
दिवाली के दिन चौक में सरेआम हुई फायरिंग ,,कुछ युवकों ने शस्त्र अधिनियम का किया उल्लंघन,, गोलीकांड के बाद युवकों को लाइसेंस दिए जाने पर खड़े हुए सवाल ,,पुलिस जांच में जुटी ,,
पत्थलगांव — जिले के सबसे व्यस्ततम शहर पत्थलगांव में कुछ नवयुवकों द्वारा जिन्हें प्रशासन द्वारा इतनी छोटी उम्र में बंदूक लाइसेंस जारी कर दिया गया है इनके द्वारा दीवाली की रात नगर के मुख्य चौक सहित अन्य स्थानों पर खुलेआम घूमकर लगातार फायरिंग की गई यही नही खुलेआम AK47 की तरह फायरिंग और कारतूस निकालने के वीडियो को सोसियल मीडिया में वायरल भी किया गया तथा फ़ोटो भी अपलोड किए गए जिसके बाद पत्थलगांव में इस फायरिंग को लेकर तरह तरह की चर्चा व्याप्त है लोगों का मानना है कि छोटे उम्र के युवक को आखिर जिला प्रशासन ने लाइसेंस कैसे जारी कर दिया जिस लाइसेंसी बंदूक को लेकर नगर में खुलेआम फायरिंग की गई और अन्य कई युवकों ने इस बंदूक का दुरुपयोग कर उससे जगह जगह फायरिंग किया जो पूर्णतः गलत है जिसमें कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े होते हैं इससे लोगों में भय का वातावरण है क्योंकि कुछ दिन पहले ही हिट एंड रन की घटना और खुलेआम चाकूबाजी की घटना के बाद से ही शहर का माहौल कुछ ठीक नही है ऐसे में खुलेआम फायरिंग करना एवं वीडियो वायरल करना कहां तक सही है नागरिकों ने ऐसी घटना को गक्त बताते हुए लाइसेंस निरस्त करने की मांग की है हालांकि पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है ।।
क्या कहता है शस्त्र अधिनियम —
नियम मुताबिक यदि आपने हथियार का लाइसेंस ले लिया तो इसका मतलब ऐसा नहीं कि आप कहीं भी बंदूक लहराते चलें उसे लेकर घूमते चलें प्राइमरी लाइसेंस आपको जिला स्तर के लिए दिया जाता है. दूसरे जिले या राज्य में साथ ले जाने के लिए अलग से आवेदन करना होता है. डीएम (कलेक्टर)की सिफारिश के बाद गृह मंत्रालय के पास यह अधिकारी है कि राज्य या देश स्तर के लिए लाइसेंस दिया जाए या नहीं केंद्रीय मंत्री, सांसद, खिलाड़ियों, सुरक्षा अधिकारियों को ही नेशनल लाइसेंस दिये जाते हैं इसलिए जिसे भी शस्त्र लाइसेंस प्रदान किए गए हों उसे रखने के तरीके बहुत से होते हैं एवं उनका पालन भी करना होता है जिसकी जांच भी बीच बीच मे पुलिस थाने द्वारा की जाती है ।
लाइसेंसी हथियार का उपयोग होगा स्वयं —
जिसके नाम से लाइसेंस है, वही रख सकते हैं. इसे ट्रांसफर नहीं कर सकते, न ही बेच सकते हैं नियमानुसार तथ्य यह है कि हथियार का इस्तेमाल रौब जमाने या दिखावे के लिए नही किया जा सकता शस्त्र लाइसेंस नियम मुताबिक किसी शादी-समारोह, चुनाव में जीत वगैरह के लिए हर्ष फायरिंग में इस्तेमाल न ही करें तो बेहतर होगा
किसी को डराने-धमकाने या क्रिमिनल एक्टिविटी के लिए इसका इस्तेमाल करना भी जुर्म है शिकार करने, एंटरटेनमेंट के लिए या गुंडागर्दी मचाने के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते.
प्रशासन चुनाव के समय, दंगे की आशंका पर या फिर जब चाहे, तब हथियार को नजदीकी थाने या गन स्टोर में इसे जमा कराने का भी नियम है अगर इन नियम-शर्तों का पालन नहीं होता, तो लाइसेंस रद्द कर हथियार सरेंडर करा लिया जाता है.लाइसेंसी हथियार से किसी दूसरे की जान खतरे में डालने पर कानून के प्रावधानों के तहत जेल या मोटा जुर्माना या फिर दोनों से सजा हो सकती है. यह इस पर निर्भर करता है कि किस सेक्शन के तहत केस दर्ज किया गया है यदि अगर दिखावे में की गई फायरिंग में किसी को गोली लग जाती है और उसकी मौत हो जाती है तो भी व्यक्ति पर गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज होगा और बड़ी सजा भी हो सकती है हालांकि पत्थलगांव की युवकों द्वारा की गई घटना से लोगों ने मामले में कार्रवाई करने एवं ऐसे युवकों के लाइसेंसों को रद्द करने की बात कही है