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एनडीए-2 की बजट/मंहगाई बढ़ेगी लेकिन रोजगार के कितने अवसर बढ़ेंगे स्पष्ट नहीं है

पानी, गैस, बिजली के लिये एक ग्रिड की सोच सराहनीय पर देश का संघीय ढ़ांचा कमजोर न हो इसका ध्यान रखना आवश्यक
दक्षिणापथ,दुर्ग। भिलाई के बुद्धिजीवियों के संगठन लोकतांत्रिक विचार मंच की तीर्थराज पैलेस में आयोजित बैठक में केंद्र में एनडीए-2 सरकार के पहले बजट पर समीक्षात्मक चर्चा की गई। बैठक में केंद्र के बजट को किसानों, मजदूरों, नौकरीपेशा, मध्यमवर्ग, नौजवानों और महिलाओं ने लिये निराशा जनक निरूपित करते हुए कहा गया कि सरकार के लिये सबको संतुष्ट करना संभव नहीं है लेकिन बजट से कितने लोगों को लाभ होगा उनकी संख्या के आधार पर बजट की समीक्षा होनी चाहिये, बैठक में बिजली, पानी और गैस के लिये सरकार की चिंता की सराहना की गई किंतु सबको ये सभी सुविधा विशेषकर शुद्ध पानी कैसे उपलब्ध हो सकेगी बजट में यह स्पष्ट नहीं है, सरकार के एक देश में पानी, बिजली और गैस के लिये एक ग्रिड योजना पर चर्चा करते हुए बैठक में इस बात पर चिंता व्यक्त किया गया कि देश के संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाये बिना सभी राज्यों का सहयोग और विश्वास अर्जित करके ही योजना को लागू किया जाना चाहिये।
इलेक्ट्रानिक वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिये बजटीय प्रावधान सरकार की पर्यावरण के प्रति चिंता और सजगता को प्रदर्शित करता है, पेट्रोल डीजल पर टैक्स बढ़ाकर सरकार ने मंहगाई बढ़ाने का इंतजाम कर दिया है किंतु पहले से ही मंहगाई से जूझने वाली जनता पर इस मंहगाई का असर न हो इसे रोकने के लिये जनता की आय बढ़ाने का बजट में कोई इंतजाम नहीं है, रोजगार श्रृजन के मामले में भी बजट से कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिलता। लोकतांत्रिक विचार मंच की बैठक में बीएस बनाफर, श्रवण केरेकर, कल्याण ठाकुर, बृजेंद्र तिवारी, कुंजराम साहू, व्हीएन प्रसाद राव, विजन चक्रवर्ती, राजकुमार गुप्त, एस दास, विश्वकर्मा आदि मौजूद थे।

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