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लकड़ी तस्करों द्वारा लखनपुर क्षेत्र में जंगलों की अंधाधुंध कटाई ….. वन विभाग को पता नहीं या खामोशी की स्वीकृति..?

 

एम. एस.खान की रिपोर्ट

सरगुजा के लखनपुर वन परिक्षेत्र में विभाग के अफसरों की कोताही के कारण धड़ल्ले से हरे पेड़ों की धुआंधार कटाई जारी है। बेखबर विभाग वन माफिया तस्कर और अतिक्रमणकारियों पर शिकंजा कसने में नाकाम साबित हो रहे हैं, हाईटेक मशीनों से इमारती और बेशकीमती पेड़ों की कटाई हो रही है लेकिन हैरानी की बात है कि वन अमला तस्कर औंर अतिक्रमणकारियों पर चुप्पी साधे बैठी है। कारवाही महज कागजों तक सीमित है जबकि जंगलों में पेड़ों के ठूंठों की अंबार है। दरअसल सरगुजा के लखनपुर वन परी क्षेत्र में जंगल के सैकड़ों पेडों की धुआंधार कटाई से परेशान स्थानीय लोगों ने वन परिक्षेत्राधिकारी पर मिलीभगत का आरोप लगाया है ।ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जंगल के बीच में अक्सर बेखौफ होकर बेशकीमती लकड़ियों को सिल्ली में बदल रहे हैं ,जंगल से इमारती लकड़ियों का आकार देखकर पार कर रहे हैं लेकिन वन विभाग मौन बैठा हुआ है।

ग्रामीणों के मुताबिक लखनपुर वन परीक्षेत्र रेमहला ,खिरहिरी, कुंवरपुर ,आमा पानी ,तीरखेला चांदो, डूंगु सहित अन्य जंगलों में अतिक्रमणकारियों और लकडी तस्कर बड़े पैमाने पर बेशकीमती लकड़ियों की कटाई कर रहे हैं साथ ही वन भूमि पर पेड़ों की कटाई कर कब्जे का खेल जारी है। वहीं दूसरी मामले में ग्राम जुनाडीह मे सागौन का जंगल है ।यह जंगल लखनपुर वन परीक्षेत्र कार्यालय से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर है ,जहां लकड़ी तस्कर रात में सागौन के प्लांटेशन में आधुनिक मशीनों से पेड़ों की कटाई का लकड़ी तस्करी कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी लेकिन वन विभाग की कार्रवाई सिर्फ और सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब वहां सिर्फ ठूंठ ही बच जाएगा।

पेड़ कटाई से नुकसान

तेजी से बढ़ती बारिश के पानी में प्राकृतिक बाधाएं पैदा करते हैं, जिसका नतीजा नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ जाता है जिससे बाढ़ आती है। वनों की कटाई के साथ जमीन के ऊपर उपजाऊ मिट्टी बारिश के पानी से उन जगहों पर बह जाती है जहां इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता है। वनों की कटाई के परिणाम बहुत गंभीर है ,इसका सबसे बड़ा नुकसान वायु प्रदूषण के रूप में देखने को मिलता है, जहां पेड़ों की कमी होती है वहां हवा प्रदूषित होता है शहरों में वायु प्रदूषण की समस्या सबसे ज्यादा है शहरों में लोग कई बीमारियों से पीड़ित हैं विशेष रूप से अस्थमा जैसी सांस लेने की समस्याएं ज्यादा है।

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