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वीडियो::MLA डॉ. विनय जायसवाल के नाम से बनी फर्जी DCA की डिग्री…बड़ा खुलासा मनेन्द्रगढ़ विधायक और RTI कार्यकर्ता संजीव अग्रवाल का…

रायपुर, छत्तीसगढ़ निवासी आरटीआई कार्यकर्ता और विसलब्लोअर संजीव अग्रवाल ने सूत्रों के अनुसार दस्तावेज के आधार पर मीडिया के माध्यम से एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। खुलासा है बिना परीक्षा दिए मार्कशीट और डिग्री प्राप्त करने बाबत, वो भी छत्तीसगढ़ के एक विधायक का जो कि स्वयं एक एमबीबीएस डॉक्टर हैं।
दरअसल संजीव अग्रवाल को ऐसी जानकारी मिली कि सर्वपल्ली राधाकृष्णन यूनिवर्सिटी भोपाल द्वारा फर्जी डिग्री दी जा रही है। जिसके बाद संजीव अग्रवाल ने मनेन्द्रगढ़ विधायक डॉ. विनय जायसवाल के साथ मिल कर इसका पर्दाफाश करने की सोची। इसके बाद MLA श्री जायसवाल की 10 वीं और 12 की मार्कशीट की मात्र छायाप्रति भेजी गई। जिसके बाद यूनिवर्सिटी से कुछ समय बाद विनय जायसवाल के नाम से DCA की डिग्री आ गई।
संजीव अग्रवाल ने यह भी बताया है कि छत्तीसगढ़ के विधायक डा विनय जायसवाल ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उक्त मामले की जानकारी तीन माह पूर्व ही पत्र लिखकर एक ईमेल के माध्यम से दी है लेकिन अब तक उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने कहा इसका सीधा मतलब यह है कि उक्त प्रकरण में उनकी मौन स्वीकृति है। ऐसा ही घोटाला व्यापमं के नाम पर भी चर्चा में आया था और अब उसके बाद डिग्री घोटाला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भ्रष्टाचार मुक्त भारत की बात कहते हैं लेकिन भाजपा शासित प्रदेश में ही छत्तीसगढ़ के एक विधायक डॉ. विनय जायसवाल नाम पर डिग्री जारी की जाती है और उस विधायक डॉ. विनय जायसवाल द्वारा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती है तो इसे क्या समझा जाए ?
वहीं इस सम्बंध में विधायक डॉ. विनय जायसवाल ने कहा कि फर्जी डिग्री से एक पूरी पीढ़ी को नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि इस सम्बंध में मप्र सीएम शिवराज सिंह चौहान से शिकायत करने के बाद भी आज तक कोई कार्यवाही नही हुई।
वीडियो-देखिए क्या कहा विधायक विनय जायसवाल ने:-

संजीव अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से मांग की है कि वे इस विषय को संज्ञान में लेते हुए एक उच्च स्तरीय जांच का आदेश दें और इस यूनिवर्सिटी के ख़िलाफ़ सख्त से सख्त कार्रवाई करने का कष्ट करें।

संजीव अग्रवाल ने कहा कि जिन लोगों को मोटी रकम लेकर बैक डेट में यूनिवर्सटी बिना परीक्षा लिए मार्कशीट जारी कर रही है उन्हें यूनिवर्सिटी द्वारा जारी फर्जी मार्कशीट ही कहा जा सकता है। ऐसा करके वे देश के लाखों काबिल और अपनी मेहनत के दम पर आगे बढ़ने वाले युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। अग्रवाल ने कहा कि सिर्फ मध्य प्रदेश ही नहीं  छत्तीसगढ़ और देश के दुसरे राज्यों में भी यूनिवर्सिटी ऐसी मार्कशीट सिर्फ पैसा लेकर जारी कर रही है। सरकार यदि एक निश्चित समय मे ऐसी यूनिवर्सिटी के खिलाफ कार्यवाही नहीं करती और यूजीसी ऐसी यूनिवर्सिटीज़ की मान्यता खत्म नहीं करती है तो वे ऐसी यूनिवर्सिटीज़ की मान्यता रद्द करने के लिए हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका लगाएंगे।

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