
सारंगढ़ विधान सभा हुआ दिलचस्प ….. अरुण मालाकार की प्रतिष्ठा लगी दांव पर टिकिट दिलाने से लेकर जीता कर लाने तक की है जिम्मेदारी …जीत का सेहरा तो हार की भी ठीकरा अरुण पर … कांग्रेस के ओवर कॉन्फिडेंस से भाजपा प्रत्याशी शिव कुमारी दे रही कड़ी टक्कर… स्थानीय भाजपा नेताओं और गुरुपाल भल्ला की रणनीति …
रायगढ़ । सारंगढ़ विधान सभा का चुनाव अब दिलचस्प मोड़ पर आ पहुंचा है। इस चुनाव में कांग्रेस भाजपा के अलावा बसपा सहित अन्य प्रत्याशी भी हाड़ तोड़ मेहनत कर रहे हैं। कांग्रेस प्रत्याशी उत्तरी जांगडे के लिए लगातार मुसीबत बढ़ते जा रही है जो अब तक कांग्रेस के साथ खड़े थे अब वे दूर होते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस प्रत्याशी को जीत दिलाने पूरा दारोमदार अरुण मालाकार के कंधे पर टिका हुआ।
दरअसल कांग्रेस प्रत्याशी को टिकट दिलाने से लेकर जीता कर भेजने तक की जिम्मेदारी उनके कांधे पर है। शुरुवाती दौर में कांग्रेस प्रत्याशी सब पर भारी पड़ रही थी लेकिन देखते ही देखते भाजपा प्रत्याशी सब पर भारी पड़ने लगीं। भाजपा प्रत्याशी को कमजोर और संसाधन विहीन आंकना कांग्रेस को भारी पड़ता नजर आ रहा है। कांग्रेस के अंदरखाने से निकल कर आ रही जानकारी के अनुसार अरुण मालाकार और उनके परिवार के जिला पंचायत क्षेत्र के लोगों में भी कांग्रेस को लेकर नाराजगी सामने आ रही है। क्षेत्र के कई कुछ समाजिक लोग भी कांग्रेस से दूरी बना रखे हैं। और यह अरुण मालाकार के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।
सारंगढ़ विधान सभा क्षेत्र में कांग्रेस को जीता कर लाने के लिए कांग्रेसियों में भी अंदर खाने से दो गुट हैं लेकिन कौन किसके लिए काम कर रहा है कौन अरुण मालाकार से खफा होकर कांग्रेस से दूरी बना रहा है और किसी दूसरे प्रत्याशी का अंदर खाने से सपोर्ट कर रहा है। विश्वस्त राजनीतिक खबरची सूत्रों की माने तो अरुण मालाकार से कांग्रेसियों की नाराजगी भी भारी पड़ सकती है अगर ऐसा होता है तो अरुण मालाकार की साख पर बड़ा बट्टा लगने वाला है।
सारंगढ़ विधान सभा में कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे का टक्कर दिखाई दे रहा है भाजपा प्रत्याशी शिव कुमारी तेजी से बढ़त बना रही है। यह कहीं न कहीं कांग्रेस की कमजोर होती पकड़ का नतीजा प्रतीत हो रहा है। सारंगढ़ विधान सभा का कोसिर क्षेत्र बरमकेला क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र हैं जहां कांग्रेसी वोटर फिसल सकते हैं कोसीर में कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष बनता माहौल बिगड़ने की स्थिति में हैं। बरमकेला क्षेत्र जहां से हमेशा प्रत्याशी को बढ़त मिलती है किंतु सारंगढ़ अंचल से हार का सामना करना पड़ जाता है। बरमकेला क्षेत्र में जहां स्थानीय कांग्रेसी एकजुट तो नजर आ रहे हैं किंतु सारंगढ़ में भी ऐसा ही हो इसे माना और स्वीकार नहीं हो पा रहा है सारंगढ़ में खेमे में बंटी कांग्रेस को कौन मनाएगा, तो इस बात के लिए अंदर खाने की खबर के अनुसार इसका हल भी अरुण मालाकार ही है।
इस तरह से सारंगढ़ कांग्रेस में अरुण मालाकार हमेशा से ही सुर्खियों में रहे हैं और इस बार भी कांग्रेस को जीता कर लाने में अरुण मालाकार के ही गले में हड्डी फंसेगी। एक तरफ कांग्रेसी जीत को लेकर बेहद उत्साहित भी हैं किंतु यह नहीं भूलना चाहिए की सारंगढ़ के इतिहास में अब तक किसी भी दल का कोई भी प्रत्याशी रिपीट नहीं हुआ है किंतु इस बार उत्तरी जांगडे को सशक्त कंडीडेट माना जा रहा था और जीत भी पक्की मानी जा रही थी लेकिन भाजपा की रणनीति के आगे सारा समीकरण धरा का धरा रह गया है। गैर सतनामी समाज से शिव कुमारी बाजी मार सकती हैं जिस तरह से भाजपा प्रत्याशी तेजी से बढ़त बनाया और इतना ही नहीं जीत के बेहद करीब भी पहुंच गई हैं। कांग्रेसी यदि इसे हल्के में लेते हैं तो जीती बाजी भी पलट सकती है।
सारंगढ़ से यदि कांग्रेस हारती है तो हार का ठीकरा अरुण मालाकार के सिर पर फूटेगा और यदि जीत हासिल होती है तो अरुण मालाकार किंग मेकर बन कर उभरेंगे। कुल मिलाकर सारंगढ़ में कांग्रेस अध्यक्ष अरुण मालाकार की प्रतिष्ठा दांव पर लग चुकी है। इधर भाजपा नेताओं मयूरेश केशरवानी अजय गोपाल अमित तिवारी आदि नेताओं का कद भी लगातार बढ़ रहा है ऐसे कांग्रेस के दिग्गज नेता अरुण मालाकार की रणनीति क्या होगी देखने की बात है।