
कांग्रेस में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा लोकतंत्र के लिए घातक- देवेन्द्र तिवारी वेदांती तिवारी अकेले पीड़ित नहीं, लम्बी है फेहरिस्त…प्रशासन विधायक के इशारों…
अनूप बड़ेरिया
भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष देवेंद्र तिवारी ने बचरापोंडी में तहसील उद्घाटन पर जिला पंचायत के उपाध्यक्ष वेदांती तिवारी के साथ घटित घटना पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार में पंचायत प्रतिनिधियों की लगातार उपेक्षा हुई है। श्री तिवारी के साथ इससे पहले भी जिला प्रशासन से उपेक्षा का मामला सामने आ चुका है। उन्होंने कहा कि सिर्फ वेदांती तिवारी नहीं बल्कि लगभग सभी पंचायत प्रतिनिधियों के साथ इस सरकार में सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनपद पंचायत के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित ग्राम पंचायत के सरपंचों के अधिकारों में कटौती की गयी है। उन्हें कार्यक्रमों के उद्घाटन, शिलान्यास, लोकार्पण में कोई महत्व नहीं दिया जाता।अभी इसी तरह की घटना नगरपालिका के कार्यक्रम में भी देखने को मिली थी।
पूर्व जिपं सदस्य श्री तिवारी ने कहा कि हम जब भाजपा सरकार में जनप्रतिनिधि थे, तब पंचायत प्रतिनिधियों को जिले में सम्मान तो मिलता ही था, राज्य सरकार राजधानी में आमंत्रित करके हमारा सम्मान करती थी। देश भ्रमण करने की योजना थी। पंचायत प्रतिनिधियों के कार्य में कभी मंत्री या विधायक हस्तक्षेप नहीं कर सकते थे। आज हालात बिल्कुल ही विपरीत हैं। प्रशासन पूरी तरह विधायकों के इशारे पर नाच रहा है। यह स्थिति पंचायती राज व्यवस्था के लिए बहुत घातक है।
मैं विगत कार्यकाल में जिला पंचायत सदस्य रह चुका हूँ। मुझे पता है कि जनता की बड़ी अपेक्षा रहती है। प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित प्रतिनिधियों का अपमान कांग्रेस के लिए घातक है। इस सरकार को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।
श्री तिवारी ने कहा कि जिला पंचायत के उपाध्यक्ष तो स्वयं कांग्रेस के बड़े नेता माने जाते हैं।विधानसभा प्रत्याशी रह चुके हैं।अगर इस सरकार में उनकी यह स्थिति है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस सरकार के द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों के साथ कैसा व्यवहार किया जा रहा है।