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जन्म के 5 साल पहले भूमि में कब्जा बता पट्टे का आवेदन बैगेर जांच अधिकारी ने किया अनुमोदन …..जाहिर है सब कुछ अर्थबल के दम पर ….मामला जिले के घरघोड़ा के ग्राम कसैया की बेशकीमती शासकीय भूमि का

रायगढ़.-/-जिले के घरघोड़ा नगर स्थित शासकीय भूमि पर फर्जी कब्जा बता कर लोग शासकीय जमीन का मालिक बनने के लिये तरह तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। यहां तक की एसडीएम न्यायालय में झूठा शपथ पत्र जमा कर भूस्वामी बनने के कारनामे आए दिन सामने आ रहे हैं। ताजा मामला भी इसी तरह के फर्जीवाड़े से जुड़ा है जिसमें एक कथित भू कब्जाधारी द्वारा एसडीएम कार्यालय में 15 डिसमिल जमीन का कब्जा पाने के लिए शपथ पत्र में अपने जन्म से 5 वर्ष पहले उक्त भूमि का कब्जाधारी प्रदर्शित किया है।

इसस पहले एसडीएम कार्यालय में एक महिला नेता द्वारा महज 9 साल की उम्र में गौचर भूमि पर कब्जा होने की बात शपथ पत्र में उल्लेखित करते हुए 15 डिसमिल जमीन का मालिकाना हक पाने शपथ पत्र दिया गया है,जिसपर आपत्ति आने के बाद जांच की बात एसडीएम ने कही है। इसी कड़ी में दूसरा मामला घरघोड़ा के एक अन्य कब्जाधारी संजय महिलाने का सामने आया है, उक्त आवेदक ने शपथ पत्र में अपनी आयु 30 वर्ष बताई है, जबकि शासकीय भूमि पर उसने 35 वर्ष से अपना कब्जा दर्शाया है। संजय महिलाने के शपथ पत्र में किसी गवाह के भी हस्ताक्षर नहीं है। वहीं आवेदक नगर के वार्ड 15 का निवासी बताया है जबकि उसने अपने आवेदन में वार्ड 1 का निवासी बता कर भूमि का पट्टा मांगने आवेदन किया है। कसैया के शासकीय भूमि 165/1क/1 रकबा 1.129 करीब दो एकड़ से ऊपर की भूमि को 75 सौ वर्गफूट के हिसाब से हासिल करने के लिए कई लोगों ने अपना कब्जा बता कर पट्टा प्रदान करने हेतु दस्तावेज एसडीएम कार्यालय को दिए हैं उस भूमि के संदर्भ में तत्कालीन पटवारी अभिषेक साहू के पत्र में हास्पिटल निर्माण और खेती कर कब्जा किए जाने की जानकारी 10 वर्ष पहले होने की बात के साथ उल्लेखित है। सवाल यह उठता है कि महज 10 साल पहले गौचर भूमि पर अवैध कब्जा करने के साथ कृषि और व्यवसायिक प्रयोजन के लाभ लेना शुरु किया गया किन्तु किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने भूमि पर हो रहे कब्जा को लेकर कोई भी भनक नही लगी और संज्ञान भी नहीं लिया। अब भूस्वामी बनने के लिए कब्जाधारी एक के बाद एक फर्जी शपथ पत्र एसडीएम कार्यालय में जमा कर रहे हैं मीडिया में सुर्खिय बनने पर तथा आपत्ति के बाद अनुविभागीय अधिकारी ने जांच की बात कही है।

शासन द्वारा राजस्व आय बढाने के लिए शासकीय स्तर में जमीन की कीमत तय कर जमीन बिक्री पट्टा दिया जा रहा है इसमें शहर से लेकर ग्रामीण अचंल में भू माफिया सक्रिय हो गए, शासन को गुमराह कर औने पौने दाम में जमीन कूटरचना करते हुए कब्जा करने का खेल होने लगा है। ऐसे में बैगेर भौतिक जांच किए पट्टा देने पर सवालिया निशान लग रहा है जो शासन की छवि को भी खराब कर रहा है।

ग्राम कैसैय्या घरघोड़ा नगर पंचायत से लगा हुआ है बताया जा रहा है कि यह भूमि सड़क से सटा हुआ है। इस वजह से जमीन को कब्जा व करने व मालिक बनने भूमाफियाओ की गिद्ध नजर बनाए हुए है। इस बीच कब्जा को सत्यापित करने वाले पटवारी की भूमिका सन्दिग्ध है क्योंकि सम्भवतः बैगेर जांच पड़ताल किए दफ्तर में बैठकर कब्जा दर्शाया जा रहा है। ऐसे में पटवारी की भूमिका की जांच होना निहायत ही जरूरी हो गया है।

भाजपा नेत्री के बाद संजय महिलाने कांड चर्चाओं का बाजार गर्म –
पटवारी से कब्जा दर्शाए जाने के बाद प्रशासन ने भी अपनी कार्रवाई को आगे बढ़ा दिए जिसमें अपर कलेक्टर ने भूमि का मालिकाना हक के लिए आवेदक के पट्टा आवेदन पर अनुमोदन की मुहर लगा दिए है ऐसे में पट्टा की मांग करने वाले व्यक्ति को पैसे लेकर जाना है और पट्टा लेना है। इस तरह कब्जा व फर्जीवाड़ा का खेल उजागर होते ही जमीन से जुड़े अधिकारी कर्मचारी पटवारी एवं स्थानीय लोगो की कार्यप्रणाली चर्चाओं में बन गया है।

क्या कहते हैं अधिकारी=

शासकीय भूमि के कब्जे व नियमितीकरण के आवेदन के संदर्भ में जितनी भी आपत्तियां दर्ज कराई जा रही है, सभी की जांच की जाएगी। जांच के उपरांत ही रिकार्ड सही पाए जाने पर आवेदक को भूमि का पट्टा प्रदाय किया जाएगा।

अशोक मार्बल एसडीएम, घरघोड़ा

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