जब इस हिंदी माध्यम स्कूल के 2 सौ बच्चों के भविष्य की अनदेखी को देखा तब सामाजिक कार्यकर्ता सोमदेव मिश्रा उच्च न्यायालय में दायर किया याचिका कोर्ट ने कहा अंग्रेजी माध्यम को प्रोत्साहित करने …….पढ़े पूरी खबर
घरघोड़ा।
घरघोड़ा शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल हिंदी मीडियम के अस्तित्व को बचाने के लिए घरघोड़ा के सामाजिक कार्यकर्ता सोमदेव मिश्रा द्वारा माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ के समक्ष अपने अधिवक्ता आशुतोष मिश्रा के माध्यम से जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका में इन सभी बातों का उल्लेख किया गया कि शासन द्वारा स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल को प्रोत्साहन देने हेतु पूर्व से संचालित हिंदी माध्यम स्कूलों की अनदेखी की जा रही है इसके साथ ही हिंदी माध्यम एवं अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों के अध्ययन हेतु कॉमन सेटअप जारी किया गया है, जिसमें हिंदी मीडियम में वर्तमान में संचालित कई विषय जैसे कि कृषि, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, हेल्थ केयर एवं अन्य विषयों को स्थान नहीं दिया गया है, जबकि वर्तमान में घरघोड़ा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मैं यह सभी विषय लगातार संचालित होते आ रहे हैं एवं इन में अध्ययनरत विद्यार्थियों की संख्या लगभग 200 है । इस प्रकार कॉमन सेटअप जारी हो जाने के कारण इन सभी विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में होना दिखाई दे रहा है इसके साथ ही उक्त याचिका में इस बात का भी उल्लेख किया गया कि पूर्व में मुख्य सचिव द्वारा जारी अर्ध शासकीय पत्र के अनुसार हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों को पास के अन्यत्र विद्यालय में स्थानांतरित कर दिए जाने का उल्लेख है, जिससे वर्तमान में घरघोड़ा में संचालित हिंदी माध्यम शासकीय विद्यालय बंद होने की स्थिति में आ सकती है । इसके अतिरिक्त याचिकाकर्ता के अधिवक्ता श्री मिश्रा ने तर्क में माननीय न्यायालय के समक्ष इस बात को भी रखा कि रायगढ़ जिले के अंतर्गत संचालित स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में शिक्षकों की भर्ती हेतु नियम एवं अन्य जिलों में शिक्षकों की भर्ती हेतु जारी किए गए विज्ञापन मे कई विरोधाभास है, इस प्रकार स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों के संचालन हेतु एक समरूप दिशा निर्देश जारी किए जाने चाहिए साथ ही हिंदी मीडियम विद्यालयों का संचालन पूर्व मैं किए गए जारी सेटअप के अनुसार ही किया जाना चाहिए । याचिकाकर्ता द्वारा संस्थित प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय के डिविजन बेंच माननीय न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा एवं न्यायमूर्ति रजनी दुबे के द्वारा सुनवाई की गई एवं शासन को नोटिस जारी किया गया । उक्त प्रकरण में शासन द्वारा पैरवी अतिरिक्त महाधिवक्ता द्वारा की गई ।