
डॉ. संजय यादव बिलासपुर जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्रों के बीच पहुंचे ….. आज के प्रतिस्पर्धी माहौल में खुद के कौशल का कैसे करें विकास ….कैसे निरंतरता से होता है सर्वांगीण विकास …निरंतरता की प्रक्रिया बंद नहीं होनी चाहिए
बिलासपुर ।
डॉ. संजय यादव का नवोदय विद्यालय बिलासपुर के विद्यार्थियों के बीच पहुंचकर साथ कौशल को निरंतर निखारने और आज के प्रतिस्पर्धी माहौल की आवश्यकता विषय पर चर्चा करने पहुंचे। यहां उन्होंने छात्रों को आज के प्रतियोगी माहौल में खुद को कैसे उस माहौल के लिए तैयार करना और खुद के कौशल को तराशने के लिए किस तरह से निरंतरता लाकर अपडेट किया जा सकता है और स्वयं को प्रतियोगी माहौल के लिए तैयार कर सकते हैं।
डॉ. संजय यादव जवाहर नवोदय विद्यालय के बच्चों को कौशल विकास कार्यक्रम में व्याख्यान देने पहुंचे थे। उन्होने बताया कि किस तरह से त्रुटियों की पहचान करें और और त्रुटि यों को खत्म किया जा सकता है। छात्र जीवन से ही कार्यकुशलता की चुनौतियाँ चाहे कितनी भी बड़ी या छोटी हों, उनका स्वागत किया जाना चाहिए न कि घबराना चाहिए उन्होंने उदाहरण देकर उन चुनौती से खुद को कैसे निखार सकते है चुनौतियां ही हमारे कौशल को निखारती हैं। हम जितना चुनौती स्वीकार कर उसका स्वागत करेंगे यही निरंतरता आपकी व्यक्तित्व क्षमता के साथ कौशल कुशलता के लिए तैयार करेंगे।
ऊन्होने बताया कि टोयोटा कंपनी की मानसिकता है कि हर दिन सुधार किया जा सकता है, चाहे आपने एक दिन पहले कितना भी अच्छा प्रदर्शन क्यों ना किया हो। समय के साथ सुधार करने से लागत और समय की बचत होती है जो आपके सर्वोत्तम प्रदर्शन में मदद करती है । ऊन्होने बताया कि लगातार छोटे-छोटे सुधार करने के लिए सक्रिय रहने की आवश्यकता है। पूर्णतावाद को त्यागें और पुनरावृत्तीय की प्रवृत्ति कर अनुकूल परिवर्तन का दृष्टिकोण अपनाएँ।
उन्होंने छात्रों को कहा कि जैसे ही आपको गलतियाँ मिलें, आप उसका समाधान खोजें। ऐसा माहौल बनाएं जिसमें हर कोई योगदान करने के लिए सशक्त महसूस करे। कम लागत और छोटे सुधार खोजने के लिए रचनात्मकता का उपयोग करें। डॉ. यादव ने कई और महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर ब्याख्यान देते हुए बताया कि कभी भी सुधार प्रक्रिया बंद न करें।