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रायगढ़ महिला संघ के समूह की दीदीयों ने बहुस्तरीय खेती का किया उद्घाटन और ….मल्टी लेयर खेती तकनीक का किया रहा इस्तेमाल …मुनगा लगा कर मनाया विश्व पर्यावरण दिवस

 

रायगढ़।

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर बिहान योजना द्वारा संचालित रायगढ़ महिला संघ ब्लॉक स्तरीय संगठन के साथ प्रदान संस्था द्वारा समाज को एक नई दिशा के लिए मल्टी लेयर खेती का उद्घाटन किया गया।

इसके अलावा वृक्षारोपण कार्यक्रम भी किया गया। यह कार्यक्रम ग्राम पंचायत के अनीता चौहान के खेत में किया गया। अनीता दीदी के जैविक खेती में रुचि ने समाज को तथा पर्यावरण को नया पहल दिया। इस बहुपरतीय संरचना का निर्माण HDFC बैंक परिवर्तन योजना द्वारा 3 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के सहयोग से प्रदान संस्था के लाइवलीहुड कोऑर्डिनेटर, एरिया कोऑर्डिनेटर, सेंट्रल कृषि उद्यमी एवं ग्रामीण कृषि उद्यमी ने मिलकर किया।

कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि श्रीमती रोशनी दुबे, (विकास विस्तार अधिकारी – जनपद पंचायत), मनोज साव ( ग्रामीण कृषि विकास विस्तार अधिकारी-कृषि विभाग), श्रीमती कमला पटेल ( रायगढ़ महिला ब्लॉक स्तरीय संगठन अध्यक्ष) द्वारा किया गया। समूह की महिलाओं ने पर्यावरण बचाव नारा लगाकर लोगों को जागरूकता का संदेश दिया। जिसमें गांव के सदस्य, समूह की महिलाएं, ग्राम संगठन सदस्य- पंझर, पीआरपी और FLCRP (बिहान योजना) CLF सदस्य, BLF सदस्य एवं प्रदान संस्था के कार्यकर्ता उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान कुछ अहम निर्णय अध्यक्ष कमला पटेल दीदी द्वारा लिया, जैसे इस साल प्रत्येक समूह सदस्य 5 पौधा दीदियों को अपने गांव में लगाना है और उसका 6 माह देखभाल करना है। अगर ऐसा किया जाए तो पूरे ब्लॉक के 20000 महिला सदस्य कुल 100000 पेड़ लगाएंगे जो पर्यावरण हित में बड़े आकार में लाभकारी होगा। प्रदान संस्था के सहयोग से हॉर्टिकल्चर विभाग से ले गए 20 मूनगा के पौधों का भी रोपण किया गया जो पोषण एवं पर्यावरण की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण पौधा है।
इस कार्यक्रम का समापन ग्रामवासी एवं समूह की महिलाओं ने पर्यावरण सुरक्षा हेतु संकल्प लेकर किया गया।

क्या है मल्टिलेयर पद्धति
मल्टीलेयर फार्मिंग आज के समय में एक नई कृषि तकनीक के रूप में उभर कर सामने आ रही है जो 5*6 के संरचना बांस के खंभे, ग्रीन शेड नेट, काशी एवं GI तार के मदद से जरूरत अनुसार एरिया के लिए किया जाता है। इस खेती से यही फायदा है कि एक ही खेत में चार से पांच लेयर में खेती करके ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है और पर्यावरण की दृष्टि से भी यह सुरक्षित है क्योंकि यह पूरी तरीके से प्राकृतिक और जैविक खेती पर आधारित है। यह संरचना जैव विविधता को बढ़ावा देता है और अपने आप में वातावरण बनाता है। इसमें पौधे और फल जल्दी बढ़ते हैं और स्वस्थ होते हैं। इसमें कम वाष्पीकरण होता है और नमी ज्यादा दिन तक बना रहता है। किसी भी प्रकार के रासायनिक खाद के छिड़काव की जरूरत नहीं पड़ती। इसमें पहले लेयर में कंद जैसे फसल को लगाया जाता है जो जमीन के नीचे होता है, दूसरी लेयर में जमीन के तल पर होने वाली साग जैसे फसल को लगाया जाता है, तीसरी लेयर में जमीन से थोड़ा ऊपर जो फल सके, मिर्च या बैगन जैसे फसल को लगाया जाता है, चौथे लेयर में लतरदार फसल को लगाया जाता है जो बांस के सहारे ऊपर चढ़कर फलता है तथा पांचवें लेयर में देसी पपीता जैसे फसल को लगाया जाता है जो 10 फीट के हाइट पर जाकर फलता है‌। यह मल्टी लेयर फार्मिंग की खेती का प्रशिक्षण HDFC बैंक परिवर्तन योजना के सहयोग से हुआ था , अभी तक ब्लॉक 4 किसान मल्टी लेयर में खेती कर रहे हैं।

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