जयंती के अवसर पर याद किये गए बापू * महात्मा गांधी अमर रहे के नारों से गुंजा गांधी चौक जब वरिष्ठ पार्षद सलीम नियारिया के नेतृत्व में पार्षदगण पहुंचे गांधी प्रतिमा और माल्यार्पण कर मनाई गांधी जयंती*
रायगढ़-/- पूर्व सभापति एवं नगर निगम के वरिष्ठ पार्षद सलीम नियरिया के नेतृत्व में पार्षदगणों ने महात्मा गांधी की 152 वी जयंती पर महात्मा गांधी चौक में स्थित उनकी प्रतिमा पर ससम्मान माल्यार्पण किया और महात्मा गांधी अमर रहे के नारे लगाये साथ ही आज ही के दिन लाल बहादुर शास्त्री जिन्होंने गरीबी और बेरोजगारी को सबसे बड़ा दुश्मन माना और देश वासियों के हित मे लड़ाई लड़ी आज उनके भी जयंती पर उन्हें भी याद करते हुए उनके नारे जय जवान जय किसान करते हुए उन्हें नमन किया ।
देश की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान निभाने वाले महात्मा गांधी की आज 152वीं जयंती मनाई गई साथ ही लाल बहादुर शास्त्री की भी जयंती पर उन्हें याद किया गया,आज भी उनके आदर्श और विचार लोगों का जीवन सफल बना रहे हैं. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था, उनका जन्म गुजरात के पोरबंदर में शुक्रवार 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था. महात्मा गांधी ने पूरे जीवन सत्य और अहिंसा की राह चुनी. उन्होंने भारत की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान निभाया था,महात्मा गांधी ने अपने जीवन के आदर्शों के पथ पर चलते हुए अहिंसा को अपना कर अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया था कहते हैं कि कोई भी व्यक्ति महान पैदा नहीं होता है, उसे उसके आदर्श, विचार और सरलता ही महान बनाते हैं. महात्मा गांधी के आदर्शों पर चलकर हम भी अपने जीवन में कई अच्छे कार्य कर सकते हैं और अपने जीवन को महान बना सकते हैं।
शास्त्री जी हमारे देश के दूसरे प्रधानमंत्री के रूप में 18 माह का कार्यकाल किया उससे पहले वह नेहरू जी के कार्यकाल में गृह मंत्री रेल मंत्री परिवहन संचार मंत्री वह वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री रहे 1952 1957 वह 1965 के आम चुनाव में पार्टी की निर्णायक एवं जबरदस्त सफलता में उनकी सांगठिक प्रतिभा को परखने की उनकी अद्भुत क्षमता का हि योगदान था जब वह रेल मंत्री थे तब एक रेल दुर्घटना में कई लोग मारे गए थे जिसके लिए स्वयं को जिम्मेदार मानते हुए उन्होंने रेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि “शायद मेरी लंबाई में छोटे होने एवं नम्र होने के कारण लोगों को लगता है कि मैं बहुत दृढ नहीं हो पा रहा हूं यद्यपि शारीरिक रूप से मैं मजबूत नहीं हूं लेकिन मुझे आता है कि मैं आंतरिक रुप से इतना कमजोर भी नहीं हूं,” अपने गुरु महात्मा गांधी के ही लहजे में एक बार उन्होंने कहा था “मेहनत प्रार्थना करने के समान है” महात्मा गांधी के समान विचार रखने वाले लाल बहादुर शास्त्री भारतीय संस्कृति की श्रेष्ठ पहचान है
महात्मा गांधी चौक में पार्षदगणों ने बापू को याद करते हुए प्रतिमा पर माल्यार्पण किया नारे लगाए साथ ही सभी ने महात्मा गांधी के विचारों को अपने जीवन को सफल बनाने अमल करने की शपथ ली।पार्षदगणों में रत्थु जायसवाल,प्रभात साहू,लक्ष्मीनारायण साहू,गौतम महापात्र,आरिफ हुसैन,राकेश तालुकदार,संजना शर्मा,लखेश्वर मिरी,डॉक्टर प्रतीक विश्वाल, चंद्रमणी बरेठ,एल्डरमेन विजय टंडन शामिल हुए।
पार्षद सलीम नियारिया ने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर हम उन्हें शत शत नमन करते है, उनके आदर्शों को ग्रहण करना उतना आसान नही है फिर भी हम यदि उन्हें अपना आदर्श मानते है तो यह हमें प्रयास करना चाहिए,बापू के अनुसार अहिंसा ही सबसे बड़ा धर्म है, वहीं जिंदगी का एक रास्ता है ,जब तक गलती की स्वतंत्रता नहीं होती, तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं होता है.
पाप से घृणा करो और पापी से प्रेम करो
जब भी आपका सामना किसी विरोधी से हो तो उसे प्रेम से जीतने की कोशिश करें बापू के ये विचार केवल शब्द नही बल्कि यतार्थ है सच्चाई है जिसे हमें ग्रहण करना चाहिए।
वही जय जवान, जय किसान का नारा देने वाले लालबहादुर शास्त्री जी एक ऐसे शख्सियत थे, जिनके बारे में बहुत ही कम बात होती है। आज किसान अपने हक कि लडाई लड़ रही है जो कि वर्तमान यह बड़ी विड़म्बना हैं शास्त्रीजी गरीबी और बेरोजगारी को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानते थे। वे कहते थे ” आर्थिक मुद्दे हमारे लिए सबसे ज्यादा जरूरी है और यह बेहद महत्वपूर्ण है कि हम अपने सबसे बड़े दुश्मन ‘गरीबी और बेरोजगारी’ से लड़ें”।