साध्वी रत्न ज्योति ने कहा, परमात्मा भक्ति आध्यात्मिक जीवन की सर्वोत्कृष्ट उपलब्धि है
आनंद मधुकर रतन भवन के प्रागण में श्रमण संघ दुर्ग का धार्मिक जप अनुष्ठान चल रहा है। वातावरण की शुद्धि के लिए जप एवं तप का अनुष्ठान प्रारंभ हैं
दक्षिणापथ, दुर्ग। धर्म सभा में महासती प्रियदर्शना श्री जी एवं किरण प्रभा के सानिध्य में पसैठिया यंत्र एवं प्राश्र्वनाथ भगवान का जप किया गया साध्वी किरण प्रभा जी एवं साध्वी अपृता जी ने शुद्ध उच्चारण पूर्वक दोनो जाप को सम्पन्न कराया चातुर्मास प्रारंभ हो रहा है।महासाध्वी श्री प्रियदर्शना जी म.सा. एवं साध्वी किरण प्रभाजी म.सा.के सानिध्य में जप अनुष्ठान चल रहा है। साध्वी रत्न ज्योति ने सभा को संबोधन करते हुए कहा परमात्मा भक्ति आध्यात्मिक जीवन की सर्वोत्कृष्ट उपलब्धि है आत्मा निज कारण परमात्मा की भक्ति से सिद्ध परमात्मा बनता हे जप का अर्थ है परमात्मा की भक्ति करना। पैसठिया यंत्र के मायध्म से तथा तीर्थ उवसग्गहरं स्त्रोत के माध्यम से तीर्थकर की भक्ति करवाई गई। तीर्थकरो का स्मरण पापो को नष्ट कर देता है। सम्यवत्व शुद्ध होता है। तीर्थकर की भक्ति संसार सागर का सेतु है जो भवपार कराता है। जय भक्ति आत्म स्वरूप की उपासना है प्रभु भक्ति अपनी निजी संपत्ति है पैसठिया यंत्र में तीर्थकर का स्मरण किया गया है तीर्थकर की स्तुति मानव में अपने पौरूष को जागूत करने की प्रेरणा देती है। तीर्थकरो की स्तृति कर्मनष्ट करती है। जप साधना के तीन लक्ष्य प्रभु भक्ति में तन्मयता हो आत्म शक्तियो का जागरण हो कार्यसिद्धि हो जप करने का अवश्य ध्यान देवे दृढ़श्रद्धा और आत्म विश्वास भावना की शुद्धि मन की स्थिरता नियमितता जरूरी हैं।
शुक्रवार रात्रि 9 बजे श्रमण संघ स्वाध्याय मंडल दुर्ग के सदस्यो ने प्रकाष चंद प्रफुल्ल कुमार संचेती के निवास में नवकार महामंत्र का जाप किया एवं जयमल जी महाराज की स्तुति की 15 जुलाई से चातुर्मास प्रारंभ हो रहा है और नियमित रूप से जैन धार्मिक संस्कारों के ज्ञान हेतु सभी वर्ग के लोगो के लिए प्रात: 6 बजे से 7 बजे तक धार्मिक कक्षाएं लगेगी। प्रात: 8.45 से 9.45 प्रवचन आयोजित होगे एवं महिलाओं की धार्मिक जैन संस्कार की पाठशाला दोपहर से चलेगी। और संस्था कालिन प्रतिक्रमण पश्चात रात्रि धर्म चर्चा आयोजित होगी।