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क्रिस्चन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के प्रोफेसरों ने दिया सामूहिक इस्तीफा

दक्षिणापथ, भिलाई। प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजो में प्रबंधन द्वारा की जा रही एक और मनमानी सामने आया है। जिसके चलते 12 जुलाई क्रिस्चन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी भिलाई के डेढ़ दर्जन प्रोफेसरों ने अपने आत्म सम्मान की रक्षा करते हुए सामूहिक त्यागपत्र दे दिया। शिक्षकों ने त्यागपत्र देने का कारण मैनेजमेंट द्वारा लगभग दस से अधिक प्रोफेसर एवं लैब स्टाफ को यूनिवसिटी के नियमो के विरुद्ध निष्कासित किया जाना बताया गया। जिसमें मैकेनिकल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष डॉ मृणाल कांति माणिक भी शामिल है। प्रबंधन पिछले काफी दिनों से बहुत से लैब स्टाफ पर त्याग पत्र देने के लिए दबाव बना रहा था। प्रबंधन ने इंजीनियरिंग की सीटें न भरने का जिम्मेदार शिक्षको को ठहराते हुए उनकी सैलेरी से एक बड़ा हिस्सा काटने की बात कही। जिसके विरोध में सभी शिक्षकों ने अपने विभागाध्यक्ष के साथ मिलकर प्रिंसिपल के पास अपनी बात रखनी चाही, लेकिन प्रबंधन ने इसे हाथों हाथ लेते हुए सीधे विभागाध्यक्ष सहित 6 लोगो को निष्कासित कर दिया। बाकी डेढ़ दर्जन से अधिक शिक्षको ने इसके विरोध में सामूहिक रूप से त्यागपत्र दे दिया है। इंजीनियरिंग कॉलेजो की इस खस्ता हालत के लिए विश्वविद्यालय की भी उतनी ही भूमिका है जो आंख मूंदकर प्राइवेट कॉलेजो की मनमानी को होने देता है। प्राइवेट एजुकेशनल इंस्टिट्यूशनस एंप्लॉईस यूनियन के उपाध्यक्ष शादाब ने कहा कि शिक्षको को अपने आत्मसम्मान के लिए आवाज उठाने के लिए आगे आना चाहिए एवं प्राइवेट कॉलेजो के प्रबंधन द्वारा किये जा रहे शोषण का खुल कर विरोध करना चाहिए।

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