
जिला मुद्दा बड़ी ब्रेकिंग::खड़गवां ब्लॉक MCB में.! राजपत्र में MSB शामिल… दावा-आपत्ति के लिए 60 दिन..कोरिया के साथ…
अनूप बड़ेरिया
कोरिया से अलग हुए जिला MCB यानी मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में खड़गवां विकासखण्ड को शामिल करना प्रस्तावित किया गया है। राजपत्र में MCB को शामिल कर दिया गया है इसकी अधिसूचना जारी कर दी गयी है। जिसके लिए भरतपुर सोनहत विधायक गुलाब कमरों और मनेंद्रगढ़ विधायक डॉ विनय जयसवाल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत और राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को धन्यवाद ज्ञापित किया है।

राजपत्र के मुताबिक जिला कोरिया के उपखंड मनेन्द्रगढ़, तहसील मनेन्द्रगढ़ एवं केल्हारी, तथा उपखंड भरतपुर तहसील भरतपुर तथा उपखंड खड़गवां- चिरमिरी, तहसील खड़गवां एवं चिरमिरी को समाविष्ट करते हुए, नवीन जिला “मनेन्द्रगढ़ – चिरमिरी भरतपुर” का सृजन किया गया है।नवीन जिला की सीमाएं उत्तर में
तहसील कुसमी, जिला सीधी एवं जिला सिंगरौली (म.प्र.) दक्षिण में-तहसील पोडी उपरोडा जिला कोरबा एवं तहसील रामानुजनगर जिला सूरजपुर (छ.ग.) पूर्व में तहसील बैकुण्ठपुर एवं सोनहत, जिला कोरिया (छ.ग.) व पश्चिम में जिला गौरेला- पेंड्रा – मरवाही (छ.ग.), अनुपपुर एवं शहडोल (म.प्र.) हैं।
राजपत्र के मुताबिक क्रमांक एफ 11-39 / 2021 / सात-4. छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता, 1959 ( क्र. 20 सन् 1959 ) की धारा 13 की उपधारा (2) के परन्तुक में अन्तर्विष्ट उपबंधों के अनुसरण में, एतद्द्वारा, यह सूचना दी जाती है कि उक्त संहिता की धारा 13 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए, राज्य सरकार, नीचे दी गई अनुसूची में विनिर्दिष्ट अनुसार जिला कोरिया की सीमाओं को परिवर्तित करना, नवीन जिला “मनेन्द्रगढ़ – चिरमिरी – भरतपुर” का सृजन करना, तथा उनकी सीमाओं को परिभाषित करना प्रस्तावित करती है. राजपत्र में इस सूचना के प्रकाशन के दिनांक से साठ दिवस की समाप्ति पर प्रस्ताव पर विचार किया जायेगा तथा इसके संबंध में कोई भी आपत्तियाँ या सुझाव लिखित में सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग, छत्तीसगढ़ शासन, मंत्रालय, महानदी भवन, कैपिटल कॉम्पलेक्स, नवा रायपुर अटल नगर, जिला रायपुर को उक्त अवधि की समाप्ति के पूर्व अग्रेषित किये जा सकेंगे।
आपको बता दें कि खड़गवां ब्लॉक के लगभग सभी ग्राम पंचायतों ने ग्राम सभा मे प्रस्ताव पारित कर कोरिया जिले में ही रहने की मंशा जाहिर की है। संविधान के मुताबिक ग्राम सभा का प्रस्ताव अकाटय होता है।