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भाजपा नेता का आरोप कि शासन प्रशासन छात्रों के भविष्य और जीवन को लेकर पूरी तरह से असंवेदनशील, सरकारी माध्यमिक विद्यालय के जर्जर भवन की यथाशीघ्र मरम्मत कराए प्रशासन

सरकारी माध्यमिक विद्यालय के जर्जर भवन की यथाशीघ्र मरम्मत कराए प्रशासन – विकास केडिया

 

रायगढ़ : रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पुसौर ब्लॉक के ग्राम में मचिदा में आज दोपहर जर्जर स्कूली भवन के जीर्णोधार और मरम्मत की मांग को लेकर छात्रों के साथ अभिभावकों के धरने में बैठने की घटना सामने आई है जिस पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए को पूर्व भाजयुमो जिलाध्यक्ष व भाजपा नेता विकास केडिया इसे दुर्भाग्यजनक करार देते हुए इस मामले में स्थानीय शासन प्रशासन की भूमिका को असंवेदनशील बताया है।

मामले में जारी प्रेस विज्ञप्ति में भाजपा नेता विकास केडिया ने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार स्थानीय सरपंच महोदया के द्वारा ग्राम मचीदा स्थित सरकारी माध्यमिक विद्यालय भवन की जर्जर और खस्ताहाल स्थिति को देखते हुए दो माह पूर्व सितंबर में ही कलेक्टर रायगढ़ को पत्राचार के जरिए विद्यालय भवन की जर्जर स्थिति से अवगत करा दिया गया था कि विद्यालय भवन की स्थिति बेहद दयनीय है जो कि भविष्य में कभी भी ढह सकती है जिससे अध्ययनरत छात्रों की जान पर भी बड़ा खतरा बना हुआ है, बावजूद इसके दो महीने बीत चुके हैं और इस दिशा में न तो शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन की ओर से आज पर्यंत कोई पहल किया गया है और न ही सत्ता पक्ष से जुड़े किसी सक्षम निर्वाचित जनप्रतिनिधि की ओर से छात्र हित में कोई प्रयास किया गया है जो ये बताने के लिए पर्याप्त है कि स्थानीय शासन प्रशासन शिक्षा और छात्रों के भविष्य और जीवन को लेकर कितने असंवेदनशील और गैर जिम्मेदार हो चुके है।

आगे भाजपा नेता ने कहा कि अगर ऐसे मामलों में जहां शिक्षा और छात्रों के भविष्य के साथ साथ उनके जीवन पर भी खतरा उत्पन्न हो रहा हो तो शासन प्रशासन को ऐसे मामलों को उच्च प्राथमिकता में रखते हुए तत्काल प्रभाव से जनता की मांग के अनुरूप पूरा करना चाहिए, लेकिन इस मामले में अब तक स्थानीय शासन और प्रशासन का जो रवैया रहा है उससे साफ है कि उन्हें छात्रों के हित और मूलभूत सुविधाओं से जुड़े गंभीर मसलों से भी कोई सरोकार नहीं है जो कि बेहद शर्मनाक और दुर्भाग्यजनक बात है।

आगे श्री केडिया ने यह भी कहा कि अगर इस मामले में शिक्षा विभाग और प्रशासन की ओर से जल्द ही कोई ठोस प्रयास नहीं किया जायेगा तो वे यहां पढ़ रहे छात्रों और उनके अभिभावकों के साथ उग्र प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे, जिसकी सम्पूर्ण जवाबदेही स्थानीय प्रशासन से जुड़े सक्षम अफसरों की होगी।

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