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अर्थव्यवस्था मे योगदान फिर भी रेल सुविधाओं से वंचित होना मंजूर नहीं….हिमगिर रेल संघर्ष समिति का प्रदर्शन ,….. उत्कल, ईतवारी और टाटा बिलासपुर के ठहराव की मांग …..भाजपा विधायक ने भी उठाया मुद्दा दिया समर्थन

 

रायगढ। रेलवे स्टेशन मे लोकल ट्रेनों के ठहराव की मांग कर रहे ओडिशा की हिमगिर रेल संघर्ष समिति ने 4 सितंबर को रैली निकालकर प्रदर्शन करते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के नाम स्टेशन मास्टर को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान सुंदरगढ विधायक की मौजूदगी मे संघर्ष समिति ने रेलवे के विरोध मे नारेबाजी करते हुए देश की अर्थव्यवस्था मे हिमगिर का योगदान होने के बावजूद स्थानीय आबादी को रेल सुविधाओं से वंचित रखने का आरोप लगाया।


सोमवार को हिमगिर रेल संघर्ष समिति के सदस्यों ने रेलवे स्टेशन मे नारेबाजी से अपने आंदोलन की शुरुआत की और रेलवे परिसर मे एक जनसभा को संबोधित किया। इस सभा मे समिति के पदाधिकारियों ने लोकल ट्रेनों का ठहराव हिमगिर रेलवे स्टेशन मे ना देने की बात कहते हुए रेल मंत्रालय पर उन्हे सुविधा से वंचित करने का आरोप लगाया। संग्राम समिति के सदस्यों ने बताया कि महानदी कोल फील्ड के जरिये रोजाना 6 करोड का कोयला ओडिशा से रेल के जरिये परिवहन हो रहा है। वहीं देश की अर्थव्यवस्था मे उनके योगदान के बावजूद हिमगिर के लोगों को समीपवर्ती जिलों तक पंहुचने सस्ती रेल सेवा का अभाव वर्षों से बना हुआ है। रेल संग्राम समिति के सदस्यों ने कहा कि विगत दो वर्षो से उनके द्वारा हिमगिर मे लोकल ट्रेन के ठहराव की मांग की जा रही है लेकिन अब तक रेल प्रबंधन व केन्द्रीय जनप्रतिनिधि से ठोस आश्वासन तक नहीं मिला है। सदस्यों ने कहा कि टाटा – ईतवारी , टाटा – बिलासपुर व योगनगरी उत्कल पुरी एक्सप्रेस के ठहराव ना होने से ओडिशा के लोग अपने राज्य के तीर्थ जगन्नाथ पुरी के दर्शन के लिए भी रेल सुविधाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। वहीं बिलासपुर व चक्रधरपुर रेल मंडल के बीच ट्रेनों के एक्सप्रेस व पैसेंजर की श्रेणी अलग करने से लोकल ट्रेन दाघोरा और ईब तथा छग के कापन, जेठा, सारागांव व अन्य छोटे स्टेशनों पर ठहरती है लेकिन हिमगिर स्टेशन पर केवल कोल ट्रांसपोर्ट के दबाव के कारण यात्री ट्रेनों को नही रोका जा रहा। लाभ के फेल मे यात्री सुविधा से समझौता कर रेलवे उनकी समस्या के साथ तकलीफ भी बढा रही है। रेल ठहराव शुरू करने की मांग करते हुए केन्द्रीय रेल मंत्री को ज्ञापन सौंपकर हिमगिर रेल संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि यदि 20 सितंबर तक टाटा बिलासपुर व ईतवारी पैसेंजर का ठहराव हिमगिर मे शुरु नहीं हुआ तो आम नागरिकों के साथ संग्राम समिति रेल मार्ग बाधित कर उग्र आंदोलन करने पर विवश होगी। इस एकदिवसीय प्रदर्शन मे संग्राम समिति के सदस्य सनत धुरा , मुश्ताक अहमद , अजय बाजपेयी , मुरली प्रधान , प्रकाश बोहिदार , अशोक पंडा आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

बीजेपी विधायक का भी समर्थन

रेल सुविधाओं की जायज मांग से वंचित हिमगिर रेल संघर्ष समिति की मांग का समर्थन करने प्रदर्शन मे शामिल सुंदरगढ विधायक कुसुम टेटे ने भी स्थानीय स्टेशन पर पैसेंजर ट्रेनों के ठहराव को आवश्यक बताया। साथ ही रेलवे की गति व सुविधा बढाने के उद्देश्य से चल रही चौथी रेल लाइन के निर्माण को वर्तमान मे ट्रेन परिचालन की लेटलतीफी व स्टापेज मे आ रही बाधा की एक वजह बताया और जल्द ही समस्या दूर होने का आश्वासन भी दिया। इसी कडी मे जिला परिषद चेयरमैन कुंती प्रधान , हिमगिर सरपंच संत धुरा , पूर्व जिला परिषद सदस्य व अधिवक्ता काशीनाथ राऊत , बीजेडी ब्लाक अध्यक्ष सुकांत पाती व सामाजिक कार्यकर्ता केबी साहू ने भी अपने संबोधन मे रेल सुविधा बढाने की मांग का समर्थन किया। रैली व जनसभा मे पुलिस की चाक चौबंध सुरक्षा व्यवस्था भी नजर आई।

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