
पर्यावरण प्रदूषण की भयंकर मार ….. जाने माने चिकित्सक कहते हैं सर के बाल से लेकर पैर की नाखून तक प्रदूषण की चपेट में …. डॉक्टर भूल चुके हैं फेफड़े का रंग गुलाबी होता है …अब कैंसर के साथ Sarcoidosis नामक बीमारी फैला रही पैर …इसके बाद भी जन सुनवाई चरम पर
शमशाद अहमद
रायगढ़ । जिले का पर्यावरण प्रदूषण की भयंकर स्थिति किसी से छुपी हुई नहीं है इसके पीछे की वजह जिले में अंधाधुंध अनियंत्रित औद्योगिक विकास को जाता है। औद्योगिक विकास जिस गति से हुआ उसके अनुरूप बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास नहीं हुआ और न ही इस ओर कभी गंभीरता से शासन प्रशासन स्तर पर कोशिशें की गई। इसके बाद भी जिले लगातार नए उद्योग स्थापित हो रहे हैं पुराने उद्योगों का विस्तारी करण किया जा रहा है।
इसे लेकर जब शहर के जाने माने चिकित्सक क्रांतिकारी सोच वाले डॉक्टर राजू अग्रवाल से बात की गई तो उनका कहना है कि औद्योगिक विकास को ही सिर्फ विकास का पैमाना मान लिया है औद्योगिक विकास के साथ विनाश के भयंकर परिणाम और आगे देखने को मिलेगा और हमारी अगली पीढ़ी हमे कभी माफ नहीं करेगी आज जब एक बच्चा पैदा होता है तो अपने जन्म के साथ ही अपनी आयु के 10 वर्ष पहले खो चुका होता है। जिले के औद्योगिक प्रदूषण कई तरह की जहरीली विषाक्त तत्वों से भरा होता है हवा में फैलता जा रहा है और पर्यावरण हर दिन और खतरनाक होता चला जा रहा है। खतरनाक हो चुकी जहरीली हवा में फ्लाई ऐश के खतरनाक तत्व को हम हर पल सांस के रूप में ले रहे हैं इसमें सिर्फ फ्लाई ऐश ही नहीं उद्योगों से निकलने वाली कई तरह के लिक्विड फॉर्म सहित जहरीले धूएं अन्य कण हवा और पानी में लगातार घुल रहे है जमीन के नीचे का जलस्तर भी जहरीला हो चुका है। उन्होंने इस पर जोर देते हुए कहा जहरीले कैमिकल तत्व पानी के साथ सतह में प्रवेश कर रही है हम जहरीले हवा के साथ अशुद्ध पानी भी पी रहें हैं। और पानी में घुले इन जहरीले तत्वों को कोई फिल्टर मशीन साफ नहीं कर सकती है।
डॉक्टर राजू अग्रवाल आगे कहते हैं कि औद्योगिक प्रदूषण के साथ खस्ताहाल सड़कें मानव जीवन और प्राकृतिक जल जंगल जमीन पर बेहद विपरीत प्रभाव पड़ता चला गया। अनियमित औद्योगिक विकास से लगातार जल जंगल जमीन पर का विनाश होता चला गया नतीजा पर्यावरण में प्रदूषण बढ़ता चला गया और अब विनाशकारी दौर में प्रवेश कर चुका है। नतीजा नाना प्रकार की बीमारियों के बीच चर्म रोग/ चर्म कैंसर, लंग्स कैंसर, सहित अलग प्रकार के कैंसर, सहित महिलाओं और बच्चों पर यह प्रदूषण बेहद विपरीत प्रभाव डाल रहा है। खतरनाक पल्यूशन हार्ट पर भी विपरीत प्रभाव डाल रहा है। जिसकी वजह से बेवजह कैंसर के साथ हार्ट अटैक की बीमारी बढ़ रही है। उन्होंने कहा की अब तक लोग Sarcoidosis (सार्कोइडोसिस) नाम बीमारी से अनजान रहे लेकिन ये अब क्षेत्र में तेजी से अपना पैर पसार रही है। इसके सैकड़ों मरीज सामने आ चुके हैं।
डॉक्टर राजू अग्रवाल ने कहा की वायु में पीएम 2.5 सर्वाधिक हो चुकी है। समस्त प्रकार के औद्योगिक प्रदूषण की वजह से कुछ भी अछूता नहीं रह गया है। प्रदूषण को लेकर उन्होंने कहा की एनजीटी की रोक लगी थी क्या हुवा इसके बाद भी तमनार, घरघोड़ा, पूंजीपथरा एरिया सहित जिले के अलग अलग जगहों में लगातार औद्योगिक विकास के नाम पर नए उद्योग सहित पुराने उद्योगों के विस्तार हो रहे हैं। जिम्मेदार यदि इस पर गंभीर होते तो यहां के बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास के बिना नए उद्योग की स्थापना और पुराने के विस्तार की अनुमति हरगिज न देते। क्षेत्र में उद्योगों का अनियंत्रित विकास अब हवा पानी जल जीवन जंगल सबके लिए विनाश का कारण बन चुका है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया की इसके विरोध में अगर बात की जाए तो विकास विरोधी का तमगा लगा दिया जाता है। लेकिन इसके लिए आवाज उठानी भी जरूरी है अन्यथा आने वाली पीढ़ी को हम जवाब नहीं दे पाएंगे।