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अफ़वाहों से बचें – संजय अग्रवाल…अफ़वाहों और झूठी खबरों को फैलने से रोकने के कुछ उपाय..

भाजपा नेता संजय अग्रवाल ने लोगो से अपील की है कि कोरोना वायरस को लेकर या अन्य समय मे भी सोशल मीडिया में अफवाहों से बच कर रहे। उन्होंने बताया कि-
1.समझें कि फ़ॉरवर्ड किया गया मेसेज कैसा हो सकता है।
आपको मिलने वाले मेसेज पर “फ़ॉरवर्ड किया गया” लेबल लगा होता है, जिससे आपको जानने में आसानी होती है कि आपको मिलने वाला मेसेज आपके दोस्त या परिवारजन ने लिखा है या फिर किसी अन्य व्यक्ति ने. जब किसी मेसेज को पाँच से ज़्यादा बार फ़ॉरवर्ड किया जाता है तो उस पर दो ऐरो  दिखाई देते हैं. जब आपको पता न हो कि आपको मिलने वाला मेसेज असल में किसने लिखा है तो ऐसे में मेसेज की अच्छे से जाँच करके पता लगाएँ कि वह मेसेज सच है या नहीं. फ़ॉरवर्ड किए गए मेसेज के बारे में और अधिक जानने के लिए कृपया ये लेख पढ़ें.
2.फ़ोटो और वीडियो पर जल्द ही यकीन न करें-
फ़ोटो, ऑडियो रिकॉर्डिंग और वीडियो आपको बहकाने के लिए भी भेजे जाते हैं, उनमें दिखाया गया हमेशा सच नहीं होता. अगर खबर सच्ची होगी तो ज़रूर किसी न्यूज़ चैनल या रेडियो पर भी दिखाई या सुनाई जाएगी, इसलिए खबर की सच्चाई का पता लगाएँ. जब एक खबर कई जगह छपती है, तो उसके सच होने की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं.
3.थोड़े अलग लगने वाले मेसेज से सावधान रहें-
आपको मिलने वाले मेसेज या वेबसाइट्स के लिंक में अगर गलत स्पेलिंग होती है तो उनमें शामिल खबर झूठी हो सकती है. इन संकेतों को देखें ताकि आप पता लगा सकें कि जानकारी सही है या नहीं. झाँसा देने वाले मेसेज बारे में अधिक जानने के लिए, कृपया यह लेख पढ़ें.
4. अपनी विचारधारा से जुड़े मेसेज को ध्यान से जाँचें-
ऐसे मेसेज की दोबारा जाँच कर लें जो आपकी विचारधारा से संबंधित होते हैं. अक्सर ऐसे मेसेज की सच्चाई परखने की कोशिश करें. वे बातें जिन पर यकीन करना थोड़ा मुश्किल होता है, अक्सर झूठी होती हैं.
अफ़वाहें जल्दी फैलती हैं
ऐसा ज़रूरी नहीं है कि अगर मेसेज कई बार शेयर किया जाए तो वह सच हो, कई बार अफ़वाहें ज़्यादा फैलती हैं. सिर्फ़ इसलिए मेसेज फ़ॉरवर्ड न करें क्योंकि मेसेज भेजने वाला आपसे मेसेज को शेयर करने के लिए बार-बार कह रहा है, सोच-समझकर मेसेज को फ़ॉरवर्ड करें. अगर आपको किसी ने ऐसा मेसेज भेजा है जो आपको लगे कि सच नहीं है, तो जिसने आपको वह मेसेज भेजा है उससे मेसेज के सच होने का प्रमाण माँगें. अगर कोई ग्रुप में या कोई व्यक्ति बार-बार अफ़वाहें या झूठी खबरें भेजता है, तो उसकी रिपोर्ट करें. इस लेख में से जानें कि उस व्यक्ति या ग्रुप की रिपोर्ट कैसे कर सकते हैं.
5.खबर के सच होने का पता लगाएँ-
अगर आपको यकीन न हो कि मेसेज में मौजूद जानकारी सच है या झूठ, तो ऐसे में तथ्यों की जाँच करें और न्यूज़ पर खबर के सच होने की जाँच करें. अगर आपको फिर भी यकीन न हो कि मेसेज में मौजूद जानकारी सच है या झूठ, तो ऐसे में उन लोगों से पता करें जिन पर आपको भरोसा है.
महत्वपूर्ण: अगर आपको लगता है कि आप या कोई अन्य व्यक्ति किसी भी प्रकार के खतरे में है, तो कृपया अपने पास के पुलिस स्टेशन से संपर्क करें. ऐसी परिस्थितियों में वे आपकी बेहतर रूप से मदद कर सकते हैं.

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