Big Breaking – रायगढ़ निगम चुनाव में तीसरे पैनल की इंट्री की सरगर्मी… महापौर समेत सभी वार्डों में होंगे नए चेहरे ….क्या शहरवासियों को भी तीसरे मोर्चे की बेसब्री से इंतजार
रायगढ़ ।। नगरीय निकाय के चुनाव को लेकर रायगढ़ में कभी भी एक बड़ी राजनीतिक खलबली मच सकती है। अंदर खाने की खबर के मुताबिक शहर में भाजपा और कांग्रेस से इतर किसी तीसरे पैनल की धमक राजनीति दल की रातों की नींद और दिन का चैन छीन सकता है। तीसरे मोर्चे के सामने आने के बाद राजनीतिक समीकरण की तस्वीर पूरी तरह से बदल सकती है।
छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के सभी पदों के लिए आरक्षण की प्रकिया पूरी हो चुकी है। 15 जनवरी के बाद कभी भी आचार संहिता लागू हो सकती है। अब ऐसे में छोटे-बड़े सभी पार्टियों के चुनावी मैदान में उतरने वाले इच्छुक प्रत्याशी अपनी-अपनी दावेदारी पेश करने में लग गए हैं, चाहे वो मीडिया के माध्यम से हो या अपने पार्टी के बड़े नेताओं से संपर्क।
शुरू से ही रायगढ़ जिला पूरे छत्तीसगढ़ में राजनीतिक तौर पर हावी रहा है, चाहे वित्तमंत्री हो या मुख्यमंत्री , हर बार रायगढ़ की तूती बोलती है। रायगढ़ नगरीय चुनाव में भी मधु बाई किन्नर जैसे महापौर पद के लिए की जीत से बड़े उलटफेर हो चुके हैं। सूत्रों के अनुसार रायगढ़ में एक पैनल बनाकर महापौर और सभी वार्डन पार्षद उम्मीदवार उतारने की तैयारी शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि उस पैनल का नाम आशीर्वाद पैनल है और उसे कई गणमान्य नागरिकों का आशीर्वाद भी प्राप्त है।
बताया जा रहा है कि थर्ड फ्रंट आशिर्वाद पैनल कॉफी लंबे समय से नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी में लगा हुआ है। यहां तक कि करीबन आधा दर्जन वार्डों में उनके पार्षद प्रत्याशी फाइनल हो चुके हैं और महापौर प्रत्याशी भी लगभग फाइनल हो चुका है। बस वो सही समय का इंतजार कर रहे थे, जो पूरे छत्तीसगढ़ में आरक्षण के बाद आ गया है, जो भी हो इस बार नगरीय निकाय चुनाव को हल्के में न लें सत्ताधारी भाजपा और कांग्रेस।
“हर मतदाता का एक ही चैनल, आशीर्वाद पैनल आशीर्वाद पैनल” के नारे के साथ उतरने की पूरी तैयारी कर चुका है ये पैनल। चुनाव के इतिहास में भी ये पहली बार होगा कि जो कोई स्वतंत्र पैनल इतने बड़े चुनाव में उतरने की हिम्मत दिखा रहा है। पैनल से जुड़े लोगों का कहना है कि कांग्रेस-भाजपा अब रायगढ़ को बेहतर नहीं बना सकते क्योंकि उनको कई 5 साल दिए जा चुके हैं और अगर सच में उनके नियत में बेहतर करना होता तो आज रायगढ़ शहर स्मार्ट सिटी होता, प्रदूषण फ्री होता।
अब देखना ये है कि ये आशीर्वाद पैनल अपने सच्चे वादों को आम जनता तक कैसे पहुंचा पा रहा है और रायगढ़ शहर की जनता कितना उनका साथ दे रहे हैं, पर अब जो भी हो इस न्यूज के बाद नगरीय निकाय चुनाव में कुछ को बेहतर होने की उम्मीद की जा सकती है। बहुत जल्दी और बड़े खुलासे करने जा रहा है ये आशिर्वाद पैनल, साथ ही हमको इंतजार होगा कि इस पैनल तले कौन-कौन पार्षद प्रत्याशी होंगे और महापौर प्रत्याशी कौन होगा?