
ओद्योगिक अत्याचार भयावह प्रदूषण अवैधानिक तरीके से भू अर्जन फर्जी जन सुनवाई के विरोध में कोयला प्रभावित ग्रामीण किसान उतरे सड़क पर 3 दिनों की पदयात्रा का आज इस तरह होगा समापन
रायगढ़।
रायगढ़ जिले में औद्योगिक अत्याचार, भयावह प्रदूषण, विस्थापन,अवैधानिक भूअर्जन, सडक़ दुर्घटनाओं में होने वाली मौतें, फर्जी जनसुनवाईयों के विरोध में चेतावनी तीन दिवसीय पद यात्रा पेलमा तमनार से रायगढ़ कलेक्ट्रेट तक आयोजित की जा रही। तीन दिनों से चल रही पदयात्रा का आज कलेक्ट्रेट घेराव के बाद समापन होगा।
कोयला प्रभावित ग्रामीणों द्वारा अब औद्योगिक विकास के नाम पर लूट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दर असल औद्योगिक विकास के नाम पर जल जंगल जमीन प्राकृतिक संसाधनों की लूट के खिलाफ विशाल पद यात्रा पेलमा से शुरू की गई है। तमनार ब्लॉक जहां कभी चारो तरफ हरियाली और विशेषतौर पर आदिवासियों का बोलबाला उनकी संस्कृति तौर तरीके देखने को मिला करता था लेकिन पिछले कुछ वर्षो में तमनार ब्लॉक और पास पास के क्षेत्रों की हरियाली अब खत्म हो चुकी है। अब यहां आदिवासी संस्कृति तौर तरीके पूरी तरह से नष्ट हो चुके हैं। जो पहले के कुछ वर्षों पूर्व यहां के ग्रामीण कृषि और वनोपज आधारित खुशहाल जीवन व्यतीत किया करते थे। अब विकास के नाम पर विनाश और प्राकृतिक संसाधनों की लूट खसोट मची हुई है। लूट खसोट के लिए औद्योगिक घरानों द्वारा शासन प्रशासन के साथ सांठ गांठ कर लागू पेसा एक्ट कानून का पालन नहीं किया जा रहा है और न ही कराया जाता है।।
पदयात्रियों का आरोप है कि विकास के नाम पर आदिवासियों के प्रकृतिक संसाधन जल जंगल और जमीन को सरकार और पूंजीपतियों द्वारा मिलकर देशभर में लूटा जा रहा है। उसी के साथ साथ छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के तमनार घरघोडा धरमजयगढ में जहां एसईसीएल हिंडालको अदाणी जिंदल द्वारा हमारे प्रकृतिक संसाधन रात दिन लूटा जा रहा है और बदले में प्रदुषण दुर्घटनाओं में मौत दिया जा रहा है वहीं छत्तीगढ़वासियों का pesa नियम और वन संसाधन,जल जंगल जमीन पर कब्जा,रात दिन नए उद्योगों ,बांधो, खदानों के नाम से विस्थापन के लिए होती पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन पर असर से खत्म होती जैव विविधता को संरक्षित करने के लिए, युवाओं महिलाओं के प्रति बढ़ती बेरोज़गारी ,और दमन के खिलाफ तमनार के ग्राम पंचायत पेलमा से पदयात्रा शुरू की गई है। पदयात्रा दिनांक 21/02/23 को ग्राम पंचायत पेलमा से रायगढ़ तीन दिवसीय 23/02/2023 तक पदयात्रा का कोयला प्रभावित क्षेत्र के किसान मजदूर बड़ी संख्या में शामिल होकर विरोध में सड़क पर उतरे हैं।