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आत्महत्या को कैसे रोकें..समाज मे बढ़ रही इस प्रवृत्ति… लायन्स क्लब ने रखी संगोष्ठी..

मनेन्द्रगढ़ से ध्रुव द्विवेदी

लायन्स क्लब प्राइड मनेन्द्रगढ़ के तत्वावधान में सरस्वती विकास विद्यालय में समाज मे बढ़ रही आत्महत्या की प्रव्रत्ति को रोकने संगोष्ठी का आयोजन किया गया।इस अवसर पर विभिन्न विचारकों ने अपने विचार रखे।


नियत कार्यक्रम के अनुसार माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन कर संगोष्ठी का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर मंच पर सरस्वती विकास विद्यालय समिति के अध्यक्ष कमल केजरीवाल, संगीता शर्मा,इंद्रा सेंगर, महाविद्यालय प्राचार्य मीठू अधिकारी, लायन कौशल अरोरा,रामचरित द्विवेदी,रश्मि गुरिया,सोनिया कालरा मौजूद रहे। इस अवसर पर विद्यालय की छात्राओं ने सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत की भावपूर्ण प्रस्तुति दी।


सर्वप्रथम क्लब की अध्यक्ष लायन संगीता शर्मा ने कहा कि सुख दुख एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।जीवन मे इनका क्रम चलते रहता है।विषम परिस्थितियों में हमें कभी घबड़ाने की जरूरत नहीं वरन पूरी क्षमता से हमे उससे निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए।लायन सदस्य रश्मि गुरिया ने अपने उद्बोधन में कहा कि आत्महत्या से परिवार,मित्र व सामाजिक लोगों को काफी दुःख होता है।मानव जीवन काफी दुर्लभ होता है हमे इसयुं ही जहीन गवाना चाहिए।सभी के जीवन मे उतार चढ़ाव आता रहता है लेकिन हमें कभी हौसला नहीं खोना चाहिए।समय परिवर्तन शील है अगर अच्छा वक्त नहीं रहा तो बुरा वक्त भी नहीं रहेगा।सामाजिक कार्यकर्ता इंद्रा सेंगर ने कहा कि सभी के जीवन मे उतार चढ़ाव आते रहते हैं,लेकिन हमें कभी संयम नहीं खोना चाहिए।संघर्ष का दूसरा नाम ही जीवन है। बच्चों को अपना पूरा ध्यान अपनी पढ़ाई में लगाना चाहिए,तभी वे अपने लक्ष्य में सफल हो सकते हैं। लायन कौशल अरोरा ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जो आत्महत्या करता है वह आ0ने पीछे कभी न खत्म होने वाली पीड़ा अपने लॉगिन को दे जाता है।हमें यह जान लेना चाहिए कि मनुष्य ईश्वर की सर्वश्रेष रचना है।जीवन के हर दिन में हमें सीखने को मिलता है।उन्होंने कहा कि अब लीगों की सोच में काफी बदलाव आया है।जीवन में कई बार ऐसा होता है कि अब कुछ शेष नहीं लेकिन हमें कभी हताश नहीं होना चाहिए ।सामाजिक कार्यकर्ता रामचरित द्विवेदी ने अपने उद्बोधन में कहा कि परिवर्तन ही संसार का नियम है।हमें सदैव अपने परिवार,समाज के बारे में सोचकर ही कोई कार्य करना चाहिए।आत्महत्या समस्या का हल नहीं है।बल्कि इससे वे लोग और प्रभावित होते हैं जो अपनों को खो देते हैं। लायन संगीता कालरा ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमें क्या करना है यह हमें ही तय करना होगा।समाज मे हमारी क्या पहचान बने उसके अनुरूप हमे आचरण करना होगा।कभी जिंदगी में कोई समस्या आ भी जाय तो उससे निपटने का हौसला भी हमारे पास होना चाहिए,यही मानव जीवन की सार्थकता है।वक्ताओं के उद्बोधन के उपरांत सभी को पुष्पों के पौधों को उपहार स्वरूप दिए गये।संगोष्ठी में लायन्स क्लब प्राइड की अध्यक्ष संगीता शर्मा,इंद्रा सेंगर,सोनिया कालरा,तोशी अग्रवाल, रजनी अग्रवाल, अरुणा अग्रवाल,शोभा आचार्या,सिम्मी जैन ,अमिता नियोगी, पम्मी अरोरा, डॉक्टर मंजूलिका करन, संगीता सिंह ,अंजू बोदिया प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।इस अवसर पर मंच का संचालन विद्यालय के प्राचार्य वेद प्रकाश पांडे ने किया।

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