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भाजपा के डेढ़ वर्ष बनाम कांग्रेस के पांच साल…. रायगढ़ विधान सभा …विकास के पैमाने …  

 

रायगढ़।
अकसर लोग विकास की बातों को चुनावी जुमला मानकर चलते है। विकास अक्सर फाइलों और पन्नों में सिमटे नजर आते रहे इतना ही नहीं विकास की गाथाओं के अनगिनत नाटक नौटंकी में सजे सजाए चेहरे जनप्रतिनिधियों के रूप में प्रदर्शित होते रहते हैं। किंतु अब समय आ गया है जब कालांतर में पिछले 6 वर्षो में जिला मुख्यालय के विकास की योजनाओं के पैमाने का अवलोकन हो।

छग के यदि अन्य जिला मुख्यालय से रायगढ़ शहर की समतुल्य तुलना किया जाए तो अन्यत्र शहरों के समान पिछली कांग्रेस की सरकार में रायगढ़ को जो मिलना था वह हासिल हो न सका। रायगढ़ विधान सभा में जनप्रतिनिधियों के चुनाव लड़ने से पहले और बाद की परिस्थितियां क्या रही है यह किसी से छुपी हुई नहीं है। चुनाव जीतने के बाद महंगी ब्रांडेड चार पहिया वाहन और बंद शीशों के बीच तत्समय खूब सुर्खियां बटोरी इतना ही नहीं उनके अनुयाई भी चाहे वह नगरिय निकाय हो जनपद हो या फिर पंचायत स्तर पर कहीं से भी विकसित रायगढ़ की परिकल्पना दिखाई नहीं दी। अलबत्ता सभी अपने बैंक बैलेंस को ठीक करने और जमीन जायदाद बनाने में मशगूल नजर आए।

इधर पिछले डेढ़ वर्षों में बीजेपी सरकार ने जिस प्रकार से सीएसआर डीएमएफ और एनटीपीसी कम्युनिटी विकास राशि एवं अन्य योजनाओं से जिस प्रकार निरंतर विकास के योजनाओं को पंख लगाये जा रहे हैं। नगर निगम की एमआईसी द्वारा शहर विकास की परिकल्पना को साकार करने प्रयास किया जा रहा है। और शहर विकास के लिए लाए गए प्रस्ताव को अमली जामा पहनाया जा रहा है और विकसित रायगढ़ शहर की परिकल्पना में कई मिलों आगे जा चुके है। इस पर भाजपा के अनेक नेताओं ने पिछली कांग्रेस सरकार में रहे जनप्रतिनिधि की चुटकी लेने से पीछे नहीं हट रहे।

सोसल मीडिया और अन्य मीडिया के माध्यम से डेढ़ वर्ष बनाम कांग्रेस की पांच वर्ष की सरकार को खुलेआम चुनौती देते दिखाई देते हैं, अब माद्दा कांग्रेस में होना चाहिए कि अपने पांच साल के रायगढ़ के शहर विकास और जिले में किए गए विकास को लेकर सामने आकर पग पसारने चाहिए पर कांग्रेस में खामोशी है । क्या कहीं ऐसा तो नहीं डेढ़ वर्ष बनाम पांच साल का असर जनता के बीच में है।

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