कोविड-19 के भर्ती मरीजों को एलोपैथी के साथ होम्योपैथी चिकित्सा हो सकती है लाभकारी..
प्रदेश में कोविड- 19 के संक्रमित मरीजों की संख्या सख्ती के बाद भी लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। अस्पताल में भर्ती मरीजों के स्वास्थ्य सुधार का प्रतिशत भी प्रयास की अपेक्षा कम है। गम्भीर चिन्तन का विषय यह भी है कि, संक्रमण का क्षेत्र निरन्तर बढ़ रहा है, ग्रीन झोन घोषित क्षेत्रों में भी कहीं-कहीं संक्रमण की पुष्टि हो रही है। संक्रमण की गति इसी तरह बढ़कर ग्रामीण क्षेत्र में पहुँची तो मामला और जटिल हो जायेगा।
आयुष मन्त्रालय भारत सरकार में वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य डाॅ. ए.के. द्विवेदी ने बताया कि प्रदेश में कोविड19 मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। यदि ऐसे समस्त मरीजों को एलोपैथिक चिकित्सा के साथ-साथ होम्योपैथिक चिकित्सा भी दी जाय तो ऐसे मरीज शीघ्र स्वस्थ होकर प्रदेश सरकार के तनाव को कम कर सकते हैं। इसके लिये स्वयं डाॅ. द्विवेदी द्वारा पिछले एक माह से निरन्तर प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश के आयुष सचिव एम.के. अग्रवाल को कई बार पत्र लिखकर निवेदन भी किया साथ ही प्रदेश के मुख्यमन्त्री शिवराजसिंह चैहान तथा देश के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी एवं आयुष मन्त्री भी पत्र लिखकर सम्बन्धित विभाग (आयुष) को तथा जिला कलेक्टरों को निर्देश देने का निवेदन किया जो कि आज तक नहीं मिल सका।
डाॅ. द्विवेदी ने बताया कि चूँकि देश में एपीडेमियोलाॅजी एक्ट लागू है ऐसी स्थिति में आईसीएमआर/भारत सरकार के अनुमति के कोई भी चिकित्सक कोविड पाॅजिटिव (कोरोना) मरीज को कोई भी दवा/चिकित्सा प्रदान नहीं कर सकता। इसलिये आवश्यकता है कि सभी कोविड पाॅजिटिव मरीजों को होम्योपैथिक दवा साथ में देने हेतु आईसीएमआर अनुमति प्रदान करे। जिससे लोग जल्द ही स्वस्थ होकर अपने घरों को लौट सकें। और इस बीमारी पर जीत भी हासिल किया जा सके।