंदोलन और प्रदेश व्यापी लड़ाई के विषय में अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी गई है। सवाल यह उठता है कि आखिर सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ है या भ्रष्टाचार के साथ है। बहरहाल अधिवक्ताओं का यह आंदोलन अभी रुकने वाला नहीं है और यह है किस स्तर तक और कब तक चलता है यह देखने वाली बात होगी।