विवाहिता के साथ दहेज प्रताड़ना…..माता पिता ने अपनी क्षमता से अधिक दिया स्त्रीधन …डायमंड की अंगूठी की मांग भी किया था पूरा ……. डेढ़ साल का बच्चा लेकर न्याय के लिए भटक रही महिला..आरोपियों को अग्रिम जमानत ……अपने अधिकार की लड़ाई लड़ रही
रायगढ़। कार की चाह में पति, सास सहित ससुराल पक्ष के लोगों ने नवविवाहित महिला को मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने का मामला सामने आया है। पीड़िता ने दहेज के लिए प्रताड़ित करने वाले पति, सास, जेठ, जेठानी आदि के खिलाफ कार्रवाई किए जाने को लेकर चक्रधर नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने अपराध दर्ज कर लिया, वहीं आरोपियों को न्यायालय से अग्रिम जमानत मिल गई।
इस संबंध में पीड़िता किरण साव पति डॉ अनूप साव उम्र 28 वर्ष निवासी कसेर पारा ने रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया कि उसका विवाह 7 फरवरी 2021 को पुसौर के डॉ अनूप साव के साथ सम्पन्न हुआ। विवाह के उक्त उसके माता पिता ने अपनी क्षमता से अधिक स्त्रीधन के रूप में सामाग्री आदि दी थी। किंतु ऐनवक्त पर उसकी सास व पति ने डायमंड की अंगूठी की मांग की। तब किसी तरह उसके माता पिता ने उनकी यह मांग भी पूरी की। शादी होने के करीब 7 दिन बाद उसकी सास सरोज साव, पति अनूप साव, जेठ जैमिनी साव तथा जेठानी शांता साव प्रताड़ित करने लगे। वे लोग हर छोटी मोटी बात को लेकर प्रताड़ित करते थे, वहीं उसका पति अनूप साव हर बात को लेकर मारपीट करता था। कुछ समय बाद ही वे कार की मांग करते हुए उससे मारपीट कर प्रताड़ित करने लगे। ऐसे में जब पीड़िता ने अपने पति को अपने पिता की आर्थिक स्थिति नहीं होने का हवाला देते हुए इस मांग को लेकर इनकार किया तब उसके पति ने उससे और अधिक मारपीट की। पीड़िता ने बताया कि उसका पति अनूप साव चरित्रहीन है और वह अक्सर उसे अश्लील फोटो दिखाकर मानसिक रूप से परेशान करता है। 9 मई 2021 को जब उनका मन इतने से भी नहीं भरा तो उन्होंने पीड़िता को जिंदा जला देने की भी धमकी देने लगे। जिसके बाद वह किसी तरह बच कर अपने मामा यहां आ गई और वहां से मायके चली गई। ऐसे में उसका पति माइके पहुंचा और उसे किसी तरह बहला फुसला कर वापस ले गया। इसके बाद उसे मारपीट करते हुए उसे मायके में छोड़कर चले गए। इसी बीच पीड़िता को मालूम हुआ कि वह गर्भवती है। 13 अप्रैल 2022 को उसका एक पुत्र हुआ। कुछ माह के पुत्र को भी वे प्रताड़ित करते थे और शारीरिक कष्ट देते थे। अंतत: इन सभी परिस्थितियों से तंग आकर पीड़िता मायके वापस आ गई। इसी बीच उसका पति भी वहां पहुंच गया और पीडिता के माता पिता के सामने ही उसने दूधमुंहे बच्चे को मारने की कोशिश की, जब पीडिता ने दोबारा ससुराल नहीं जाने की ठानी। इन सब घटनाओं से व्यथित पीड़ित फिलहाल अपने और मासूम बच्चे के अधिकार की लड़ाई मायके में रहकर लड़ रही है।