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जिस हाईटेक घर की दुहाई दे रहे है भाजपाई क्या उसमें एक दिन भी खुद गुजार पाएंगे ….भाजपा से पूछा कि बारिश में घर तोड़ने की जल्दी क्यों …. किसे फायदा पहुंचाना है मकसद – वसीम खान

 

 

 

 

 

रायगढ़,, मजबूरों को बेघर करने का जश्न सिर्फ भाजपाई ही मना सकते है,और कोई नही ऐसा कहना है कांग्रेस के मीडिया प्रभारी वसीम खान का।।

आपने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने गरीबों के सर पर छत देने और जमीन पर उनका कानूनी अधिकार देने का काम किया था,आज भाजपा सरकार उन्हें उनकी जमीनों और घरों से बेदखल कर रही है। यही नहीं सत्ता धारी पार्टी के समर्थक इस कृत्य का पूरी बेशर्मी से जश्न मना रहे है। उसे सही बता रहे हैं।

वसीम की माने तो एक तरफ सत्ताधारी बिना किसी पूर्व सूचना और तैयारी के सैकड़ों मजबूर लोगों को पुलिस के डंडे के जोर पर घर से बेघर किया साथ ही दूसरी तरफ आधी अधूरी और गैर जिम्मेदारी पूर्ण तरीके से विस्थापित किया है वो अमानवीय है। मां बिहार कालोनी के जिस E W S बिल्डिंग में पीड़ितों को शिफ्ट किया जा रहा है उसकी निर्माण गुणवत्ता बेहद घटिया है। साथ ही इतनी बड़ी संख्या में शिफ्टिंग की तैयारियां पहले से नहीं की गई जिसके कारण विस्थापित लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

वसीम खान कहते है कि तोड़ फोड़ के इस अमानवीय घटना के तीसरे दिन प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दीपक बैज, खरसिया विधायक उमेश पटेल, धर्मजयगढ़ विधायक लालजीत राठिया एवं अन्य विधायक, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने न्यू मरीन ड्राइव प्रभावितों से मिलने के उद्देश्य से रायगढ़ दौरा किया। उन्होंने न केवल प्रगति नगर और जेलपारा के पीड़ितों से बात की बल्कि उनका हाल चाल जाना साथ ही पुनर्वास वाले स्थान का दौरा भी किया।

आपने भी उक्त कार्यवाही को अमानवीय और गैर_जिम्मेदाराना बताते हुए कुछ बिल्डरों को फायदा पहुंचाने वाला कु_कृत्य बताया है। साथ ही यह हिदायत दी कि सैकड़ों गरीबों को बिना प्लानिंग बंदूक और डंडे के बल पर जिस तरह बेघर किया गया है उसका दुष्परिणाम सत्ता पक्ष और स्थानीय भाजपा विधायक केबिनेट मंत्री चौधरी को भुगतना पड़ेगा।

वसीम के अनुसार सोशल मीडिया में सत्ता पक्ष के नेता और पार्टी समर्थक जिस तरह से जेलपारा से विस्थापित सैकड़ों गरीब मजबुर लोगों के दुख_दर्द को दर किनार करते हुए,अपने तानाशाह नेता और प्रशासन के पक्ष में जो बातें कह रहे है उन्हें न तो गरीबों से कोई लेना देना न ही उनकी तकलीफ से कोई वास्ता है। उनकी संकुचित सोच यही है कि उनके नेता हर हाल में सही है उनका लिया हुआ निर्णय उचित है। जबकि सही तरीके से देखें तो यह सीधे तौर पर तानाशाही है। सत्ता पक्ष की उक्त कार्यवाही सिर्फ कुछ धनी बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है। जिसका सीधा नुकसान प्रगति नगर और जेलपारा के सैकड़ों गरीब परिवारों को हुआ है। अन्यथा बारिश के शुरुवाती मौसम में बिना उचित पुनर्वास की व्यवस्था के अचानक से तोड़_फोड़ करने की जरूरत क्यों आन पड़ी। ऊपर से इतनी बड़ी कार्यवाही के बीच खुद विधायक ओ पी चौधरी रायगढ़ से नदारत हो गए । उन्हें दुख की इस घड़ी में प्रगति नगर वासियों के साथ खड़े होना था। उनके पुनर्वास की व्यवस्था देखनी थी,लेकिन वो सिर्फ जुमले बाजी से ही अपनी जिम्मेदारी को पूरा कर रहे हैं। यह सरासर गलत है। जिन लोगों को बेघर कर 5/6 km दूर बसाया जा रहा है,उनमें से ज्यादातर लोग रोजी_मजदूरी करके जीवन यापन करते हैं,उनके लिए आने वाला समय काफी कष्टदायक होने वाला है। उनके बच्चों की पढ़ाई लिखाई और सुरक्षा भी एक बड़ी चुनौती होगी। जिसका विकल्प सत्ता पक्ष और प्रशासन को खोजना पड़ेगा। यही नहीं जिस खंडहर नुमा ews बिल्डिंग में 300 से अधिक परिवार के लोगों को जीवन भर के लिए रहने भेजा जा रहा है,उसकी निर्माण गुणवत्ता भी काफी खराब है। मैं इस प्रेस विज्ञप्ति के आधार पर भाजपा कार्यकताओं और उनके नेतागणों से निवेदन करूंगा कि आप जिस हाईटेक सुविधाओं वाले घरों का दावा कर गरीबों को मां बिहार ews बिल्डिंग में बसा रहे है वहां आप में से कोई एक दिन गुजार कर दिखाएगा।।

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