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महंगाई भत्ता पर निर्णय नहीं लेने से कर्मचारियों अधिकारियों में निराशा …..   प्रांतीय फेडरेशन की 27 नवंबर को रायपुर में बैठक ….लिया जाएगा बड़ा निर्णय हो सकता है ये एलान 

 

रायगढ़ ।

 

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन बिलासपुर संभाग के प्रवक्ता शेख कलीमुल्लाह संभागीय संयोजक डॉक्टर बीपी सोनी ने कहा कि मंत्री परिषद की बहुप्रतीक्षित बैठक में छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों के महंगाई भत्ता समेत किसी भी मांग पर निर्णय नहीं लिए जाने से छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों अधिकारियों में निराशा व्याप्त है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के नेतृत्व में राज्य के कर्मचारियों अधिकारियों ने 3 सितंबर को काम बंद – कदम बंद हड़ताल कर महंगाई भत्ता समेत अन्य मांगों की ओर ध्यान आकृष्ट किया था। हड़ताल के दूसरे दिन माननीय मुख्यमंत्री ने फेडरेशन के प्रतिनिधियों को वार्ता के लिए आमंत्रित कर 5% महंगाई भत्ता की घोषणा किया। प्रदेश के कर्मचारियों अधिकारियों को उम्मीद थी कि भूपेश सरकार शेष 11% महंगाई भत्ता की घोषणा दिवाली में कर कर्मचारियों- अधिकारियों को दीपावली सौगात देगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दीपावली में भूपेश सरकार द्वारा महंगाई भत्ता एवं सातवां वेतनमान एरियर्स की घोषणा नहीं करने से कर्मचारियों व अधिकारियों की दीपावली फीकी रही। छत्तीसगढ़ के कर्मचारी अधिकारी मंत्री परिषद की बैठक मैं महंगाई भत्ता पर निर्णय लेने की अपेक्षा रहे थे लेकिन उनकी अपेक्षाओं पर तुषारपात हुआ। उनकी किसी भी आर्थिक मांग पर विचार नहीं किया गया। छत्तीसगढ़ के कर्मचारी अधिकारी शासन की योजनाओं को पूरे मनोयोग से क्रियान्वित कर रहे हैं यही कारण है कि छत्तीसगढ़ देश की विभिन्न संस्थानों के गुड गवर्नेंस सर्वे में टॉप 5 में अपना स्थान बनाए रखने में सफल रहा है। स्वच्छ राज्य श्रेणी में छत्तीसगढ़ पूरे देश में अव्वल रहा है और माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रपति के हाथों अवार्ड प्राप्त किया। इस उपलब्धि में भी राज्य के कर्मचारियों अधिकारियों की बड़ी भूमिका रही है। महंगाई भत्ता कोई अतिरिक्त परितोष नहीं है बल्कि बाजार के समतुल्य क्रय शक्ति बनाए रखने का माध्यम है। केंद्र सरकार तथा अन्य कई राज्य सरकार अपने कर्मचारियों को 31% महंगाई भत्ता दे रहे हैं जबकि छत्तीसगढ़ सरकार मात्र 17% महंगाई भत्ता दे रही है। महंगाई भत्ते में 14% के अंतर से प्रत्येक कर्मचारी अधिकारियों को 4000 से ₹10000 तक आर्थिक नुकसान हो रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार अपने कर्मचारियों को उसका वाजिब हक नहीं दे रही है, इससे समूचे कर्मचारी जगत में निराशा है। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन को छत्तीसगढ़ के संवेदनशील मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से उम्मीद थी कि मंत्री परिषद की बैठक में महंगाई भत्ता पर निर्णय लेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा ने दिनांक 27 नवंबर दिन शनिवार को शंकर नगर रायपुर स्थित प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ के कार्यालय में शाम 4:00 बजे सभी प्रांत अध्यक्षों की बैठक आहूत किया है। उक्त बैठक में विभिन्न ज्वलंत विषयों पर विस्तृत चर्चा कर आगामी रूपरेखा तैयार की जाएगी। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संभागीय अध्यक्ष बीपी सोनी प्रवक्ता शेख कलीमुल्लाह ने प्रांतीय बैठक आहूत करने के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने उम्मीद जताई है की बैठक में प्रदेश के कर्मचारियों अधिकारियों के भावनाओं का सम्मान करते हुए उचित निर्णय लिया जाएगा।

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