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पर्यावरण प्रदूषण और लगातार बढ़ता औद्योगिक प्रदूषण, क्या आएगा कोई मसीहा जो दिलाएगा निजात……रायगढ़ इस्पात और सन स्टील से 18 गुना हो जायेगा ….केमिकल युक्त पानी से नदी का पानी भी जहरीले … होती है निरस्त तो भी पहले हो जन संगठनों की मौजूदगी में जांच 

 

रायगढ़ इस्पात और सन स्टील के 6 गुना विस्तार तीन उद्योग का 18 गुना विस्तार से प्रदूषण खतरनाक स्तर को करेगा पार,
सन स्टील के बगल से गुजरी नदी फैक्ट्री के दूषित कैमिकल युक्त पानी से हो जाएगी प्रदूषित,

रायगढ़। जिले में आने वाले दिनों में तीन उद्योगों के विस्तार की जनसुनवाई होनी है जिसमे रायगढ़ इस्पात की दो और सन स्टील की हालाकि सन स्टील भी रायगढ़ इस्पात के मालिकाना हक की ही है। इन तीनों उद्योग की 6- 6 गुना विस्तार होना है। एक रायगढ़ इस्पात देलारी सरायपाली, दूसरी उद्योग शिवपुरी और सन स्टील बड़े गुमड़ा में स्थित है। इनके विस्तार हो जाने से प्रदूषण अपने खतरनाक स्तर को पार कर जायेगा।
जिले में जिस तरह से औद्योगिक विस्तार हो रहा है इससे आने वाले समय में कोई भी स्वस्थ नहीं रह सकता है। क्योंकि एनजीटी के निर्देश पर क्षेत्र में औद्योगिक केयरिंग कैपिसिटी का अध्ययन कराया गया था जिसमे कहा गया था कि क्षेत्र में और नए उद्योग नहीं लगाया जा सकता है और न ही पुराने उद्योगों का और विस्तार संभव है यदि क्षेत्र में और उद्योगों का विस्तार हुआ या नए उद्योग लगाए गए तो क्षेत्र का पर्यावरण प्रदूषण अपने लिमिट को पार कर जायेगा और फिर कोई भी खतरनाक प्रदूषण को झेल पाने में असक्षम हो जायेगा यानि हर कोई बीमार रहेगा। वर्तमान में ही जब हालात ऐसी है जहां पर्यावरण प्रदूषण की वजह से लोगों ने विभिन्न प्रकार की बीमारियां पैदा हो रही है चर्म रोग से लेकर कैंसर जैसी घातक बीमारियां अब आम हो चुकी है।
इस संबंध में पर्यावरण मित्र के बजरंग अग्रवाल ने कहा कि रायगढ़ इस्पात की तीनों उद्योगों की जन सुनवाई फर्जी आईआईए रिपोर्ट के आधार पर संपन्न होने जा रहा है पर्यावरण विभाग को इससे कोई सरोकार नहीं की आईआईए रिपोर्ट में क्या लिखा है क्या नहीं ? आईआईए रिपोर्ट की सिर्फ एक कॉपी होनी चाहिए भले ही वह फर्जी हो। खास बात ये है की रायगढ़ पर्यावरणीय मंजूरी के बिना इन उद्योगों में बिना पर्यावरण सुकृति के बिना जनसुनवाई किया हजारों टन के उद्योग चल रहे हैं जिला कलेक्टर एवं पर्यावरण अधिकारी से मांग की जाती है पहले इन उद्योगों की जांच की जाए कितने उद्योगों की अनुमति मिली है एवं कितने उद्योग बिना अनुमति के चल रहे हैं गत कई सालो से चल रहा है क्या कभी पर्यावरण विभाग ने इसकी सुध ली है।
पर्यावरण मित्र के बजरंग अग्रवाल ने यह भी कहा कि रायगढ़ इस्पात के एक प्लांट में फ्लाई ऐश ब्रिक का प्रतिदिन 55 हजार इंटों का है दूसरे में 76 फ्लाई ऐश ब्रिक निर्माण का है और सन स्टील में प्रतिदिन 40 हजार फ्लाई ऐश ईंट निर्माण का है। उन्होंने कहा की उनके पास आखिर ऐसा कौन सा संयंत्र है जो प्रतिदिन इतने बड़े पैमाने पर फ्लाई ऐश ब्रिक का निर्माण करेंगे। दूसरी यह की सन स्टील की वजह से प्लांट के बगल से गुजरी नदी विस्तार के बाद उसके गंदे पानी की वजह से और बदहाल हो जायेगा पानी पूरी तरीके से प्रदूषित हो जायेगी और नदी महज एक नाम की रह जायेगी।

इन उद्योगों की जन सुनवाई आचार संहिता की वजह से निरस्त हो रही है किंतु इसकी जांच होनी चाहिए वह भी जन संगठनों की मौजूदगी में रायगढ़ इस्पात की तीनों फैक्ट्रियां पर्यावरणीय स्वीकृति के पूर्व कितनी चल रही है और कितना नियमों का पालन किया जा रहा है।

 

शमशाद अहमद /-

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