डेंजर स्पाट्स में सुरक्षा बढ़ाने शासन को भेजा प्रस्ताव
खतरनाक मोड़ों के पास बनेंगे रंबल स्ट्रिप, फ्रंट गेट में सीसीटीवी कैमरा लगाने स्कूलों को देंगे निर्देश
दक्षिणापथ, दुर्ग। जिले के चिन्हांकित डेंजर स्पाट्स में दुर्घटना की आशंका को रोकने के लिए दिये गये निर्देशों पर प्रगति की जानकारी आज सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में कलेक्टर अंकित आनंद एवं एसपी प्रखर पांडे ने अधिकारियों से ली। इस संबंध में एनएच एवं पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने बताया कि इस संबंध में आवश्यक प्रस्ताव स्वीकृति के लिए शासन के समक्ष भेज दिए गए हैं। खतरनाक मोड़ों में रंबल स्ट्रिप लगाए जाएंगे। इसके साथ ही रोड साइन बोर्ड आदि भी लगाए जाएंगे ताकि संवेदनशील मोड़ों पर लोग संभल कर वाहन चलाएं। कलेक्टर ने बैठक में कहा कि जहां फ्लाईओवर की जरूरत है जहां सड़क चौड़ीकरण की जरूरत है, ऐसे प्रस्ताव भी तैयार करें ताकि सुरक्षित यातायात को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने यातायात चैकी दुर्ग हेतु जमीन देने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि शहर में भीड़ तेजी से बढ़ रही है अच्छी सड़कों का जाल बिछ जाने की वजह से वाहनों की रफ्तार भी बढ़ी है। ऐसे में सड़क सुरक्षा के संबंध में अधिकाधिक संकेतक लगाने एवं सड़कों को तकनीकी दृष्टि से अधिक उपयोगी बनाने युद्धस्तर पर कार्य किए जाएं। उन्होंने निगम प्रशासन को प्रमुख बाजारों में पार्किंग की मुकम्मल व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने दुर्ग शहर में मवेशियों को रखने के लिए गौठान बनाने के निर्देश दिए।
स्टापर्स लगाएं और लगाएं नो एंट्री के बोर्ड भी-
कलेक्टर ने ट्रैफिक व्यवस्था को दुरूस्त करने पुलिस को अधिक संख्या में स्टापर्स देने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि भिलाई निगम ने इस संबंध में अच्छा काम किया है। उन्होंने वेस्ट मटेरियल से स्टापर्स तैयार किए हैं। इससे संसाधनों का उचित इस्तेमाल भी होता है और लागत भी कम लगती है। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन को अतिरिक्त स्टापर्स की भी जरूरत होगी। इसे शीघ्रताशीघ्र उपलब्ध कराएं।
स्कूलों में फ्रं ट गेट पर लगवायें सीसीटीवी कैमरा-
बैठक में पुलिस अधीक्षक ने जिला शिक्षा अधिकारी से सभी स्कूलों के फ्रंट गेट पर सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए प्राचार्यों को निर्देशित करने कहा। उन्होंने कहा कि फ्रंट गेट में कैमरे होने से असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर नजर रखने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सुरक्षित यातायात के लिए यह बहुत जरूरी है कि स्कूल प्रशासन भी नाबालिग बच्चों को वाहनों से स्कूल आने हतोत्साहित करें। इसके लिए वे पेरेंट्स की मीटिंग बुलाकर उन्हें अवगत करायें। कलेक्टर ने आरटीओ से स्कूली बसों की चेकिंग के संबंध में भी जानकारी ली। उन्होंने बताया कि इसकी निरंतर मानिटरिंग की जा रही है और गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने सभी स्कूलों के सामने आपातकाल के लिए हेल्पलाइन नंबर लिखाने के निर्देश भी दिए। इसमें पुलिस का हेल्पलाइन नंबर, चाइल्डलाइन हेल्पलाइन नंबर आदि नंबरों को लिखाने के निर्देश दिए।