♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

जिला के मुद्दे को लेकर मनेंद्रगढ़ हुआ एकजुट..  जिला बनाओ संघर्ष समिति की विशाल बैठक व रैली..

मनेंद्रगढ़ की जनता अब कंप्रोमाइज के मूड में नहीं

फिर हो सकता है बड़ा आंदोलन

अनूप बड़ेरिया
 मनेंद्रगढ़ को जिला बनाने की मांग को लेकर जिला बनाओ संघर्ष समिति के द्वारा एक बैठक श्री राम मंदिर मैदान में आयोजित की गई इस बैठक में सभी राजनीतिक दलों के लोगों के साथ ही साथ नगर के आम नागरिक व महिलाओं की भारी भीड़ मौजूद रही सभी ने एक स्वर से मनेंद्रगढ़ चिरमिरी के साथ हुए कुठाराघात पर निंदा करते हुए कहा कि मनेंद्रगढ़  की वर्षों पुरानी मांग रही है लेकिन लंबे अरसे से जिले के मुद्दे पर यहां के लोगों के साथ सिर्फ छलावा ही किया गया ।
 आपको बता दें कि इससे पहले की कोरिया जिला मुख्यालय को लेकर मनेंद्रगढ़ में 1998 में 11 दिन ऐतिहासिक रूप से शहर बंद किया गया था 1 महीने से भी ज्यादा भूख हड़ताल यहां के नागरिकों द्वारा की गई थी
 उल्लेखनीय है कि बीते 15 अगस्त को प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में 1 नए जिले की घोषणा की ।अभी तक कांग्रेश के नेताओं द्वारा लगातार यह कहा जाता रहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद जब कभी भी नए जिलों की घोषणा होगी तो उसमें मनेंद्रगढ़ चिरमिरी का नाम पहले स्थान पर होगा साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ में 36 जिले होंगे जिसमें मनेंद्रगढ़ चिरमिरी पहला स्थान होगा लेकिन 15 अगस्त को जिस प्रकार से क्षेत्र के लोगों की भावनाओं को दरकिनार करते हुए मनेंद्रगढ़ की उपेक्षा की गई उसे यहां के लोगों में काफी आक्रोश है । लोगों ने सोचा था कि जब कभी छत्तीसगढ़ में नए जिलों की घोषणा की जाएगी उसमें मनेंद्रगढ़ और चिरमिरी को प्राथमिकता दी जाएगी लेकिन हर बार की तरह फिर भी इस बार भी ऐसा नहीं हुआ इसे लेकर आज जिला बनाओ संघर्ष समिति  के द्वारा नगर के श्री राम मंदिर मैदान में एक बैठक आयोजित की गई इस बैठक में सभी वर्ग के लोग काफी संख्या में मौजूद रहे साथ-साथ चिरमिरी के प्रति निधि मंडल में भी इस बैठक में शिरकत की बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई , जिसमें मुख्य रुप से एक प्रतिनिधिमंडल बनाकर रायपुर और  एक  दिल्ली जाने की बात कही गई इसके साथ ही साथ चिरमिरी में होने वाली बैठक में जो निर्णय लिया जाएगा उसके अनुसार आगे के कार्यक्रम की रूपरेखा तय की जाएगी इसके साथ ही साथ आने वाले दिनों में  एक सांकेतिक प्रदर्शन का भी जिक्र किया गया। जिस पर आने वाले समय में रूपरेखा बनाकर उसे अंतिम रूप दिया जाएगा बैठक में उपस्थित सभी लोगों ने एक स्वर में कहा कि लगातार तीन दशकों से मनेंद्रगढ़ के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है या लगातार खदानें बंद हो रही है रोजगार के संसाधन समाप्त होते जा रहे हैं उसके बावजूद भी यहां के लोगों को शिवाय आश्वासन के आज तक कुछ नहीं मिला यही वजह है कि अब लोग किसी की बातों में आने वाले नहीं हैं और यदि समय रहते सरकार ने इस दिशा में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया तो इस बार सबसे बड़ा आंदोलन  सकता है
[wp1s id=’2815′]

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

Please Share This News By Pressing Whatsapp Button



स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

जवाब जरूर दे 

[poll]

Related Articles

Back to top button
Don`t copy text!
Close