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सस्ते पैकेज में विदेश टूर का झांसा देने वाली कंपनी का डायरेक्टर गिरफ्तार

अंतर्राज्यीय कंपनी के करोड़ों के ठगी का खुलासा, दुर्ग में 10 लोगों को बनाया था निशाना
दक्षिणापथ, दुर्ग। सस्ते पैकेज में विदेश टूर का झांसा देकर लोगों से धोखाधड़ी करने वाले एक अंतर्राज्यीय कंपनी का दुर्ग पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। इस मामले में डूसन लाईफ स्टाईल इंडिया प्राइवेट लिमि. कंपनी के डायरेक्टर धर्मालिंगम प्रभाहरन निवासी गोरीगेढू सालेम(तमिलनाडु) को गिरफ्तार किया गया है। वहीं कंपनी की एक अन्य डायरेक्टर उसकी पत्नी की गिरफ्तारी नही हो पाई है। जिसे गिरफ्तार करने दुर्ग पुलिस जल्द तमिलनाडु रवाना होगी। आरोपियों की यह कंपनी चैनल बनाकर लोगों को अपने ठगी का शिकार बनाते थे। पहले एक व्यक्ति को विदेश टूर भेजने का झांसा देकर अपने विश्वास में लेते थे, फिर उससे कंपनी में 7 हजार रुपए जमा करवाकर उसे 5 व्यक्ति जोडऩे कहते थे। फिर नए 5 व्यक्तियों को 5-5 व्यक्ति जोडऩे की बात कहकर उनको अपना शिकार बनाते थे। ठगी के लिए कंपनी का डायरेक्टर धर्मालिंगम प्रभाहरन 7 जुलाई को दुर्ग आकर होटल गारनेट में लोगों की बैठक लेकर अपने बातों में फांस रहा था। जिसे दुर्ग पुलिस ने होटल गारनेट में छापा मारकर धरदबोचा। आरोपी ने पुलिस की पूछताछ में अन्य कई और चौकाने वाले खुलासा किए है। जिस पर पुलिस की जांच जारी है। अंतर्राज्यीय ठगी के मामले का खुलासा करते हुए दुर्ग सीएसपी विवेक शुक्ला ने बताया कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक दुर्ग रेंज हिमांशु गुप्ता, उप पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज रतन लाल डांगी एवं पुलिस अधीक्षक प्रखर पांडेय के मार्गनिर्देशन पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक(शहर) रोहित कुमार झा, नगर पुलिस अधीक्षक दुर्ग विवेक शुक्ला के नेतृत्व में चिटफंड कंपनी के बढ़ते अपराध पर रोक लगाने हेतु लगातार प्रयास जारी है। इसी कड़ी में शिकायत प्राप्त हुई कि स्थानीय होटल गारनेट में विदेश में टूर के नाम पर लोगों से ठगी करने वाली डूसन लाईफ स्टाईल कंपनी के डायरेक्टर धर्मालिंगम प्रभाहरन निवासी गोरीगेढ़ू सालेम(तमिलनाडु) द्वारा मिटिंग आयोजित की गई है, साथ ही शिकायतकत्र्ता द्वारा उसके साथ कंपनी द्वारा की गई धोखाधड़ी के बारे में लिखित शिकायत की गई थी। सूचना पर मोहन नगर थाना प्रभारी राजेश बागड़े, उपनिरीक्षक देशमुख एवं स्टॉप द्वारा होटल गारनेट में दबिश देकर डायरेक्टर को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के दौरान पता चला कि उक्त कंपनी लोगों की गाढ़ी कमाई का हिस्सा लेकर उन्हे विदेश दौरे का झांसा देकर साथ जुडऩे एवं चैन मार्केटिंग के तहत प्रत्येक व्यक्ति को अपने नीचे 5 व्यक्तियों को जोडऩे और फिर उन 5 को फिर 5-5 व्यक्तियों को जोडऩे हेतु कहा जाता था। प्रत्येक व्यक्ति से सदस्य के रुप में 7 हजार रु. लिए जाते है। इस प्रकार एक पिरामिड संगठन का निर्माण होता चला जाता था। कंपनी द्वारा देश के विभिन्न भागों में अपने सदस्य बनाए गए है। जिसमें तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, झारखंड एवं उत्तर पूर्वी राज्य शामिल है। आरोपी के विरुद्ध धारा 420, 34भादवि 4,5 इनामी चिटफंड, धन परिचालन स्कीम अधि.1978 के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।

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