
विश्व नर्स दिवस आज…नर्सो के लिए संवेदनशीलता के साथ रखें आदर का भाव… स्वास्थ्य के लिए विश्व का नेतृत्व करने की एक आवाज होगी इस वर्ष की थीम..
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 12 मई विश्व नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है नर्स: स्वास्थ्य के लिए विश्व का नेतृत्व करने की एक आवाज’ होगी इस वर्ष की थीम है। इस दिन हमें नर्सो के लिए संवेदनशीलता के साथ आदर का भाव रखकर ,उनके कार्यस्थल पर उनको सम्मान देना चाहिए, ताकि वह जो प्रतिदिन अपने जान जोखिम में डाल कर लोगों की मदद कर रहे हैं लोगों की जान बचा रहे हैं ,अपने जीवन के परवाह किए बिना आम जनों की स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधा दे रहे हैं प्रोत्साहित हो सकें।
सिस्टर संबोधन नही अपनत्व का भाव
विश्व की पहली नर्स मिस फ्लोरेंस नाइट एंगल को आदर्श मानने वाली जिला चिकित्सालय बैकुंठपुर में 27 वर्ष से कार्यरत रंजू गुप्ता कहती है अस्पतालों में मरीज व उनके परिजन नर्सो को अपनत्व भाव से सिस्टर कहकर बुलाते हैं,शायद वे सिस्टर इसलिए भी बुलाते हैं क्योंकि उन्हें विश्वास होता है कि हम उनके इलाज में पूरी मदद करेंगी।डाक्टरो से ज्यादा हमे ही मरीज व परिजन अपने करीब पाते है इस उम्मीद व भरोसा को नहीं तोड़ना हमारी जिम्मेदारी है।
नर्सिंग सेवा से मिलता है संतोष
जब दुनिया कोरोना जैसी महामारी लड़ रही है,तो इस विपरीत परिस्थिती में अपने कार्य के प्रति हमारी जिम्मेदर अधिक हो चुकी है कोरोना की जानकारी देकर उसके बचाव के तरीके बताने वाली जिला चिकित्सालय बैकुंठपुर की नर्स सावित्री ने बताया इस समय हमें रोगियो को अपनत्व के साथ समझाना पडता है साथ ही खुद की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान देना होता है, नर्स सावित्री कहती है नर्सिंग सेवा कर संतोष मिलता है रोगीयों के ठीक होने पर शांति मिलती है, सेवा का फल मिलने की अनुभूति होती है वह अभिव्यक्त नही किया जा सकता है।
चुनौती से मिलती है प्रेरणा
लगभग चार वर्षो से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बरपारा में नर्स का कार्य कर रही प्रीति पैकरा का कहना है सेवाभाव की प्रेरणा परिवार से मिली है, दुर्गम क्षेत्र में रहने की वजह से लोगो को स्वास्थ्य संबंधी पीडा से जुझते हुये बचपन से देखा तभी निर्णय कर चुकी थी की नर्सिग सेक्टर में कार्य करना है। विषम परिस्थितियो में कार्य करने की क्षमता और सेवाभाव की वजह से वह अपने कार्य को लेकर संतुष्ट है और आगे भी आने वाली हर चुनौतियो के लिए तैयार रहती है|
नर्सिग का कार्य बहुत ही समर्पण वाला है, नर्सों को अपने से ज्यादा मरीजों का ख्याल रखना पड़ता है नर्सो का समाज के प्रति बहुत बड़ा योगदान है. अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के अवसर पर हमे भी इस सेवा कार्य से जुड़े लोगों की समर्पण भावना को प्रोत्साहित करना चाहिये।