सत्तापक्ष व विपक्ष के हंगामें के कारण बजट बैठक तीन दिनों के लिए स्थगित
6 महीने बाद बुलाई गई थी स्थगित बजट बैठक, 122 कार्यो के लिए 14.56 करोड़ की राशि की दुबारा स्वीकृति दिलवाने का मुद्दा बना शोर शराबे का कारण
दक्षिणापथ, दुर्ग। नगर निगम की 6 महीने बाद बुलाई गई स्थगित बजट बैठक में गुरुवार को सत्तापक्ष व विपक्षियों के जोरदार हंगामे के कारण बैठक फिर से 22 जुलाई दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। जवाहर नगर स्थित कुशाभाऊ ठाकरे मांगलिक भवन में आयोजित बजट बैठक सभापति राजकुमार नारायणी की अनुमति से दोपहर 12 बजे प्रारंभ हुई, लेकिन बजट पर चर्चा के बजाय सत्तापक्ष भाजपाई अधोसंरचना मद से 122 कार्यो के लिए स्वीकृत 14.56 करोड़ की राशि को दुबारा स्वीकृति पर सवाल खड़ा करते हुए जोरदार हंगामा मचाया। सत्तापक्ष का कहना था कि पिछली सदन में आयुक्त ने विधायक से मोबाइल पर बातचीत का हवाला देते हुए रुके हुए 122 कार्यो के लिए दुबारा राशि स्वीकृति की जानकारी दी गई थी। लेकिन आज तक न तो राशि आया है और ना ही कार्य शुरु हुआ हंै। इस मुद्दे पर सत्तापक्ष ने विधायक पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए सभापति से जवाब के लिए अड़े रहे, वहीं विरोध में विपक्षी कांग्रेसी भी सामने आए। विपक्षी कांग्रेसियों का कहना था कि सत्ता पक्ष अधूरे बजट पर चर्चा करने से बच रही है। इसलिए वह बजट पर चर्चा न कर दूसरे मुद्दे पर चर्चा के लिए दबाव बनाकर सदन का समय बर्बाद कर रही है। बैठक में सत्ता पक्ष व विपक्ष के आरोप-प्रत्यारोप से सदन में शोर-शराबा का माहौल बना रहा। इस बीच सत्तापक्ष भाजपाई सदन में धरना में बैठकर नारेबाजी करने लगे। जिसकी वजह से सभापति द्वारा 15 मिनट के लिए बैठक स्थगित की गई। बैठक पुन: शुरु हुई तो भी सत्तापक्ष व विपक्षियों ने शांत होने का नाम नहीं लिया। सत्तापक्ष धरने पर ही बैठा रहा। जिसकी वजह से करीब दोपहर 1.15 बजे सभापति को बैठक दोपहर 3 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। बैठक पुन: शुरु हुई तो भी हंगामे का माहौल निर्मित रहा। जिसकी वजह से सभापति को अंतत: बजट बैठक 3 दिनों याने 22 जुलाई के दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। बैठक में महापौर चंद्रिका चंद्राकर, नेता प्रतिपक्ष लिखन साहू, वरिष्ठ पार्षद आरएन वर्मा, राजेश शर्मा, अब्दुल गनी, दिनेश देवांगन, शिवेन्द्र परिहार, देवनारायण चंद्राकर, भोला महोबिया, ऋषभ जैन, प्रकाश गीते, राजकुमार वर्मा, सुरेन्द्र सिंह राजपूत, अरुण सिंह, संध्या चंदेल, नजहत परवीन, शकुन ढीमर, कन्या ढीमर, आयुक्त सुनील अग्रहरि, अन्य पार्षद एवं नगर निगम के अधिकारी मौजूद थे।
निर्दलीय पार्षदों ने किया बहिष्कार
नगर निगम दुर्ग की सामान्य सभा हंगामे की भेंट चढ़ गई। बजट पर चर्चा से पहले निर्दलीय पार्षदों के बहिष्कार से सदन गरमा गया। निर्दलीय पार्षद आशीष दुबे, कुलेश्वर साहू, दीपक साहू, अरुण यादव, प्रकाश जोशी, ज्ञानचंद बंजारे ने सभा को औचित्यहीन करार देते हुए सदन से बाहर दर्शक दीर्घा में जाकर बैठ गए। निर्दलीय पार्षदों का आरोप था कि सदन में लिए गए निर्णयों पर अमल नहीं होता है। साथ ही सदन में आरोप-प्रत्यारोप कर सिर्फ हंगामा ही होता है और कोई सार्थक परिणाम नहीं निकलता। ऐसे में सदन में बैठने और चर्चा का मतलब ही नहीं है।
वोरा के प्रयासों से 20 करोड़ के विकास कार्यो पर मंत्री ने दी सहमति
शहर के विकास को गति देने विधायक अरुण वोरा ने नगरीय निकाय मंत्री शिव डहरिया से 20 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों के लिए सहमति दिलवाई है। जिसमें इंदिरा मार्केट एवं शीतला सब्जी बाजार में भव्य यूनिशेड, तितुरडीह- सिंधिया नगर मुख्य मार्ग निर्माण, शहर के छह मुख्य चौराहों का उन्नयन, मुक्तिधामों का उन्नयन के साथ साथ शहर के सभी 60 वार्डों में समान रूप से विकास कार्य शामिल है। विधानसभा सत्र के दौरान विधायक ने मंत्री श्री डहरिया से इन कार्यों के लिए सहमति ली। जिस पर नगरीय निकाय मंत्री ने निगम आयुक्त सुनील अग्रहरि को फोन कर कहा कि 5-5 करोड़ की किश्तों में राशि जारी की जाएगी जिसकी पहली किश्त शुक्रवार को जारी कर दी जाएगी।
विधायक अरुण वोरा ने कहा कि भाजपा शासित नगर निगम विकास के नाम पर लोगों को गुमराह कर रही है। बिना बजट आबंटन के चुनावी वर्ष में निविदाएं बुलवा ली गई थीं जिससे कोई कार्य हो नहीं पाया । अब नए सिरे से शहर को राशि दिलवाई गई है जिससे सभी 60 वार्डों का समग्र विकास नजर आने लगेगा, साथ ही दोनों मुख्य सब्जी बाजारों में यूनिशेड का निर्माण हो जाने से बरसात और गर्मी के दिनों में आमजनों को होने वाली परेशानियों और गंदगी से भी मुक्ति मिलेगी। विकास कार्यों में शासन की तरफ से कोई पाबंदी नहीं है, बशर्ते नगर निगम विकास कार्यों में अपने लचर रवैय्ये का रोड़ा ना लगाए।